Begunah ishq

वह धीरे से अपना सर ,,,उठा,,,अपने होठों पर आब भी ,,,,,उसी तरह स्माइली ला,,,,,अपना सर पीछे कर,,,,,,,मिहिर की तरफ देखती है,,,,,,, तो मिहिर को गुस्से से खुद की तरफ आता देख,,,,,रूही की रोगटे खड़े हो जाते हैं,,,,,,,,लेकिन वह अपने डर को,,,,,काबू कर ,,,,रुही,,अब भी,,उसी तरह मिहिर को घुरी जा रही थी,,,,,,,जैसे कि उसे भी कोई मतलब ना हो ,,,,,इस वक्त रुही की आंखों में ,,,,कोई ईमोशन नहीं थे,,,,,यहां तक खुद की जिंदगी को जीने का भी नहीं 

 

और वही मिहिर,,,,, जो अब भी रुही की तरफ,,,,अपने कदम बढ़ा रहा था,,,,,रूही के चेहरे पर कोई ,,,,,ना इमोशन देख,,,,,,मिहिर को और भी गुस्सा आ रहा था ,,,,,,उसे ऐसा लग रहा था,,,, की रुही,,सब जानबूझकर कर रही है ,,,,,जिससे मिहिर अपने लंबे कदमों से ,,,, रूही के करीब जा,,,,उसके बालों को पकड़ उठाते हुए ,,,,,उसका चेहरा अपने चेहरे के पास ला,,,,,अपने दांत भेजते हुए

 

तू खुद को समझती क्या है ,,,,,तुझे क्या लगता है,,,,,,मैं तेरी इन हरकतों से पिघल जाऊंगा,,,,,,तो ऐसा कभी नहीं होगा ,,,,,,तो हमेशा मेरी नजर में गिरी थी है ,,,,और रहेगी ,,,,,लेकिन आज तो तुम और भी मेरी नजर से गिर गई,,, 

 

और फिर महीर रुही के चेहरे को देखते हुए ,,,,,,,बहुत घमंड है,, तुम्हे,,,,तुम्हारी खूबसूरत चेहरे का,,,,,,,बहुत शौक है ना तुम्हें अलग-अलग मर्दों को,,,,अपने करीब लाने का,,,,,,यह कहते हुए मिहिर,,, रुही के गालों को दबाने लगता है

 

की तभी मिहिर कुछ ऐसा करता है,,,,,,जिससे रूही का बच्चा-बच्चा भी कॉन्फिडेंस मर जाता है,,,,,

 

तो मिहिर रूही के साथ ऐसा क्या करता है,,,,,,जिससे रूही की आत्मा तक छल्ली हो जाती है,,,,

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अब आगे__________________________________________

और फिर मिहिर,,,,, उसी तरह,,,,,,उसके गालो को दबाते हुए,,,,,तुम्हें बहुत घमंड है ना,,,,,अपनी खूबसूरती का ,,,,,,तभी तुम लोगों को अपनी तरफ अट्रैक्ट करती हो

और उसे वह सब याद आने लगता है,,,, की कैसे रुही,,,,,जमीन पर पड़े ,,,,,,पैसों को उठा ,,,,,,,वह बगैर कोई प्रभाव कीए,,,,,,,,,,उन लड़कों की कैसे बातें मान रही थी

,,,,,,,,उसे यह चीज और भी ज्यादा गुस्सा दिला रही थी,,,,,कि अगर वह वहां ना होता तो शायद रुही,,,,,,उनका ऑफर भी एक्सेप्ट कर लेते कुछ पैसों के लिए

यह सोचकर मिहिर का गुस्सा और बढ़ता जा रहा था,,,,,,जिससे मिहिर रूही को घिन-भरी नजरों से ,,देखते हुए,,,,गुस्से से,,,,,अपने दांत पीसते हुए,,,,,, रुही आज मैं तुम्हारी ऐसी हालत करुंगा ,,,,,,,,कि तुम कभी भी किसी के सामने,,,,,,नजर उठा कर नहीं देख सकती,,,,,,,,,,,और ना ही अपनी खूबसूरती से,,,,,दूसरों को फसा पा योगी,,,,,,,

मैं तुम्हारा ऐसा हाल करूंगा ,,,,,,कि तुम सबसे अपना चेहरा ,,,,,छुपाते फिरोगे ,,,,,,,,

, और फिर उसके चेहरे को ,,,,,,,अपने चेहरे के करीब ला,,,,,,गुस्से से ,,,,,,अपने दांत ,, पिसते हुए,,,,,,, तुमने इसी चेहरे से ,,,,,आदित्य को आयुष को और तो और,,,,,मुझे फसाने की कोशिश की थी,,,,,,,,,,वह तो मैं था,,,,, जो तुम मुझे ,,,, आपनी खूबसूरती की जाल में ,,,,फंसा नहीं पाई,,,,,,,,लेकिन आज से तुम,,,,,किसी को नहीं फसा प सकती 

जिसे सुन रूही ,,,,, मिहिर की तरफ देख हंसते हुए ,,,,क्या , ,,,करोगे क्या ,,,,,,करोगे मुझे मारोगे ,,,,,मार दो ,,,,,क्या करोगे मेरा चेहरा खराब करोगे ,,,,,,और तुम ,, , कर भी कह सकते हो, ,,,,यह कहते हुए ,,,,,अब भी रुही के चेहरे पर,,मुस्कान थी,,,,,,

जो शायद वह ,,,,,अपने दर्द को ,,,,उस मुस्कान के जरिए छुपाना चाहती हो,,,,मिहिर के आगे

या फिर वह ,,,,,मिहिर को यकीन दिलाना चाहती थी ,,,,,कि उसे मिहिर से ,,,,,ना कोई डर लगता है ,,,,,,,और ना ही अब उसकी कोई परवाह है ,,,,,कि वह उसके साथ क्या करेगा

लेकिन कोई कह नहीं सकता,,,,,,कि रुही के दिल में,,,,,,अब भी बहुत डर था,,,,,,वह अब भी डर रही थी ,,,,,,उसका दिल रो रहा था ,,,,,,,क्योंकि वह अपने सामने,,, उस इंसान को देख रही थी,,,,, जिसे उसने ,,,,कभी टूट कर चाहा था ,,,,,,उसने तो हमेशा यही चाहा था ,,,, की एक एसा वक्त आए,,,,कि वह भी,, मुझे इसी तरह ,,,,टूट कर चाहे,,,,

लेकिन अफसोस,,,,,, 9 साल बीत गए,,,,,लेकिन वह दिन आया नहीं ,,, और बीते हुए वक्त पर ,,,,,,जब भी मिहिर ने,,,,,उसे चाहा हो ,,,,,,या फिर दिखावा किया हो ,,,,,या फिर उसका इस्तेमाल ,,,,,,,

उसने कभी भी उसे प्यार नहीं किया था,,,,,,

( आब तो, रूही ,,,,,28 की हो गई थी,,,,फिर भी उसकी खूबसूरती में कोई कमी नहीं थी ,,,,,,वह आप भी दिखने में ,,,,,,,,21,,, 22 साल की लगती थी ,,, उसके हिरनी जैसी आंखें ,,,,,दूध जैसा रंग ,,,,,,उसकी खूबसूरती का कोई जवाब ही नहीं था,,,,

और मिहिर लगभग 31 साल का, , ,,, वह पहले भी दिखने में हैंडसम था ,,,,,,और आज भी उसे अब भी लड़कियां देखती है,,,तो ,,,,मेहर को अपना बनाने से रोक ना सकती,,,,, कहीं लड़कियां मिहर के गुस्से को जानते हुए भी ,,,,,,वह मिहिर के करीब आने की सोचते हैं ,,,,,,जिसका नतीजा मिहींर,,,,उन्हें मौत के घाट उतार देता है ) 

,,,और वही मिहिर गुस्से और घिन भरी नजरों से,,,,रूही का एक नजर देख , , ,,,अपने कदम वह ,,,,,उस केबिन में, बने ,,,,, उस रूम की तरफ कर देता है

और वही रूही अब भी उसी तरह,,,,,जमीन पर बैठे ,,,,,,एक बार अपने दर्द और आंसुओं से भरी आंखें बंद कर ,,,,,लेती है ,,,,,

 

जिससे उसके आंखों में भरी ,,,,,,वह आंसुओं की बूंद ,,,,,उसके गालो से होते हुए ,,,,,,जमीन पर गिर जाती हैं ,,,,,,,लेकिन वह दोबारा ,,,,,,अपने आंसुओं को बहाने से पहले ही,,,,,,उन्हें बड़ी बेरहमी से पोछ देती है,,,,,,और फिर अपने होठों पर स्माइल ला,,,,,,अपने उस दर्द भरे एहसास को ,,,,,,,अपने उस मुस्कान में छुपाने की कोशिश करने लगती है

की तभी उसे मिहिर,,,,,उसी की तरफ आता हुआ दिखता है,,,,, तो रुही की नजर ,,,,,, मिहिर के हाथों पर जाती है,,,,,,जिसे देख रुही की सांसे ,,,,भारी हो जाती है,,,,,,,शायेद उसे एहसास हो गया था ,,,,,आने वाले वक्त या पाल का ,,,,,,,,जो शायद बहुत ही भयानक होने वाला था ,,,,,उसके लिए

अब तो रुही को,,, मिहिर से और भी नफरत होने लगी थी,,,,,,,बीते वक्त के साथ रुही की नफरत ,,,,, बढती जा रही थी,,,,,,,और मेहर का रुही के साथ बर्ताव

 रूही मैहर के हाथों में वह चीज देख ,,,,,,बहुत डर जाती हैं,,,,,, वह इतना डर जाती है कि , ,,,,से समझ नहीं आता,,,,,कि वह क्या करें ,,,,,,जिससे रूही उसी तरह बैठे हुए ,,,,,,धीरे-धीरे अपने कदम,,,,,,पीछे की तरफ कर लेती है,,,,,

क्योंकि उसे अब मिहिर के कहे एक-एक शब्द का मतलब समझ आ गया था ,,,,,,,,और मिहिर के हाथों में वह चीज देखकर,,,,,,उसे आने वाले वक्त से डर लग रहा था,,,,,,,क्योंकि उसे पता चल गया था ,,,,,कि अगर मैं एक बार कुछ ठान लिया,,,,,,,तो वह करके छोड़ेगा

जिससे रुही अब भी ,,,, उसी तरह,,,,,पीछे की तरफ खींसकते हुए,,,,,,,,, अपना सर ना मे हिलाते हुए ,,,,,नहीं मिहिर प्लीज ,,,,,,यह मत करना ,,,,,यह कहते हुए रूही ,,,,,,लगातार पीछे की तरफ ,,,खिसकी जा रही थी

और वही मिहिर अब भी ,,,,, उसी की तरफ,,,,अपने लंबे कदम ले रुही की तरफ ,,,,बढ़ता जा रहा था,,, 

इस वक्त रूही,,,,मिहिर से ,,,,काफी ज्यादा बेबस और ,,,,डरे हुए लग रहे थे,,,,

क्योंकि उसे जिस चीज से इतना प्यार था,,,,,,,वही चीज मिहिर उससे,,,,,, छिनने वाला था ,,,,,

इस वक्त रोहि की आंखें ,,,,,,और उसकी आत्मा ,,,,,बहुत कुछ कहना चाहती हो ,,,,,,

कि बस मिहिर आब मुझे छोड़ दो ,,,,,,मैं तुम्हारे हाथ जोड़ती हूं ,,,,,,,क्यों तुम वक्त के साथ मुझे बर्बाद करने पर टुले हो,,,,,,प्लीज मुझे ,,, बक्क्ष दो ,,,,,,,वरना कहीं यह वक्त तुम पर ना दोबारा भारी पड जाए,,,,,, और तुम्हारे पास ,,,,,,पछताने का भी वक्त ना रहे , , ,,, क्योंकि मिहिर को नहीं पता था ,,,,,,,लेकिन उसे तो पता है,,,,,,कि वह बेकसूर है ,,,,,,कि उसने अलीशा को नहीं मारा है 

लेकिन मिहिर रोहि के इन सभी इमोशंस को साइड कर ,,,,,,वह अपने कदम,,,, रूही की तरफ बढ़ा देता है ,,,,,,

,,,और वही रूही का पीछे खिसकने का फैसला तब खत्म हो जाता है ,,,,,,,जब उसके पीछे दीवार आ जाती है ,,,,,,जिससे उसे पीछे जाने का कोई रास्ता नहीं मिलता ,,,,,,,, 

की तभी मिहिर,,,,,,अपना दाहिना हाथ बढ़ा देता है ,,,,,,जिस हाथ में,,,,,,उसने वह चीज ली थी,,,,,,जिसे रूही डरकर पीछे की तरफ खिसक रही थी

की 5 मिनट बाद ,,,,,रोहि की,,,,उस रूम से,,,,एक चिखने की आवाज आती है,,,,,, मिहीर नहीं,,,,,,,,,,,,,प्लीज नहीं

आज के लिए बस इतना

मिहिर ने रुही के साथ ,,,,,,ऐसा क्या किया ,,,,,,,जिससे रूही को बर्दाश्त नहीं हुआ ,,,,,,,और ऐसी क्या चीज है ,,,,,,,जिसे रुही को बहुत पसंद है ,,,,,जो आज मिहिर,,, रुही से छिनने वाला है,,,,, 

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