Chapter 13 banjara palace

कुछ देर बाद, करिश्मा की उम्र की ही एक लड़की बाहर आई। उसने करिश्मा जैसी ही स्टाइल में कपड़े पहने हुए थे। अभिमन्यु ने उसे ध्यान से देखा और मन ही मन सोचा, "तो ये है वो लड़की, जिसने करिश्मा को इस स्टाइल में ढाला है।"

करिश्मा ने दोनों को इंट्रोड्यूस कराया, "अभिमन्यु, ये मेरी सबसे अच्छी दोस्त आलिया है।" आलिया बेहद खुशमिजाज और चुलबुली लड़की थी। उसने अभिमन्यु से गर्मजोशी से हाथ मिलाया और फिर कहा, "चलो, अंदर चलते हैं।"

कुछ देर बाद, वे तीनों अंदर थे, जहां स्टेज की तैयारियां चल रही थीं। बैकस्टेज में कलाकार अपनी-अपनी प्रैक्टिस में व्यस्त थे, और एक कोने में 'किशोरी गर्ल्स' का ग्रुप मौजूद था। वे तीनों उनके पास पहुंच गए। करिश्मा ने अभिमन्यु को एक बार फिर अपने दोस्तों से परिचित कराया और फिर सभी ने आपस में हल्की-फुल्की बातें करना शुरू कर दिया।

इस बीच, आलिया ने कहा, "ठीक है, चलो एक बार लास्ट रिहर्सल हो जाए।"

सभी लड़कियां तैयार हो गईं और फिर उन्होंने गाना गाना शुरू कर दिया। करिश्मा ने गाना खत्म होने के बाद ताली बजाते हुए कहा, "ब्रावो! देखना, तुम ही जीतोगी।"

लेकिन अभिमन्यु ने कोई खास प्रतिक्रिया नहीं दी। करिश्मा ने उसे देखा और पूछा, "तुम्हारा क्या ख्याल है?"

अभिमन्यु ने बस हल्के से कहा, "हां, ठीक है।" इतना कहकर वह फिर चुप हो गया। थोड़ी देर तक वे लोग आपस में बातें करते रहे, लेकिन अभिमन्यु उनकी बातों से ऊब गया था। उसने करिश्मा से कहा, "मैं थोड़ी देर में आता हूँ," और फिर वहां से उठकर स्टेज की तरफ बढ़ गया।

स्टेज पर जाते ही उसने देखा कि उसकी उम्र का एक लड़का, जो करीब 18-19 साल का लग रहा था, कुछ वर्कर्स को निर्देश दे रहा था। जैसे ही अभिमन्यु उसके पास पहुंचा, उस लड़के ने उसे पहचानते हुए कहा, "अरे अभिमन्यु! तुम यहां कैसे?"

अभिमन्यु ने जवाब दिया, "बस घूमने आया था। लगता है, काफी बड़ा कॉन्सर्ट है।"

उस लड़के का नाम दिलजीत था और वह बंजारा पैलेस के मालिक का बेटा था। उसका पूरा नाम दिलजीत सिंह था। जब भी शहर में सिंह परिवार की बात होती थी, तो सभी के दिमाग में इसी परिवार का ख्याल आता था, जो कि शहर के सबसे अमीर परिवारों में गिना जाता था। हालांकि अभिमन्यु का सिंह परिवार उससे भी बड़ा था, लेकिन वे सुर्खियों में रहना पसंद नहीं करते थे। उनका मुख्य व्यवसाय इवेंट्स और एंटरटेनमेंट लाइन में था।

दिलजीत ने मुस्कुराते हुए कहा, "हां, पापा ने सारी जिम्मेदारी मुझे ही दे दी है।"

अभिमन्यु ने कहा, "तुम अच्छा कर रहे हो।"

दिलजीत ने हंसते हुए कहा, "मुझे मदद करोगे इस इवेंट को होस्ट करने में?"

अभिमन्यु ने तुरंत हामी भरते हुए कहा, "हां, क्यों नहीं।"

दिलजीत ने उसे एक इयरफोन दिया और फिर अभिमन्यु उनके काम में मदद करने लगा। उसने अभिमन्यु को एक लिस्ट थमा दी और कहा, "तुम परफॉर्मर्स का ध्यान रखो, मैं बाकी काम देखता हूँ।"

अभिमन्यु ने लिस्ट ली और काम में जुट गया। उसने परफॉर्मर्स को निर्देश देना शुरू किया और सबको लीड करने लगा। इस बीच 'किशोरी गर्ल्स' के ग्रुप में से किसी एक ने नोटिस किया कि अभिमन्यु काम में बिजी हो गया है। उसने अपनी सहेली से कहा, "ये अभिमन्यु क्या कर रहा है? क्या वो यहां काम करता है?"

करिश्मा ने अभिमन्यु को काम करते हुए देखा और मुस्कुराते हुए कहा, "हां, ऐसा ही कुछ समझ लो।"

तभी एक दूसरी लड़की ने कहा, "वैसे वो काफी हैंडसम है।"

करिश्मा ने उसे चिढ़ाते हुए पूछा, "तुम्हें क्या, वो पसंद आ गया है?"

उस लड़की ने तुरंत जवाब दिया, "अरे नहीं-नहीं! वो हैंडसम है, पर मेरे टाइप का नहीं है।"

आलिया ने मजाक करते हुए पूछा, "अच्छा! तो फिर तुम्हारा टाइप क्या है?"

उस लड़की ने सोचते हुए कहा, "मेरा टाइप तो जैसे फिल्मों का कोई हीरो हो। लड़ाई में एक्सपर्ट, थोड़ा अमीर भी हो, इतना कि मुझे शॉपिंग और डेट पर ले जा सके। लेकिन ये तो काफी शरीफ और सीधा-सादा लग रहा है। मुझे तो लगता है इसे तो लड़ाई के नाम से ही पसीना आ जाता होगा।"

आलिया ने उसे समझाते हुए कहा, "अरे यार, लड़ाई-झगड़ा करना अच्छी बात नहीं होती। मुझे तो सीधे-सादे लड़के ही पसंद आते हैं।"

उस लड़की ने फिर चुटकी लेते हुए कहा, "लगता है, अभिमन्यु तुम्हारे टाइप का है।"

आलिया ने तुरंत कहा, "अरे नहीं-नहीं! मैं बस बता रही थी। मुझे अभिमन्यु को डेट नहीं करना।"

तभी दूसरी लड़की ने हंसते हुए कहा, "अरे यार, प्रॉब्लम क्या है? वैसे भी तू अभी तक सिंगल है, इसे डेट करने का ट्राई तो कर।"

इतने में एक तीसरी लड़की ने मजाकिया लहजे में कहा, "अरे पागल है क्या? ये तो लॉन्ग-डिस्टेंस रिलेशनशिप होगा। वो कैसे मैनटेन करेगी? अभिमन्यु तो दो दिन के लिए ही यहां है, फिर उसे वापस दिल्ली जाना है।"

इस बीच एक और लड़की ने शरारत से कहा, "तुम लोग बात नहीं समझ रहे हो। शायद करिश्मा को अभिमन्यु पसंद करता है, इसलिए आलिया उसे डेट नहीं करना चाहती। सही कहा ना?"

करिश्मा ने तुरंत जवाब दिया, "अरे नहीं, मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है। ये उसकी लाइफ है, जिसे चाहे डेट करे। हम दोनों बस अच्छे दोस्त हैं।"

शाम के सात बजते ही बंजारा पैलेस की रौनक और भी बढ़ गई थी। हॉल के चारों तरफ हल्की-हल्की रोशनी और मंच पर चमचमाती लाइटें माहौल को उत्साह से भर रही थीं। एक के बाद एक परफॉर्मेंस की तैयारी चल रही थी और हर कलाकार के चेहरे पर उत्साह और जोश साफ झलक रहा था। बैकस्टेज में माहौल बहुत ही हल्का और खुशनुमा था। सभी कलाकार एक-दूसरे से बात कर रहे थे, हंसी-मजाक हो रहा था और वहीं, अभिमन्यु पूरी तन्मयता के साथ इवेंट को मैनेज कर रहा था। उसके हाथ में एक लिस्ट थी जिसमें परफॉर्मर्स के नाम और उनकी बारी का जिक्र था। उसे देखकर साफ लग रहा था कि इस इवेंट को सफल बनाने में उसकी कोई कसर बाकी नहीं थी।

उसकी आंखें हर कोने पर थीं, किसी को मंच की ओर भेजना हो या माइक की सेटिंग चेक करनी हो, वह हर छोटी से छोटी बात पर नजर रखे हुए था। बीच-बीच में वह परफॉर्मर्स से भी मिलकर उन्हें अंतिम निर्देश दे रहा था और सभी के उत्साह को बढ़ा रहा था। स्टेज के एक कोने से दूसरे कोने तक दौड़ते हुए वह अपने काम में इस तरह डूबा था कि उसे वक्त का भी अंदाजा नहीं था। मंच पर चल रहे कार्यक्रमों का संचालन करते हुए उसने न केवल खुद को बल्कि पूरे इवेंट को बखूबी संभाल लिया था।

दूसरी ओर, सूरज त्रिपाठी के विला में:

"अरे, जल्दी कीजिए अंकल! शो तो कब का शुरू हो चुका होगा!" सुुकन्या ने घबराते हुए कहा। वह अपने नाखूनों पर नेल पॉलिश लगा रही थी और शीशे के सामने खड़ी होकर खुद को देख रही थी। उसकी आवाज में साफ झलक रहा था कि वह इवेंट मिस नहीं करना चाहती थी।

सूरज त्रिपाठी, जो कि विला के अंदर अपने तैयार होने में व्यस्त थे, आखिरकार बाहर आए। उन्होंने एक स्टाइलिश काला सूट पहन रखा था। उनके बालों में जेल लगी थी और वह इस तरह तैयार होकर आए कि कोई भी उन्हें देखकर यही कहेगा कि वह किसी बॉलीवुड फिल्म के हीरो से कम नहीं लग रहे थे। उनकी चाल में एक अलग ही रॉयल्टी झलक रही थी, जैसे वह किसी बड़े शो के स्टार मेहमान हों।

सुकन्या ने जैसे ही उन्हें देखा, वह चौंकते हुए बोली, "वाह अंकल! आपको देखकर तो लड़कियां एकदम फ्लैट हो जाएंगी।"

सुकन्या ने खुद भी एक खूबसूरत नीली ड्रेस पहन रखी थी, जिसमें वह बला की खूबसूरत लग रही थी। उसकी मुस्कान और उसकी चाल ने उसके आत्मविश्वास को और भी बढ़ा दिया था। वह किसी राजकुमारी से कम नहीं लग रही थी। उसके कपड़े, उसकी एसेसरीज, और उसकी खूबसूरत ड्रेस सब कुछ इस इवेंट के माहौल को और भी रंगीन बना रहे थे।

कुछ ही देर बाद, दोनों अपने विला से निकल पड़े। उनके साथ कुछ सुरक्षाकर्मी भी थे, जो उनकी सुरक्षा के लिए उनके पीछे-पीछे चल रहे थे, लेकिन इस तरह कि वे उनसे थोड़ा दूरी बनाए हुए थे ताकि उनकी प्राइवसी भी बनी रहे।

बंजारा पैलेस के अंदर कदम रखते ही, वहां की भव्यता और सजावट ने उनका स्वागत किया। रंग-बिरंगी लाइटें, चमचमाते पर्दे, और आलीशान सजावट ने पूरे माहौल को राजसी बना दिया था। सूरज और सुकन्या सीधे वीआईपी क्षेत्र की ओर बढ़े, जहां पहले से ही कई बड़े लोग बैठे थे। दोनों को देखकर वहां मौजूद लोग उन्हें नोटिस करने लगे, खासकर सूरज त्रिपाठी के स्टाइल और व्यक्तित्व ने सभी का ध्यान खींचा।

वीआईपी एरिया में पहुंचकर, दोनों अपनी कुर्सियों पर आराम से बैठ गए और कार्यक्रम का आनंद लेने लगे। सुकन्या ने आसपास नजर घुमाई और कार्यक्रम में हो रही हलचल को देखते हुए मुस्कुरा दी। वहीं, सूरज त्रिपाठी का ध्यान मंच की ओर था, जहां अभी एक और परफॉर्मेंस शुरू होने वाली थी।

बंजारा पैलेस के इस खास कार्यक्रम में हर तरफ रौनक थी। चाहे वो बैकस्टेज का उत्साह हो या फिर फ्रंट स्टेज पर होने वाली धूमधाम, हर किसी की निगाहें सिर्फ और सिर्फ परफॉर्मेंस और इस इवेंट के भव्य आयोजन पर थीं।