Chapter 28 कातिल की तलाश

कुछ देर बाद कपिल मेहता और उसके लोग असलम के घर के बाहर खड़े थे। कपिल अपनी शानदार ऑडी कार में ही बैठा था, जबकि उसका एक आदमी बाहर खड़े होकर स्थिति का जायजा ले रहा था। वह आदमी जल्दी से कपिल की कार के पास आया और झुकते हुए बोला, "बॉस, उसके घर पे ताला है।"

कपिल की आँखों में हल्की चिंगारी सी चमकी। उसने अपने आदमी से पूछा, "उसके बाकी साथियों का क्या हुआ?"

उस आदमी ने तुरंत जवाब दिया, "बॉस, उन सबके घरों में भी ताला है। शायद वो लोग अंडरग्राउंड हो गए हैं।"

कपिल मेहता ने गुस्से में अपनी कार के स्टीयरिंग पर जोर से हाथ मारा। उसकी आवाज गूंजती हुई आई, "उन्हें जल्द से जल्द ढूंढो। मुझे उस लड़के के बारे में सब कुछ पता करना है।"

इतने में, उसका वही आदमी फिर से झुककर बोला, "बॉस, हमने आसपास के इलाकों में अपने लोग भेज दिए हैं, जल्दी ही कुछ पता चलेगा।"

कपिल ने एक पल के लिए अपने गुस्से पर काबू करते हुए सोचा, "यह सब किसने किया? कौन था वो लड़का जिसने इतने बेरहमी से सबका खात्मा कर दिया?" उसके दिमाग में सवाल गूंज रहे थे, और अब उसकी पूरी ताकत इस लड़के को ढूंढने पर केंद्रित हो गई थी।

सुबह का वक्त था और कैफे की खिड़कियों से हल्की-हल्की धूप अंदर आ रही थी। आकाश और अभिमन्यु नाश्ते की टेबल पर बैठे हुए थे। टेबल पर प्लेटों में अंडे और ब्रेड के टुकड़े रखे थे, साथ ही दोनों के पास एक-एक कप चाय थी। नाश्ता करते हुए आकाश ने धीरे से पूछा, "आज क्या तुम फ्री हो?"

अभिमन्यु ने नाश्ता करते हुए जवाब दिया, "हां, क्यों क्या हुआ?"

आकाश ने कहा, "देखो, हमारे ऑफिस के पास एक कैफे है। उसका ओनर, मोहित गर्ग, मुझे अच्छे से जानता है। उन्होंने मुझे बताया कि उन्हें कुछ पार्ट-टाइम इम्प्लॉइज़ की जरूरत है। मुझे नहीं लगता कि ये परीक्षा के नियमों के खिलाफ होगा, क्योंकि ये जॉब तुम्हें नॉर्मल प्रोसीजर से मिलने वाली है। मैं बस तुम्हें उस जॉब के बारे में बता रहा हूँ।"

अभिमन्यु ने बिना ज्यादा सोचे कहा, "ठीक है, चला जाऊंगा।"

आकाश ने अपनी चाय की आखिरी घूंट लेते हुए कहा, "अभी चलो, मैं ऑफिस ही जा रहा हूं, तुम्हें कैफे छोड़ दूंगा।"

इसके बाद, दोनों आकाश की बाइक पर सवार होकर कैफे की ओर निकल पड़े। हल्की ठंडी हवा चल रही थी, और बाइक सड़कों से गुजरती हुई कैफे की ओर बढ़ रही थी। रास्ते में शहर की हलचल थी, लेकिन अभिमन्यु अपने ख्यालों में डूबा हुआ था। कुछ ही समय बाद, दोनों कैफे के सामने पहुंच गए।

कैफे का नाम "Café de Bonjour" था, जो एक फ्रेंच नाम था, जिसका अर्थ होता है "आपका दिन शुभ हो।" कैफे की बाहरी सजावट काफी सुंदर थी। कांच की बड़ी-बड़ी खिड़कियों के पीछे रंग-बिरंगे काउच और मेजें दिख रही थीं। कैफे में काफी भीड़भाड़ थी, लोग अपनी-अपनी चाय और कॉफी का आनंद ले रहे थे। कैफे की सजावट काफी मॉडर्न थी, और अंदर की हर चीज़ साफ-सुथरी और सुव्यवस्थित थी। दीवारों पर हल्के रंगों का इस्तेमाल किया गया था, और यहां-वहां कुछ मॉडर्न आर्ट की पेंटिंग्स टंगी हुई थीं।

आकाश और अभिमन्यु जैसे ही कैफे में दाखिल हुए, आकाश ने मुस्कुराते हुए कहा, "गुड मॉर्निंग, गर्ग जी!"

मोहित गर्ग, जो कैफे के मालिक थे, काउंटर के पीछे खड़े थे। उन्होंने सफेद शर्ट और काले रंग की पतलून पहन रखी थी, और उनकी आंखों पर गोल चश्मा था। उन्होंने आकाश को देखते ही मुस्कुराते हुए जवाब दिया, "गुड मॉर्निंग, ऑफिसर आकाश! आपके साथ ये कौन है?"

आकाश ने अभिमन्यु की ओर इशारा करते हुए कहा, "ये मेरा छोटा भाई है। आपने कल कहा था न कि आपको कुछ पार्ट-टाइम एम्प्लॉईज़ चाहिए?"

मोहित गर्ग ने अभिमन्यु की ओर देखा और मुस्कुराते हुए पूछा, "क्या ये एक विद्यार्थी है?"

आकाश ने हंसते हुए कहा, "हां, इसने अभी-अभी इंटरमीडिएट क्लियर किया है, और अगले महीने से इसके कॉलेज शुरू हो जाएंगे। इस बीच ये फ्री है, तो ये फुल-टाइम भी काम कर सकता है।"

मोहित गर्ग ने गंभीरता से अभिमन्यु की ओर देखा और पूछा, "अच्छा, तुम सैलरी कितनी लोगे?"

अभिमन्यु ने यह सवाल सुनते ही थोड़ा सोचते हुए जवाब दिया, "आप ही बता दीजिए, मुझे इस बारे में कोई अंदाज़ा नहीं है।"

मोहित गर्ग ने हल्की हंसी के साथ कहा, "फिर भी, तुम कुछ तो उम्मीद कर रहे होगे?"

अभिमन्यु ने थोड़ी झिझक के साथ पूछा, "आप अपने एम्प्लॉईज़ को कितना देते हैं?"

मोहित गर्ग ने शांति से कहा, "देखो, मैं अपने पार्ट-टाइमर्स को 150 रुपये घंटे के हिसाब से देता हूं। तो अगर तुम्हें मंजूर हो, तो बताओ।"

सैली ने उसके मन में कहा, "इससे ज्यादा पैसे तो हम अंडरवर्ल्ड के काम करके कमा सकते हैं।"

लेकिन अभिमन्यु ने उसकी बात को नजरंदाज करते हुए कहा, "मुझे मंजूर है, काम कब से शुरू करूं, बॉस?"

मोहित गर्ग ने काउंटर की तरफ इशारा करते हुए कहा, "वैसे तो मैं कहूंगा कि कल से, लेकिन इस वक्त मेरे पास कोई और स्टाफ मौजूद नहीं है। जितना भी स्टाफ था, सबकी अच्छी जगह पर नौकरियां लग गई हैं। अब बस तुम और मैं ही हैं।"

कैफे काफी बड़ा था, यहां लगभग बीस टेबल्स थीं। मेनू में कई तरह की कॉफी, चाय और स्नैक्स के आइटम्स थे। ये जगह साफ-सुथरी और बेहद पेशेवर लग रही थी। मोहित गर्ग एक कुशल कुक थे, खासकर नाश्ते और स्नैक्स के मामले में। उनकी रसोई में हर चीज़ सुव्यवस्थित थी, और हर आइटम को खास तरीके से तैयार किया जाता था।

इसी बीच, सीढ़ियों से एक लड़का दुकान पर आता है। उसने कैज़ुअल कपड़े पहने थे, और आते ही उसने आकाश को देख कर मुस्कुराते हुए कहा, "गुड मॉर्निंग, आकाश भाई!"

आकाश ने उसे देखकर जवाब दिया, "गुड मॉर्निंग, ध्रुव!"

मोहित गर्ग ने कहा, "और हां, ये मेरा बेटा ध्रुव है।"

ध्रुव ने हाथ मिलाने के लिए हाथ बढ़ाया और अभिमन्यु से कहा, "हेलो!"

अभिमन्यु ने हाथ मिलाते हुए जवाब दिया, "मैं अभिमन्यु।"

ध्रुव ने मुस्कुराते हुए कहा, "मुझे तुमसे मिलकर खुशी हुई।"

सैली, जो अभिमन्यु के मन में हर समय बातें करती रहती थी, ने फिर से चुटकी लेते हुए कहा, "ये लोग हमेशा कहते हैं कि 'तुमसे मिलकर खुशी हुई।' आखिर किस बात की खुशी होती है, मुझे समझ ही नहीं आता!"

लेकिन अभिमन्यु ने उसकी बातों को फिर से नजरअंदाज कर दिया।

आकाश ने घड़ी की ओर देखते हुए कहा, "ठीक है, अब मुझे ऑफिस के लिए निकलना होगा। लेट हो रहा हूं।"

आकाश के जाने के बाद, मोहित गर्ग ने अभिमन्यु की ओर देखा और कहा, "तो अभिमन्यु, सबसे पहले तो हमारे कैफे की ड्रेस पहन लो और तैयार हो जाओ।"

ध्रुव ने अभिमन्यु को ऊपर के चेंजिंग रूम में ले जाकर कैफे की ड्रेस थमाई। चेंजिंग रूम साफ-सुथरे और व्यवस्थित थे, और उन्हें महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग रखा गया था।

अभिमन्यु ने जब ड्रेस पहनी, तो उसमें एक सफेद टी-शर्ट और काली पतलून थी, और एक टोपी थी, जिस पर कैफे का नाम "Café de Bonjour" लिखा था। ड्रेस पहनते ही अभिमन्यु ने एक हल्की मुस्कान दी, और दोनों फिर से नीचे कैफे के काम के लिए तैयार हो गए।

Bonjour का मतलब फ्रेंच भाषा में "आपका दिन शुभ हो होता है।"

जैसे ही आकाश अपने ऑफिस पहुँचा, वहाँ का माहौल पूरी तरह से बदला हुआ था। आमतौर पर ऑफिस में एक नियमित हलचल होती थी, लेकिन आज हर जगह बेचैनी और तनाव साफ दिख रहा था। लोग अपने-अपने डेस्क पर फाइलों के ढेर में डूबे हुए थे, फोन लगातार बज रहे थे, और कुछ पुलिस अधिकारी भागदौड़ करते दिख रहे थे। माहौल में एक अलग सा सन्नाटा था, जो अनहोनी की ओर इशारा कर रहा था। आकाश को अंदाज़ा हो गया था कि कुछ बड़ा हुआ है, लेकिन उसे पूरी बात का अभी पता नहीं था।

आकाश ने अपने डेस्क की ओर बढ़ते हुए एक जूनियर अफसर, पटिल, को देखा, जो घबराया हुआ लग रहा था। आकाश ने उसे रोकते हुए पूछा, "अरे पटिल, ये सब क्या हो रहा है? सब इतने तनाव में क्यों हैं?"

पटिल ने जल्दी से जवाब दिया, "सर, पिचली रात को रंगा के बार में किसी ने घुसकर रंगा और उसके खास आदमियों को उसके प्राइवेट केबिन में ही मार डाला। ये केस बहुत हाई-प्रोफाइल है।"

इतना कहने के बाद पटिल जल्दी-जल्दी अपने काम की ओर लौट गया, मानो उसे और भी कई काम निपटाने हों। आकाश थोड़ी देर सोचता रहा। रंगा एक बहुत बड़ा नाम था, खासकर अंडरवर्ल्ड में। उसका बार शहर का एक चर्चित और विवादास्पद स्थान था, जहाँ कई गुप्त सौदे होते थे। इस मर्डर के पीछे कौन हो सकता है, ये जानना अब बहुत जरूरी हो गया था।

आकाश ने फिर अपने डेस्क पर जाकर फाइल्स को देखा और अपने काम में जुटने लगा, लेकिन उसके मन में अभी भी रंगा की हत्या का मामला चल रहा था। तभी एक अफसर उसके पास आया और सम्मान से खड़े होकर कहा, "सर, आपको सौरव सर ने अपने केबिन में बुलाया है।"

सौरव शर्मा, उस क्राइम ब्रांच के हेड थे। वो पूरे विभाग के मुखिया थे और शहर के सबसे पेचीदा और जघन्य हत्याओं के मामलों की जांच उन्हीं के नेतृत्व में होती थी। सौरव अपने सख्त अनुशासन और प्रोफेशनल अप्रोच के लिए जाने जाते थे। उनके नेतृत्व में काम करने वाले अफसर हमेशा अपने काम में सतर्क रहते थे क्योंकि सौरव किसी भी मामले में चूक को बर्दाश्त नहीं करते थे।

जैसे ही आकाश सौरव के केबिन की ओर बढ़ा, उसे एहसास हुआ कि मामला कितना बड़ा हो सकता है। उसने जल्दी-जल्दी अपनी वर्दी को ठीक किया और दरवाज़ा खटखटाकर अंदर गया। अंदर जाने पर उसने देखा कि मिस भावना मिश्रा भी वहाँ पहले से मौजूद थीं। भावना, टीम बी की लीडर थीं और वो आकाश की तरह ही एक तेज़-तर्रार अधिकारी थीं। दोनों ही काफी यंग थे, लेकिन उनकी काबिलियत और प्रोफेशनलिज़्म की वजह से उन्हें सीनियर अफसर भी काफी इज्जत देते थे। हालाँकि, दोनों के बीच एक अनकहा प्रतिस्पर्धा भी रहता था। दोनों ही हमेशा यह दिखाने की कोशिश में रहते कि कौन बेहतर केस सुलझा सकता है।

सौरव शर्मा, जो अपने डेस्क के पीछे गहरी सोच में बैठे हुए थे, ने आकाश को अंदर आते देखा और गंभीरता से कहा, "आम तौर पर जब हमारे विभाग को कोई केस मिलता है, तो उसे या तो टीम ए या टीम बी को सौंपा जाता है। लेकिन कुछ केस इतने बड़े होते हैं कि दोनों टीमों को मिलकर काम करना पड़ता है।"

सौरव ने अपनी कुर्सी से उठते हुए कहा, "ये केस ऐसा ही है। रंगा और उसके आदमियों की हत्या का मामला। हमें इसे जल्दी से जल्दी हल करना होगा, और इसके लिए तुम दोनों को साथ मिलकर काम करना पड़ेगा।"

आकाश ने भावना की तरफ एक नज़र डाली। भावना की आँखों में भी वही उत्सुकता और चुनौती की झलक थी। दोनों समझ गए थे कि ये कोई साधारण केस नहीं है। रंगा की मौत का मतलब था कि शहर में कोई बड़ा खेल खेला जा रहा है। अब सवाल ये था कि इस खेल के पीछे कौन है और उसकी अगली चाल क्या होगी।

सौरव ने फाइल्स का एक मोटा बंडल उनके सामने रखा, जिसमें घटना की शुरुआती रिपोर्ट, गवाहों के बयान, और हत्या के स्थान की तस्वीरें थीं। उन्होंने गंभीर स्वर में कहा, "इस केस का हर पहलू जांच के लायक है। हमें छोटी से छोटी डिटेल को भी नजरअंदाज नहीं करना है।"

आकाश और भावना ने फाइल्स उठाईं और एक-दूसरे की तरफ गंभीरता से देखा। दोनों जानते थे कि अब ये केस उनकी क्षमता की असली परीक्षा थी। दोनों अपने-अपने तरीके से इसे सुलझाने के लिए तैयार थे, लेकिन अब उन्हें साथ मिलकर काम करना था।