और वही दूसरी तरफ रूही बस स्टैंड के सामने बैठी ,,,,,उस कागज को देखी जा रही थी,,,,,,,,जिसमें आयुष का नंबर लिखा हुआ था
वहां उस नंबर को देखते हुए ,,,,,रूही किसी सोच में चली जाती है
फ्लैशबैक
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अब आगे_______________________
और वही ruhi मुस्कुराते हंसते हुए ,,,,ऑडिटोरियम के अंदर जाती है,,,,,,,,कि तभी उसके ऊपर फूलों की बरसात होती है ,,,,,,पूरा होल फूलों से सजाया हुआ था,,,,,और वहां पर एक रोमांटिक म्यूजिक चल रहा था
और उसी के सामने घुटनों के बल बैठा एक लड़का,,,,,,रूही को गुलाब का फूल देते हुए ,,प्रपोज कर रहा था
और वही रूही जिसने एक शॉट ब्लैक स्कर्ट पहनी थी,,,,,,और एक वाइट लूज क्रॉप टॉप ,,,,,,और उसके साथ एक लॉन्ग शूज,,,,,,जिसमें वह किसी एंजेल की तरह लग रही थी ,, , ,,,,, और वैसे भी रुही की खूबसूरती का,,,,,,पूरा कॉलेज दीवाना था,,,,,,,शिवाय मिहिर के ,,,,,,,वह तो बस अलीशा के साथ ही रहता था,,,,या यूं कहे घूमता था
अब इसे कोन बताएं कि यह जिसके पीछ पागलों की तरह घूमता था,,,,वो लड़की तो ,,,,,वह थी ही नहीं,,,,,,,, खैर छोड़ो ,,,,,,आब अपनी स्टोरी पर आते हैं
और रुहि एक तक अपने सामने बैठे लड़के को देखते हुए ,,,,,,,,,आयुष यह तुम क्या कर रहे हो,,,,,,,और फिर चारों तरफ देखती है ,,,,,,,कि कोई वहां पर है तो नहीं,,,,,,,लेकिन वहां पर कोई था ही नहीं,,,,,,,,शिवाय उन दोनों के,,,,,,,,,क्योंकि आयुष ने पहले ही,,,,,,,उस ऑडिटोरियम को खाली करवा दिया था,,,,, जैसे उसे पहले से ही पता था ,,,,,कि आरुषि का कैसा रिएक्शन होगा
और वही आयुष,,,,,इस तरह खड़े हो uske सामने आते हुए,,,,,मैं तुम्हें अपनी गर्लफ्रेंड बनना चाहता हूं ,,,,,क्या तुम मेरी गर्लफ्रेंड बनना चाहोगी
जिसे सुन रुही ,,,,,आयुष को कुछ देर देखती हैं,,,,,,और फिर उसके हाथों से गुलाब ले,,,,,,, हिच किचाते हुए,,,,,,,,, आई एम सॉरी आयुष ,,,,,लेकिन तुमसे प्यार नहीं करती,,,,,
यह कहे रूही ,,,,,,,उसे गोर से देखने लगती है ,,,,,, और फिर कुछ सोच ,,,,,,,क्योंकि मैं किसी और से प्यार करती हूं,,,,, और फिर वही यह का वहां से जाने लगती है ,,,,,,,
कि तभी आयुष,,,,क्या वह मिहिर है
जिसे सुन रुही के कदम वहीं रुक जाते हैं,,,,,,और फिर वह पीछे पलत ,,,,,आयुष को देखने लगती है ,,,,,,,तो आयुष उसके पास आ,,,,,,उसकी आंखों में देखते हुए,,,,,,,,,हां बोलो ,,,,,वह क्या ,,,माहिर है
जिसे सुन रुही,,,,,अपनी पलकें झपका देती है ,,,,,,,और अपने दांतों तले,,,,,,,होठों को दबाव चबाने लगती है ,,,,,,,क्योंकि रोहि जैसी भी हो ,,,,,शरारती,,,नटखट,,,,चुलबुली ,,,,,,लेकिन मिहिर उसका पहला प्यार था,,,,,,शायद आखरी भी,,,,,,,,,जिसे उसे बहुत शर्म आ रही थी, , ,,,
और वही आयुष को यह सुन उसका दिल टूट जाता है ,,,,,,,,उसे बहुत दुख हो रहा था ,,,,,,,कि वह जिससे प्यार करता है,,,,,वह उसके दोस्त से प्यार करती है ,,,,,,,,जो कि उसका कभी हो नहीं सकता,,,,,,,जिसे आयुष ,,,, रुहीकी तरफ देखते हुए,,,,,,,,,,लेकिन वह तुमसे प्यार नहीं करता है ,,,,,वह सिर्फ अलीशा से प्यार करता है ,,,और उसी से शादी करेगा
जिसे सुन रोही ,,,,,अपना सर उठाया उसकी तरफ देखने लगती है,,,,,,,,,,,, तो,,,,,,,,जो वह उसी की तरफ देख रहा था ,,,,,,,उसे देखते हुए ,,,,,,यह क्या कह रहे हो,,,,,वह तो उसकी दोस्त है ना
रुही की बात सुन,,,,,,आयुष ने कहा,,,,, आलिसा उसकी दोस्त ही नहीं,,,,, उससे बढ कर है,,,,,,,,,,वह उसकी बचपन का प्यार है,,,,,,तो इतनी आसानी से वह तुम्हारा नहीं हो पाएगा
अरे ऐसे कैसे ,,,,,, वो मुझसे प्यार नहीं करेगा ,,,,,,वह भी मुझसे प्यार करेगा ,,,,,,जैसे मैं करती हूं,,,,,,,और वह कोई आलिसा से प्यार नहीं करता,,,,,,और वह उसे ही प्यार क्यों करेगा,,,,,,,मैं तो उससे भी ज्यादा सुंदर ,,,,,,और मैं आपसे खुद से प्यार करने पर मजबूर भी कर दूंगी
आजमा लो,,,,, लेकिन वह,,,,,,तुम्हें पलट कर भी नहीं दिखेगा
आयुष की बात सुन रूही को टेंशन होने लगी थी ,,,,,,,,कि क्या सच में ,,,,,,,, मिहिर उससे कभी प्यार नहीं करेगा
यह सोचते हुए रोहि दोबारा ,,,अपने दांतों से,,,,,,अपने होठों को चबाने लगती है,,,,,,
तभी से रुही हमेशा,,,,,,,, मिहिर के आगे पीछे घूमती थी,,,,,,वह उससे बात करने की कोशिश करती थी,,,,,,उसे गिफ्ट देती थी ,,,,,,,लेकिन मिहीर ने ,,,,,कभी भी उसकी तरफ ,,,,,सच में पलट कर नहीं देखा था ,,,,
जिससे रूही को बहुत बुरा लगता था,,,,,उसने लगभग 1 सालों तक ,,,,,,मिहिर का हमेशा पीछा किया था,,,,,
,अब तो वह,,,,,,,हिम्मत भी हार चुकी थी ,,,,,,,क्योंकि उसने भी मान लिया था,,,,,कि मिहिर,,सच में ,,,,,, उसके साथ कभी खुश नहीं रहेगा,,,,,,,,,जितना वह अनीशा के साथ खुश रहेगा ,,,,,,,,
इसलिए रूही उससे के बाद से ही मिहिर का पीछा करना छोड़ दिया ,,,,,,,,,और उससे अपनी दूरी बना ली थी,,,,
लेकिन उसके 6 महीने बाद ही ,,,,,,रूही ने मिहिर से शादी कर ली थी ,,,,,,,वह भी फोर्सली ,,,,,अपने डैड से कह के,,,,,,,,,,,,,और वहीं ,,,,,आयुष उसका अच्छा दोस्त बन गया था,,,,,जो हमेशा उसका साथ देता था
यह सब सोचते हुए ,,,,,,,रूही की आंखों से आंसू आ जाते हैं ,,,,,जो गालो से होते हुए ,,,,,,कागज पर लिखे,,,,,,अक्षरों को भीगो रहे थे
जिसे रूही,,,,,,,अपने आंसुओं को पहुंच ,,,,,,उस कागज को देखते हुए ,,,,,,,आई एम सॉरी आयुष,,,,,,यह कहे ,,,,,वह,,उस कागज के टुकड़े कर देती है
क्योंकि वह अब नहीं चाहती थी,,,,,,कि कि उसकी वजह से ,,,,,,,आयुष को कोई तकलीफ हो ,,,,,,,,,क्योंकि उसे पता था ,,,,,,, की अगर मिहिर को पता चल गया ,,,,,,, की आयुष उसका साथ दे रहा है ,,,,,,,,तो वह उसे भी नहीं छोड़ेगा
यह सब सोच ही रही थी ,,,,,कि तब तक ,,,,,,उसकी बस आ जाती है ,,,,और फिर वह वहां से,,,,,,उठ,,,,अपने बस की तरफ जाने लगती है
तभी रूही को वहाँ एक बूढी औरत दिखती है,,,,,,,जो कि उसे,,,,उसकी बैक दिख रही थी ,,,,,,,क्योंकि वह उसके आगे,,,,,,,,,,,,काफी दूर खड़ी थी ,,,,,,उसे वह औरत काफी जाने पहचानी लग रही थी ,,,,,,,,,,,,जिससे रुही अपने दिमाग पर जोड़ देते हुए सोचने लगती है ,,,,,,तो उसे याद आता है ,,,,,,कि यह औरत वही थी,,,,,,,जिसे उसकी उस दिन रोटी चीनी थी
जिसे सोच रुही अपने कदम बस की तरफ बढ़ा देती है ,,,,,,,कि तभी एक कार वाला ,,,,, उस बूढी औरत से टकरा जाता है ,,,,,,,,,और वह औरत उडते हुए ,,,,,,सड़क के बीचों बीच जा करती है
और वही रुही,,,,,जो बस की तरफ जा रही थी ,,,,,,,,उसेश औरत का एक्सीडेंट देख ,,,,,, चिखते हुए,,,,,अपने कदम ,,,,उस औरत की तरफ बढ़ा देती है,,,,,,,उसे नहीं पता ,,,,,,,कि यह औरत कौन थी ,,,,,,,लेकिन फिर भी उसका दिल बेचैन हो रहा था,,,,,उसे अपने दिल में घबराहट हो रही थी
तब तक वहां ,,,,,काफी भीड़ इकट्ठी हो गई थी,,,,,,जो आपस में कह रहे थे ,,,,,,,कि यह बूढी औरत कौन है,,,,,,अरे यह कोई भीखारण लग रही है
और वह सब,,,वापस में बातें कर रहे थे ,,,,,,,,,की तभी एक आदमी था उसे औरत को पलट देता है,,,,,,,तब तक रूही भी वहां पहुंच जाती है ,,,,,,,और उसका चेहरा देखती है ,,,,,,एक चीख के साथ ,,,,,,,मां कहते हुए ,,,,,,उसके पास बैठ जाती है ,,,,,,,और फिर रोते हुए,,,,,,,यह मेरी मांम्मा है,,,,,, मांम्मा उठो ना ,,,,, ,,,,,,,और फिर उसे उठाने लगती है
कि उसमें से एक आदमी बोलता है,,,,,,,कहीं यह मार तो नहीं की
जिसे सुन रुहि चिखते हुए,,,,,,,खबरदार जो मेरी मां को मरा हुआ कहा तो,,,,,,,मेरी मां जिंदा है ,,,,,,,और फिर वह,,,,, फिर से अपनी माँ को उठाने लगती है
की तबी उनमें से एक आदमी,,,,,,अरे चलो ,,,,चलो अब तो इस भिखारन की बेटी आ गई है ,,,,,,यह संभाल लेगी ,,,,,,यह कहे सब अपने अपने कामों में चले जाते हैं
और वही रूही जबरदस्ती अपने आंसुओं को साफ करते हुए, ,,,,,,ह हां हां ,,,,,मैं में मैं ,,,,,अपनी मां को बचा लूंगी,,,,,,,यह कहते हुए ,,,,,,,, रुही जबरदस्ती अपनी मां को उठाने लगती है ,,,,,,,,लेकिन उसकी मां काफी भारी थी,,,,,,,और रुही काफी कमजोर,,,,,,क्योंकि वह 7 सालों से जेल में थी,,,,,,,,,,,और उसने तो कई दिनों से खाना भी नहीं खाया था ,,,,,,,,,,और उसे जेल में भी रोटी जल्दी नहीं मिलती थी,,,,,,,,,,,उसे तो चार चार पांच दिनों तक,,,,,,,भूख रखा जाता था जिससे उसकी बॉडी बहुत ही कमजोर हो गई थी
लेकिन रूही हिम्मत नहीं है हारती ,,,,,,,,और वह बड़ी मुश्किल से किसी तरह ,,,,,,,अपनी मां को उठा,,,,,,,किनारे ले जा,,,,,,, अस्पताल पहुंचाने के लिए ,,,,,,,किसी से हेल्प मांगने लगती हैं,,,,,,,,लेकिन कोई भी उन्हें अस्पताल पहुंचाने के लिए तैयार नहीं था
आज के लिए इतना
क्या कभी रूही जिंदगी में खुशी आएगी,,,,,,,या उसकी मां की दी ,,, हुई बा दुआ,,,,,,सच में रोहि को लग गई ,,,,,,जो उसके साथ पूरी जिंदगी रहेगी ,,,,,
जाने के लिए पढ़ते रहे
हेलो मेरे प्यारे रीडर ,,,,,आज तो जाते जाते,,,,मुझे अपने अच्छे रिव्यू और रेटिंग देते जाईए ,,,,अरे कुछ तो सोचिए,,,,मेरी मेहनत के बारे में
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