जिसे सुन रुही ,,,,,आयुष की तरफ देखते हुए ,,,,,,,ठीक है ,,,,,,,मैं इस शहर से और,,,,,,तुम सबसे,,,,,, कही बहुत दूर चली जाऊंगी ,,,,,
,यह कहे रूही,,,,,,,आयुष के हाथों से पैसे ले लेती है ,,,,,,,और उन पैसों को अपनी दर्द भरी स्माइल कर,,,,,,,देखते हुए, ,,,,,,,,, तुम क्या चीज हो ,,,,,,,तुम्हें पाने के लिए लोग,,,,,,,,किसी भी हद तक चले जाते हैं ,,,,,,,और अच्छे से अच्छे लोग ,,,,,,,,,,,भिखारी बन जाते हैं
और फिर वह वहां से जाने लगती है,,,,,,,,कि तभी आयुष दौड़ता हुआ ,,,,,,,,,,रोहि के पास जा,,,,,,,उसे कागज दे,,,,,,,रोहि तुम्हे जब भी ,,,,,,मेरी जरूरत हो,,,,,,,तो इस नम्बर पर मुझे फोन कर देना ,,,,,,
, और हां ध्यान से जाना,,,,,,,क्योंकि मिहिर के आदमियों की नजर आब भी कहीं ना कहीं,,,,,तुम पर होगी,,,,,यह कह,,,,,,,,वह वहां से चला जाता है
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और वहीं दूसरी तरफ साईना वॉशरूम से निकाल ,,,,,,कॉलेज से बाहर जाने लगती है ,,,,,,,और उसके पीछे-पीछे उसके बॉडीगार्ड्स भी होते हैं,,,,,तभी उसकी नजर सामने गेट के बाहर की कार पर जाती है ,,,,,जिसे देख साईना अपना सलाइवा घटते हुए,,,,,,धीरे-धीरे कदम कार की तरफ,,,बढ़ाने लगती है
साईना काफी डरी हुई थी,,,,,,,जब से उसने उस कमरे के अंदर का हाल देखा था,,,,,,,तब से उसके अंदर का,,,,,,यह डर जा ही नहीं रहा था
की तब तक साईना,,,,,उस कार तक पहुंच जाती है,,,,,
साईना अभी,,,,,अपने मन में,,,,,कास ,,,,,कार के अंदर ,,,,आदित्य ना हो,,,,,,की तभी वह बॉडीगार्ड गेट खोल,,,,साईना को अंदर बैठने को कहता है,,,,,
और वहीं साईना बॉडीगार्ड की बात सुन,,,,,,एक लंबी गहरी सांस ले,,,,,,, आपना सर उठा,,,,,, कार के अंदर देखती है,,,,,,,तो सच में आदित्य,,,,पहले से ही,,,,,कार के अंदर बैठा हुआ था ,,,,,,जिसे देख साईना की तो जैसे सांस अटक गई हो
और वही आदित्य कार के अंदर बैठा ,,,,,फोन चला रहा था,,,,,लेकिन साईना को ,,,,, अब तक कार के अंदर ना आता देख,,,,,,आदित्य फोन से नजर हटा ,,,,,सामने अपनी आंखें छोटी कर ,,,,,साईना को देखने लगता है
जिसे देख साईना अपना सलाइवा घाटक ,,,,,,,हर बढ़ाते हुए,,,,,आदित्य से दूरी बना ,,,,,कार के अंदर बैठ जाती है ,,,,
और वही आदित्य जो कब से चीन को देखे जा रहा था ,,,,,,,उसे डरा हुआ और घबराते हुए ,,,,,खुद से दूर बैठा देख,,,,,,,आदित्य अपना हाथ आगे बढ़ा,,,,, साईना का कमर पकड़ ,,,,,उसे अपनी गोद में बैठा लेता है
और वहीं साईना की तो जैसे,,,,,,अब सासे रुक गई हो ,,,,,,,जिससे साईना अपना सलाइवा घटक ,,,,,, घबराते हुए,,,,,,अपना सर उठा,,,,,,आदित्य की तरफ देखते हुए,,,,,आदित्य,,,, ये ये क्या कर रहे हो
जिसे सुन आदित्य अपना हाथ आगे बढ़ा,,,,,,, साईना के बालों को सहलाते हुए,,,,,बड़े प्यार से ,,,,,,,,अब यह बताओ कि तुमने कल रात उस कमरे में क्या देखा
और वहीं साईना जो आदित्य से डर रही थी ,,,,,,, लेकिन आदित्य की बात सुन, ,,,,,,,,,,
साईना जैसे कांपने लगी थी ,,,,और फिर वह अपने डरी हुई नजरों से ,,,,,,आदित्य की तरफ देखते हुए,,,,,,,क्या इसने मुझे कल,,,,,,वहां देख लिया थाथा, ,,,,,,ह सोचते हुए साइना कापने लगती है ,,,,,,,,,क्योंकि उसके सामने कल रात वाला सीन,,,,,फिर से आने लगता है
फ्लैशबैक🩵🩵
दो लोग एक कमरे में जख्मी हालत में पड़े हुए थे ,,,,,,यह वही लोग थे,,,,,,,जिसने साईना के साथ मिसबिहेव किया था,,,,
और उसी के सामने आदित्य,,,,,किसी राजा की तरह,,,,,,कुर्सी पर बैठा,,,,,,अपने हाथों में तलवार लिए ,,,,,,,गुस्से से ,,,,,,उन दोनों को घुर रहा था,,,,,,,,,,,इस वक्त आदित्य की आंखें,,,,,,,बिल्कुल लाल थी ,,,,वह किसी राक्षस से कम नहीं लग रहा था
तभी आदित्य एक झटके से ,,,,,,,,उस कुर्सी से उठ,,,,,,,अपने हाथ में तलवार लिए हुए ,,,,,,उन लड़कों के करीब जा,,,,,,,,अपने तलवार से उस लड़के का हाथ काटते हुए,,,,,, इसी इसी हाथ से छुआ था ना,,,,,,तूने साईना को,,,,,यह कहते हुए आदित्य उसके दोनों हाथ काट देता है
जिससे उस लड़के की,,,,,दर्द भारी चीख,,,,,उस कमरे में गुंज उठता है ,,,,,,,,,,और यही हाल दूसरे लड़के का भी यही हाल था,,,,,,,,,,, यह सब नजर ,,,,,,अपनी आंखों से देख कर ,,,,,,,,जिसे देख ,,,,,,उसकी तो जैसे जान ही निकल गई हो
और फिर आदित्य ,,,,,,दूसरे लड़के की तरफ मुड़ ,,,,,,,,गुस्से से अपने दांत पीसते हुए ,,,,,,,,तूने भी तूने भी छुआ था ना ,,,,,,मेरी साईना को ,,,,,,,,,,,,यह कहते हुए आदित्य ,,,,,,,,उसके भी दोनों हाथ काट देता है
और फिर गरम तेल ला,,,,,,,उन दोनों की आंखों में डालते हुए ,,,,,,,और इन्हीं आंखों से तूने मेरी साईना को देखा था,,,,,,,,,,और उसकी आंखें जला देता है
वह इस वक्त किसी हैवान से कम नहीं लग रहा था ,,,,और उस कमरे से उन दोनों की दर्द भरी चीखें सुनाई दे रही थी ,,,,,,,,जिसे सुन किसी की भी रुह काप जाये,,,,,,,,
और वहीं गेट के बाहर खड़ी साईना,,,,,,,,,,यह सब , देख रही थी,,,,,, इस आदित्य से बहुत डर लग रहा था, ,,,,,,
और उसके दिमाग में,,,,,,,,एक ही चीज घूम रही थी ,,,,,,, की इन सब की जान,,,,,, उसकी वजह से गई है,,,,,
वहां बहुत ही डर चुकी थी,,,,,,,, जिससे वह वाहां से भाग जाती है,,,,,,,और वही कमरा के अंदर आदित्य पागलों की तरह हंसते हुए ,,,,,,wah मेरी है सिर्फ मेरी,,,,,,,,उसे छुने का,,,,,,उसे प्यार करने का ,,,,,,,उसे देखने का हक सिर्फ मेरा है ,,,,,,,और किसी को नहीं,,,,,,,अगर किसी ने उसे,,,,,,आंख उठा कर भी देखा,,,,,,,,,,,तो मैं उसकी जान ले लूंगा ,,,,,,,यह कहते हुए आदित्य ,,,,,,,,,किसी सनकी आशिक की तरह लग रहा था
यह सब सोच साईना डर से सुन हो जाती है ,,,,,,,,वह तो डर की वजह से,,,,,,,हिल भी नहीं पा रही थी ,,,,,,, वह इस वक्त इतनी डरी हुई थी,,,,,,,कि उसे लग रहा था,,,,,,,कि अगर वह हिलेगी,,,,,,,,तो यह राक्षस कहीं उसे भी ना मार दे,,,,,जिससे वह डर से अपने कपड़ों को टाइट से पकड़ लेती है ,,,,,
और इधर आदित्य उसे इस तरह देख,,,,,,,अपना हाथ साईना के गालो से हटा,,,,,,,,उसके कमर पर रखते हुए ,,,,,,,,,निचे झुक,,,उसके होठों पर होठों रख,,,,उसे किस कर लेता है
और वहीं साईना आब भी कोई रिस्पांस नहीं कर रही थी ,,,,,,,,,,क्योंकि वह आदित्य के इस तरह करने से,,,,,,वह खुद में समेटती चली जा रही थी
और वही आदित्य 15 मिनट के किस के बाद ,,,,,,,,उसे छोड़ते हुए ,,,,,,,,,देखा ना ,,तूमने,,,,,,,,कि कल मैंने,,,,,,,, उन लड़कों काका,्या ,,,,,हाल किया ,,,,,,,,,और अगर तुम चाहती हो ,,,,,,,,,कि अब आगे ऐसा ना हो ,,,,,,, तो तुम मुझे,,,,,,,,,कभी भी ,,,,,,किसी लड़के के साथ नहीं नजर आने चाहिए ,,,,,,,,,अगर ऐसा होगा तो,,,,,,,सोच लेना की ,,,,, मै उसका और तुम्हारा क्या हाल करुणा,,,
और फिर दोबारा उसके गालो को सहलाते हुए ,,,,,,क्योंकि यू आर माय ओनली माय ,,,,,यह कहते हुए,,,,, आदित्य दुबारा उसके होठों पर किस कर लेता है
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और वहीं दूसरी तरफ ,,,,,,,तीन लड़के आपस में बातें कर रहे थे ,,,,,,,,,की इस आर्य को तो मजा चखाना होगा,,,,,,,यह खुद को समझती क्या है ,,,,,,,,वह खूबसूरत है तो ,,,,,,,इसका मतलब कुछ भी करेगी
अरे,,,,,,,हमें समझ के क्या रखा है,,,,,,,हम कुत्ते है,,,,,जो उसके इशारों पर चलेंगे
जिसे सून ,,,,,,दूसरा लड़का हां,,,,,इस आर्य को तो मजा चखाना होगा,,,,,,, क्योंकि ये हर बार ,,,,,हमारे काम में टांग जो आगामी है
और तीसरा,,,,,,,,सही कहा ,,,,अगर उस दिन,,,,,,यह साली ने,,,,,,,उसे लड़की को कुछ कहा ना होता ,,,,,,,तो लड़की हमें मारती ना,,,,,,,,,देखा नहीं आर्य के शब्दों से ही ,,,,,,,उसे लड़की के पर निकल आए थे
उस लड़की की तो ,,,,,,,,पर हमने कुद्दार दिए हैं ,,,,,,,,लेकिन इस आर्य के पर कुतरने हैं,,,,,,,,क्योंकि इसी की वजह से,,,,,,,सबके पर निकलने लगे हैं ,,,,,,यह कहते हुए वह लड़के कुछ प्लानिंग करने लगते हैं ,,,,,
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और वही दूसरी तरफ रूही बस स्टैंड के सामने बैठी ,,,,,उस कागज को देखी जा रही थी,,,,,,,,जिसमें आयुष का नंबर लिखा हुआ था
वहां उस नंबर को देखते हुए ,,,,,रूही किसी सोच में चली जाती है
फ्लैशबैक
आज के लिए बस इतना ,,,,बाय अब कल मिलते हैं