begunah ishq

वह दोबारा आइने के पास आ देखती है ,,,,, वह जैसे ही अपने अक्क्ष को ,,,,,,आईने में देखती है,,,,,,तो वह धीरे-धीरे अपनी कदम ,,,,,आईने की तरफ बढ़ा देती है ,,,,,,,वह जैसे-जैसे अपने कदम,,,,,आईने की तरफ बढ़ा रही थी ,,,,,,रूही के आंखों से आंसू बहे जा रहे थे,,,,,,,क्योंकि उसे अपने बाल किसी कूड़ेदान की तरह लग रहे थे ,,,,,,,जैसे कि किसी ने ,,,,,बेरहमी से,,,,,चारों तरफ फैलाया हो ,,,,,रूही इस वक्त बहुत ही अजीब दिख रही थी

जिससे रूही खुद को इस तरह ना देख,,,,पाने की की वजह से,,,,,वह अपने हाथों की मुट्ठी बना ,,,,,पहले से टूटे हुए आईने पर,,,,,जोर से ,,,, आपना हाथ दे मारती है ,,,,,,जिससे वह बचा हुआ,,, टूटा,,,कांच टूट जाता है ,,,,,और रूही के हाथों में जा लगता है ,,,,,,जिससे चारों तरफ रुही का खून फैल जाता है

 ,,,,,,,और फिर रूही खुद को ,,,,,उस टूटे हुए कांच के आईने में ,,,,आधा शख्स देख ,,,,,,,,जिसमे उसकी आंखों से ,,,, आंसू बह रहे थे ,,,,और उसके होठ अब भी काप रहे थे,,,, और उसके दिल से,,,,,बस एक ही आवाज आ रही थी , 

जिस कदर तुझे टूट कर चाहा था,,,,और तुझे पाने की,,,,हर हृद पार की थी ,,,,,,अब उसी कदर,,,,मैं तुमसे नफरत की ,,, हर हद पार कर दूंगी ,,,,,,,तुम्हारे दिल का तो पता नहीं ,,,,,,,लेकिन मेरे दिल में,,,,,,अब सिर्फ और सिर्फ ,,,,,,तुम्हारे लिए नफरत होगी, , ,, क्योंकि अब बारी तुम्हारी नहीं मेरी है,,,,,,,क्योंकि अब से तुम ,,,,,,मेरी हर नफरत ,,,,,और हर दर्द झेलोगे

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Aab aage

यह सब सोच,,,,,जैसे रूही का दिल रो रहा हो,,,,,,,उसका तो अब ,,,नजर उठा,,,,,आईने में देखने से भी दिल घबरा रहा था,,,,,,,क्योंकि वह खुद की शक्ल आईने में देखा नहीं पा रही थी ,,

 

,,,,, उसे अब घिन आ रही थी,,,,खुद की शक्ल से ,,,,,,इस वक्त उसका जैसे कॉन्फिडेंस ही मर गया हो,,,,,,,उसका दिल कह रह रहा था,,,,,,कि वह जोर-जोर से चिल्लाए,,,,,,,,लेकिन अफसोस ,,,, वह,,,,यह भी नहीं कर सकती थी,,,,,,क्योंकि उसकी गले में ,,,,,,बहुत जख्म है,,,,,,जो वह बहुत मुश्किल से बोल ही पाती थी,,,,,,चिल्लाने की तो बात ही अलग थी,,,, 

जिसे रुहीं ,,,,,,,,अपने आंसुओं को साफ कर ,,,,,,,वह जल्दी से ,,,,,,,बाथरूम से बाहर निकाल,,,,,,कमरे में जा ,,,,,,,वहीं पास में पड़े,,,,,,,,, कोम से ,,,,,,,,,,अपने बालों को झाडने लगती है ,,,,,,,, रुही आपने बालो को ,,,,,बड़े बेरहमी से झाड रही थी ,,,,,,,, जैसे कि वह उन्हें,,,, खीच कर लंबे कर देगी

,, रूही अपने बालों को कोम कर,,,,,,धीरे से अपनी नजर उठा ,,,,,,आईने में देखती है,,,,,,जैसे कि वह सोच रही हो,,,,,,कि इस बार,,,,में आईने में देखूंगी,,,,,,,तो शायद उसके बाल लंबे और खूबसूरत ही नजर आ रहे हो,,,,,,,,,,लेकिन अफसोस,,,,,,दोबारा अपनी बाल को इस तरह देख,,,,,,,उसकी आंखों में आंसू आ जाते हैं ,,,,, 

जिससे उसे,,, अब आईने,,,,आईने में ,,,,2 घंटे का पहले का अक्क्ष नजर आने लगता है,,, 

 

 

जिससे रूही पीछे की तरफ सरकते हुए,,,,,,मिहिर प्लीज,,,,,मेरे बालों को कुछ मत करो,,,,,,,तुम मुझे,,,,,तुम जो कहोगे मैं करूंगी,,,,,,,लेकिन अफसोस मिहिर,,,,रूही की एक नहीं सुनता ,,,,,,और बड़े,,,,,,और बड़े बेरहमी से,,,,,,रूही के बालों पर कैची,,,चला देता है

 मिहिर बड़े बेरहमी से ,,,,रूही के बालों को काट रहा था ,,,,,,,उसके चेहरे पर,,,,,,,कोई भी अफसोस के भाव नहीं थे,,,,,,,,कि उसने रूही की ,,,, सब से पसंदीदा,,,,,,,,उससे उसके,,,, बाल छीन लिए ,,,,,,,क्योंकि मेहर को भी पता था,,,,,,की रूही को,,,,,,आपने बाल कितने पसंद थे

और वही रूही का दिल ,,,,,, तूटटा हुआ नजर आ रहा था ,,,,,,,जैसे-जैसे उसके बाल,,,,,,,,उसके सर से कट कर ,,,,,,,,,जमीन पर गिर रहे थे ,,,,,,,उसका दिल सौ टुकड़ों में टूट रहा था,,,,,

,,,,,,उसका दिल उसका दिल कह रहा था ,,,,,,,,,कि काश कुछ ऐसा हो ,,,,,,और उसके बाल,,,, मिहिर द्वारा ना काटे जाए,,,,,,,लेकिन अफसोस,,,,,,उसकी ख्वाहिश पूरी नहीं हुई,,,,,,,,और कुछ ही मिनट में,,,,,,,,उसके बाल जमीन पर बिखरे हुए थे,,,,,,,और इस वक्त रूही के बाल बहुत ही बुरी तरह कटे हुए थे,,,,,, 

 और फिर मिहिर ,,,,,,रूही के सारे बाल काट ,,,,,,,कैची को जमीन पर फेंक देता है,,,,,, और फिर बड़े एटीट्यूड से रूही को चेहरे को देख ,,,,,,,,अब कहां गया तुम्हारा कॉन्फिडेंस ,,,,,,बहुत शौक था ना ,,,, दुसरो को अपनी खूबसूरती से रिझाने का,,,,,,,,अब रिझाना,,, ,,, इन कटे हुए बालो से,,,,

,,,,,यह कहते हुए मिहिर,,,,,,अब भी,,,, रुही के चेहरे को देख रहा था ,,,,,,,जो एक टक ,,,,,,,,,गिरे हुए ,,,,,,अपने बालों को देख रही थी ,,,,,,,और उसके चेहरे पर ,,,,,,,इस वक्त सिर्फ और सिर्फ दुख और दर्द ही नजर आ रहा था,,,,,,,,,जिसे देख पता नहीं क्यों,,,,,,,, मिहिर को अपने दिल में एक टीस सी उठती है,,,,,,,,

,,,,,,लेकिन उसे रूम वाला सीन याद कर के ,,,,, उसे आपने जहेन में,,,,,फिर से गुस्सा उतर आता है ,,,,,,,,,जिससे वह अपने अंदर पनप रहे ,,,,,,,उस फिलिंग्स को मार ,,,,,,,रोहि को गुस्से से घुरने लगता है

,,,, मिहिर को बार-बार उन लड़कों का रूही को ऑफर कहना याद आ रहा था ,,,,,,,,कि तुम हमें एक रात के लिए खुश कर दो ,,,,,,,,,हम तुम्हें मुह मांगी रकम देंगे ,,,,,,,,

,,,,,जिसे सोच सोच ,,, मिहिर की हाथों की मुट्ठी बांध जाती हैं ,,,,,,,,,और फिर मिहिर गुस्से से ,,,,,, रूही की तरफ देख,,,,,,,,वह अपने कदम रुही की तरफ बढ़ा देता है,,,,,,और फिर मिहिर,,, रूही के बाजूयो को पकड़ ,,,,,,,उसे जमीन से उठा,,,,,,,अपने ऑफिस में बने ,,,,,,,अपने प्राइवेट रूम में ले जा,,,,,,उसे बेड पर पटक देता है

 और वही रुही के साथ,,,,,,जो भी ,,,,,अभी कुछ देर पहले ,,,,,, मिहिर ने किया ,,,,,,,, उससे रूही जैसे अब भी ,,,,,,,,किसी सदमें में हो,,,,,,उसे तो तब होश आता है,,,,,,,,,,जब वह मिहिर द्वारा ,,,,,,बेड पर फेंकी जा चुकी थी ,,,,,,,,जिसे रूही पलट ,,,, मिहिर की तरफ देखती हैं ,,,,,,,तो मेहर गुस्से से रोहि को ही देखते हुए ,,,,,,,,अपने शर्ट के बटन खोल रहा था ,,,,,,जिसे देख रूही ,,,,,,जल्दी से बेड से उत्तर,,,,,यह क्या-क्या कर रहे थे,,,,मिहिर

और वही मिहिर अपने चेहरे पर डेविल स्माइल लिए,,,,,,रूही को बड़े गौर से ,,,,,,,ऊपर से नीचे देख रहा था ,,,,,,क्योंकि उसे कमरे में,,,,,अब भी अंधेरा था ,,,,,जो कि रोहि ने,,,,गुस्से में ,,,,,,उसे कमर का बल्ब तोड़ दिया था,,,,,,,बस चाद की रोशनी ही,,,,,,,,उस कमरे में पढ़ रही थी ,,,,,,जहां से रोहि का गोरा बदन ,,,,,,और भी चमक कर निखर रहा था ,,,,,,,, 

लेकिन मिहिर के दिमाग में अब भी ,,,,,,वही शब्द गुज रहे थे ,,,,,,,,कि तुम हमें एक रात के लिए खुश कर दो,,,,,,,हम तुम्हें मुह मांगे रकम देंगे ,,,,,,,,,,,जिसे याद कर मिहिर बड़े गौर से रूही के चेहरे को देख रहा था,,,,,,,,उसे पता नहीं क्यों ऐसा लग रहा था ,,,,,,,कि रूही पैसों के लिए ,,,,,, उन लड़कों का ऑफर एक्सेप्ट कर लेगी,,,,,,खासकर रूही का,,,,,,उस रूम में,,,,,,,ऐसे किसी बेबस औरत की तरह,,,,पैसा बटोरता देख कर

जिसे सोचकर मिहिर ,,,,,बगैर आने वाले वक्त का अंजाम सोचे,,,,,,वह गुस्से से,,,,,,अपनी कदम रूही की तरह बढ़ा देता है,,,,,,,और वहीं रुही भी आपने कदम पीछे ले जाती हैं,,, और वह ,,,,,अपनी नज़रें चारों तरफ घुमा ,,,,, वह उस कमरे से ,,,,भागने का सोचती है,,,,

,,,,,,,,,कि तभी रहे की नजर वास पर जाती है ,,,,,जिसे देख रुही जल्दी से,,,, उस वास को पकड़ ,,,,,,वह मिहिर को मारने के लिए ,,,,,वहीं से ही,,,,,, वह वास मिहिर के उपर फेंक देती है,,,,,

आज के लिए बस इतना ,,,,,ओके बाय एंड गुड नाइट 

तो आप सबको आज का चैप्टर कैसे लगा ,,,,,प्लीज कमेंट करके जरूर बताइएगा,,,,,,और हां इस एपिसोड को शेयर करना मत भूलिएगा