जिससे रुही अब भी ,,,, उसी तरह,,,,,पीछे की तरफ खींसकते हुए,,,,,,,,, अपना सर ना मे हिलाते हुए ,,,,,नहीं मिहिर प्लीज ,,,,,,यह मत करना ,,,,,यह कहते हुए रूही ,,,,,,लगातार पीछे की तरफ ,,,खिसकी जा रही थी
और वही मिहिर अब भी ,,,,, उसी की तरफ,,,,अपने लंबे कदम ले रुही की तरफ ,,,,बढ़ता जा रहा था,,,
इस वक्त रूही,,,,मिहिर से ,,,,काफी ज्यादा बेबस और ,,,,डरे हुए लग रहे थे,,,,
क्योंकि उसे जिस चीज से इतना प्यार था,,,,,,,वही चीज मिहिर उससे,,,,,, छिनने वाला था ,,,,,
इस वक्त रोहि की आंखें ,,,,,,और उसकी आत्मा ,,,,,बहुत कुछ कहना चाहती हो ,,,,,,
कि बस मिहिर आब मुझे छोड़ दो ,,,,,,मैं तुम्हारे हाथ जोड़ती हूं ,,,,,,,क्यों तुम वक्त के साथ मुझे बर्बाद करने पर टुले हो,,,,,,प्लीज मुझे ,,, बक्क्ष दो ,,,,,,,वरना कहीं यह वक्त तुम पर ना दोबारा भारी पड जाए,,,,,, और तुम्हारे पास ,,,,,,पछताने का भी वक्त ना रहे , , ,,, क्योंकि मिहिर को नहीं पता था ,,,,,,,लेकिन उसे तो पता है,,,,,,कि वह बेकसूर है ,,,,,,कि उसने अलीशा को नहीं मारा है
लेकिन मिहिर रोहि के इन सभी इमोशंस को साइड कर ,,,,,,वह अपने कदम,,,, रूही की तरफ बढ़ा देता है ,,,,,,
,,,और वही रूही का पीछे खिसकने का फैसला तब खत्म हो जाता है ,,,,,,,जब उसके पीछे दीवार आ जाती है ,,,,,,जिससे उसे पीछे जाने का कोई रास्ता नहीं मिलता ,,,,,,,,
की तभी मिहिर,,,,,,अपना दाहिना हाथ बढ़ा देता है ,,,,,,जिस हाथ में,,,,,,उसने वह चीज ली थी,,,,,,जिसे रूही डरकर पीछे की तरफ खिसक रही थी
की 5 मिनट बाद ,,,,,रोहि की,,,,उस रूम से,,,,एक चिखने की आवाज आती है,,,,,, मिहीर नहीं,,,,,,,,,,,,,प्लीज नहीं
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अब आगे______________________________
लगभग 2 घंटे बाद रूही इस वक्त ,,,,बेड पर अकेली थी ,,,,और उसके शरीर पर ,,,,अब भी जख्म थे ,,,,,,,जो कि कुछ देर पहले मिहीर ने ,,,,उसे दिए थे,,,,जिससे रूही बगैर किसी इमोशन के ,,,,,अपनी आंखों में शिवाय खालीपन लिए ,,,,,वह अब भी ,,,,छत की सीलिंग को ही,,,, घुरी,,, जा रही थी ,,,,,, ,,,,अब तो उसके चेहरे पर ,,,,,वह दर्द भरी स्माइल भी नहीं थी,,,,जो वह मिहिर को एहसास,,,,या तड़पने के लिए किया करती थी
इस वक्त रुही के शरीर पर ,,,,एक भी कपड़ा नहीं था,,,,,शिवाय उसके जख्म के ,,,,,वह धीरे-धीरे से ,,,, अपने आस पास बिखरे ,,,,,अपने कपड़ों को ले,,,,पहन लेती है ,,,,,,और फिर वह धीरे कदमों से,, ,,,दोबारा बेड के पास आ,,,,,बेड पर फेके हुए ,,,,पैसे उठा,,,, वह ,,,,,उस कमरे से निकल ,,,,,वह अपने कमरे की तरफ चली जाती हैं
जब वहाँ से,,,रूही ,,,,,,अपने कमरे की तरफ जा रही थी ,,,,,वहां के ,,,,,कई लोग बस,,,रूही को ही घुरे जा रहे थे ,,,,,,जैसे कि वह रूही को पहचानने की कोशिश कर रहे हो ,,,,,,,पर वहां पर खड़े ,,,,,सभी लोग ,,,,, रूही को सिर्फ घिन भरी नजरों से,,,देख रही थी,,,,,,या फिर तरस भरी नजरों से ,,,, क्योंकि इस वक्त रूही उन सबको किसी पागल की तरह दिख रही थी
लेकिन रुही,,,,,,,,बगैर किसी की तरफ देखें ,,,, सिर्फ वह ,,,,,सीधा अपने कमरे में जा,,,,, दरवाजा बंद कर ,,,,,सीधा वॉशरूम की तरफ बढ़ जाती है
इस वक्त रूही कमरे में अकेली थी ,,,,,क्योंकि ,,,,इस वक्त संध्या भी ,,,,वहां पर नहीं थी ,,,,,क्योंकि वह भी अपने काम के लिए,,,,,,किसी क्लाइंट के पास गई थी
रूही वॉशरूम जा,,,,,,,वह सीधा ,,,,आइने के सामने खड़ी हो जाती है ,,,,,और वह खुद के अक्क्ष को बड़े ध्यान से आईने में देखने लगती है,,,,,इस वक्त रुही के चेहरे पर सिर्फ और सिर्फ मायूसी थी,,दर्द था ,,,,और खुद,,,,खुद को देखकर ,,,, सिर्फ उसे रोना आ रहा था
क्योंकि इस वक्त रूही के बाल कटे हुए थे ,,,,,जैसे कि किसी चूहे ने कुतरे हो ,,,,,वह बहुत ही भयंकर दिख रही थी ,,,,,क्योंकि उसके बाल,,,,,काफी छोटे और बिखरे हुए थे
वह आईने में खुद को देखते हुए ,,,,,रूही धीरे-धीरे,,,अपने हाथों को सर की तरफ ले जाती है,,,,,और फिर वह ,,,,अपने बाल को छू ,,,,,उसके आंखों से पानी,,,,,आंसू बन बैह निकलते हैं ,,,,,,इस वक्त रूही चीख चीख कर रोना चाहती थी, ,
रोहि जैसे-जैसे अपने बालों को छू रही थी ,,,,,रूही के आंसू की रफ्तार तेज होती जा रही थी ,,,,,उसे वह वक्य याद आ जाता है
रूही जब छोटी थी लगभग 4 साल की,,, तब उसकी मां ने ,,,,उसके बाल उसके कंधे तक कराई थी,,,,,तब रूही रो-रोकर,,,,,उसने पूरा घर सर पर उठा लिया था,,,,,,और उसने दो दिन तक खाना तक नहीं खाया था ,,,,,,जिससे परेशान हो जानवी ने ,,,,,,आज तक उसके कभी बालों की कटिंग नहीं की थी,,,,,
क्योंकि रूही को लंबे बाल बहुत पसंद थे ,,,,,,वह अपने चेहरे से ज्यादा ,,,,,अपने बालों की केयर करती थी
और रूही जब फिफ्थ क्लास मे थी,,,,,,जानवी रूही के बालों की चोटी कर रही थी ,,,,,,जिसे रूही अपनी मां की तरफ देख ,,,,,अपने बालों को छुड़ाते हुए,,,,,माम्मा मुझे चोटी नहीं करनी ,,,,मुझे खुले बाल रखने हैं
जिसे सुन जानवी,,,रूही यह कैसी हरकत है,,,,,अभी तुम 10th क्लास में हो ,,,,तुम्हें भी चोटी ही करके जानी है ,,,,,लेकिन रूही जीद्द करी बैठी थी,,,,,,,,कि उससे चोटी नहीं करने ,,,,,
जिससे जानवी भी हर उसके बालों को छोड़कर जाते हुए,,,,,ठीक है मत करो ,,,,,,जब तुम्हारे बाल झड़ने और छोटे होने लगेंगे ,,,,,तो मुझे मत कहना
जिसे सुन रूही जल्दी से खड़ी हो,,,,,,अपनी मां के पास जा,,,,,,क्या-क्या ,,,,,क्या सच में ,माँ,,,,,जब मैं चोटी नहीं करूंगी,,,,,तो मेरे बाल छोटे और झड़ जाएंगे,,,,,और मैं गन्जी हो जाऊंगी
जिसे सुन जानवी हा,,,, रुही तुम्हारे बाल छोटे और झढ़ जाएंगे ,,,,अगर तुम चाहती हो कि तुम्हारे बाल और लंबे और घने हो,,,,,तुम्हें छोटी करनी होगी
जिसे सुन रुही,,,,,बगैर देरी किया ,,,,,अपनी माम्मा को,,,,,वहीं पास में बैठा ,,,,,,उसके आगे बैठते हुए ,,,,,, माम्मा आप मेरी चोटी कर दो ,,,,,,क्योंकि मुझे लंबे और घने बाल चाहिए ,,,,,और रुही ना चाहते हुए भी,,,,,,वहां अपने बालों की चोटी कराने लगी थी
यह सब सोचते हुए ,,,,रूही की आंखों से आंसू बहे जा रहे थे,,,,,और फिर वहां एक झटके में,,,,,जमीन पर बैठ ,,,,अपने बालों को मोठ्ठी से पकड़ ,,,,,
जोर से चिल्लाती है,,,,,आई हेट यू गॉड ,,,,,,आई हेट यू ,,,,,,मुझे दूसरों से नहीं ,,,,,,,,अब मुझे आपसे नफरत है,,,,,,,,कि आपने मेरी ऐसी किस्मत क्यों बनाई ,,,,,,,,क्या कसूर था मेरा,,,,,,,यह कहते हुए रोहि,,,,,बस रोये जा रही थी,,,,,
जिससे रुही इस बाथरूम में एक नुक्कड़ पर बैठ,,,,अपने बालों को छूते हुए ,,,,,,मेरे बाल,,,अब मेरे बाल,,,,,मेरे पास नहीं नहीं रहे,,,,,,
वह यह कहते हुए ,,,,,,, सिसकियां ले रोई जा रही थी,,,,,,क्योंकि आज उसके पास,,,,,,अपना दर्द सुनाने के लिए भी ,,,,,,कोई नहीं था ,,,,,,,उसके पास ,,,,,,जो वह रोकर,,,,,,या उसके गले लग कर,,,,,अपना दर्द बाट सके,,,,,
जिससे रूही बस रोई जा रही थी,,,,,,,,और अपने पास में पड़े बाल्टी और जग को जोर से,,,,, दूर फेक देती है,,,,,उसे इस वक्त बहुत तकलीफ होती है,,,,,क्योंकि उससे,,,,,उसकी सबसे,,,,,,फेवरेट चीज,,,,,उसके बाल ,,,छीने गए थे
जिसे रूही सोच सोच बस रोये,,,,, जा रही थी,,,,,और लगभग 15 मिनट बाद ,,,,,,उस जगह से खड़ी हो ,,,,,,
वह दोबारा आइने के पास आ देखती है ,,,,, वह जैसे ही अपने अक्क्ष को ,,,,,,आईने में देखती है,,,,,,तो वह धीरे-धीरे अपनी कदम ,,,,,आईने की तरफ बढ़ा देती है ,,,,,,,वह जैसे-जैसे अपने कदम,,,,,आईने की तरफ बढ़ा रही थी ,,,,,,रूही के आंखों से आंसू बहे जा रहे थे,,,,,,,क्योंकि उसे अपने बाल किसी कूड़ेदान की तरह लग रहे थे ,,,,,,,जैसे कि किसी ने ,,,,,बेरहमी से,,,,,चारों तरफ फैलाया हो ,,,,,रूही इस वक्त बहुत ही अजीब दिख रही थी
जिससे रूही खुद को इस तरह ना देख,,,,पाने की की वजह से,,,,,वह अपने हाथों की मुट्ठी बना ,,,,,पहले से टूटे हुए आईने पर,,,,,जोर से ,,,, आपना हाथ दे मारती है ,,,,,,जिससे वह बचा हुआ,,, टूटा,,,कांच टूट जाता है ,,,,,और रूही के हाथों में जा लगता है ,,,,,,जिससे चारों तरफ रुही का खून फैल जाता है
,,,,,,,और फिर रूही खुद को ,,,,,उस टूटे हुए कांच के आईने में ,,,,आधा शख्स देख ,,,,,,,,जिसमे उसकी आंखों से ,,,, आंसू बह रहे थे ,,,,और उसके होठ अब भी काप रहे थे,,,, और उसके दिल से,,,,,बस एक ही आवाज आ रही थी ,
जिस कदर तुझे टूट कर चाहा था,,,,और तुझे पाने की,,,,हर हृद पार की थी ,,,,,,अब उसी कदर,,,,मैं तुमसे नफरत की ,,, हर हद पार कर दूंगी ,,,,,,,तुम्हारे दिल का तो पता नहीं ,,,,,,,लेकिन मेरे दिल में,,,,,,अब सिर्फ और सिर्फ ,,,,,,तुम्हारे लिए नफरत होगी, , ,, क्योंकि अब बारी तुम्हारी नहीं मेरी है,,,,,,,क्योंकि अब से तुम ,,,,,,मेरी हर नफरत ,,,,,और हर दर्द झेलोगे
आज के लिए बस इतना
सॉरी गाइस,,,,किसी ने मैसेज किया था,,,,कि यह आदित्य कौन है ,,,,तो आई एम सॉरी ,,,,मैंने थोड़ा मिस्टेक कर दिया था,,,,,मुझे वहां पर आदित्य की जगह सिद्धार्थ लिखना था ,,,,, ,,, ,, लेकिन अब वह दोबारा चैप्टर अपडेट नहीं हो रहा है, ,,,,तो प्लीज आप सब ,,,,,आदित्य की जगह सिद्धार्थ ही पढना,,,,,ओके बाय एंड गुड नाइट