,,, रूही के बाजूयो को पकड़ ,,,,,,,उसे जमीन से उठा,,,,,,,अपने ऑफिस में बने ,,,,,,,अपने प्राइवेट रूम में ले जा,,,,,,उसे बेड पर पटक देता है
और वही रुही के साथ,,,,,,जो भी ,,,,,अभी कुछ देर पहले ,,,,,, मिहिर ने किया ,,,,,,,, उससे रूही जैसे अब भी ,,,,,,,,किसी सदमें में हो,,,,,,उसे तो तब होश आता है,,,,,,,,,,जब वह मिहिर द्वारा ,,,,,,बेड पर फेंकी जा चुकी थी ,,,,,,,,जिसे रूही पलट ,,,, मिहिर की तरफ देखती हैं ,,,,,,,तो मेहर गुस्से से रोहि को ही देखते हुए ,,,,,,,,अपने शर्ट के बटन खोल रहा था ,,,,,,जिसे देख रूही ,,,,,,जल्दी से बेड से उत्तर,,,,,यह क्या-क्या कर रहे थे,,,,मिहिर
और वही मिहिर अपने चेहरे पर डेविल स्माइल लिए,,,,,,रूही को बड़े गौर से ,,,,,,,ऊपर से नीचे देख रहा था ,,,,,,क्योंकि उसे कमरे में,,,,,अब भी अंधेरा था ,,,,,जो कि रोहि ने,,,,गुस्से में ,,,,,,उसे कमर का बल्ब तोड़ दिया था,,,,,,,बस चाद की रोशनी ही,,,,,,,,उस कमरे में पढ़ रही थी ,,,,,,जहां से रोहि का गोरा बदन ,,,,,,और भी चमक कर निखर रहा था ,,,,,,,,
लेकिन मिहिर के दिमाग में अब भी ,,,,,,वही शब्द गुज रहे थे ,,,,,,,,कि तुम हमें एक रात के लिए खुश कर दो,,,,,,,हम तुम्हें मुह मांगे रकम देंगे ,,,,,,,,,,,जिसे याद कर मिहिर बड़े गौर से रूही के चेहरे को देख रहा था,,,,,,,,उसे पता नहीं क्यों ऐसा लग रहा था ,,,,,,,कि रूही पैसों के लिए ,,,,,, उन लड़कों का ऑफर एक्सेप्ट कर लेगी,,,,,,खासकर रूही का,,,,,,उस रूम में,,,,,,,ऐसे किसी बेबस औरत की तरह,,,,पैसा बटोरता देख कर
जिसे सोचकर मिहिर ,,,,,बगैर आने वाले वक्त का अंजाम सोचे,,,,,,वह गुस्से से,,,,,,अपनी कदम रूही की तरह बढ़ा देता है,,,,,,,और वहीं रुही भी आपने कदम पीछे ले जाती हैं,,, और वह ,,,,,अपनी नज़रें चारों तरफ घुमा ,,,,, वह उस कमरे से ,,,,भागने का सोचती है,,,,
,,,,,,,,,कि तभी रहे की नजर वास पर जाती है ,,,,,जिसे देख रुही जल्दी से,,,, उस वास को पकड़ ,,,,,,वह मिहिर को मारने के लिए ,,,,,वहीं से ही,,,,,, वह वास मिहिर के उपर फेंक देती है,,,,,
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अब आगे________________
और वही मिहिर को जैसे पहले से ही पता था ,,,,,,, जिससे वह रोहि द्वारा किए हुए ,,,,,,उस वार से,,,,,अपनी जगह से हट जाता है, ,,,,,,,,,जिससे वह वास जमीन पर जा,,,,, कई टुकड़ों में ,, टूट जाता है,,,,
और फिर मिहिर,,,, एक नजर वास को देखता है,,,,,जो कि इस वक्त ,,,,,जमीन पर टूटा हुआ था ,,,,,जिसे देख मिहिर,,,,गुस्से से रुही की तरफ देख ,,,,,अपने कदम रोहि की तरफ बढ़ा देता है
और वही रूही,,,,,,मैहर को अपनी तरफ आता देख,,,,,में मिहिर मैंने कहा,,, रुक,,,,रुक जाओ ,,,,,,तुम मेरे साथ जबरदस्ती करने की कोशिश कर रहे हो,,,,
यह कहते हुए,,,, रूही,,,,काफी गुस्से में लग रही थी,,,,,,,क्योंकि उसने ,,,, मिहिर को,,,,,,काफी हद तक,,,,,,,बर्दाश्त कर लिया था,,,,,,,,लेकिन खुद को,,,,,,,,यूं जबरदस्ती मिहिर का छुना ,,,,,उसे आब बर्दाश्त ,,,,,नहीं होता था ,,,,,जिससे अब उसे ,,,, मिहिर से,,,,, घिन,,,, आती थी ,,,,, और खुद से भी,,,
और वही मिहिर,,,,, रुही की बात सुन,,,,अपने होठों पर घिन भरी स्माइल लिए,,, अपने कदम रूही की तरफ बढ़ाई जा रहा था,,,, ,,
मैंने कहा दूर हो मिहिर , ,,,वरना,,,,,रोहि ने,,,इतना ही कहा था ,,,,कि तब तक मिहिर,,,,,जल्दी से रोहि के पास जा,,,,, रुही की कमर पकड़ ,,,,,अपनी तरफ खींच लेता है ,,,,,और फिर मिहिर ,,,,,,,,,,,,रूही को उसी तरह पकड़े हुए,,,,,,बेड की तरफ बढ़ जाता है
और वही रूही ,,,,,,मैहर के सीने पर मुके मारते हुए,,,,,छोड़ो मुझे ,,,,,सुना नहीं तुमने ,,,,छोड़ो मुझे
जिसे सुन मिहिर,,,,,,ऐसे कैसे छोड़ दूं,,,,,,,मैं तो इसके लिए तुम्हें मुंह मांगी रकम भी दूंगा, ,,,,,, यह कहते हुए मिहिर के होठों पर,,, अब भी,,, घिन भरी स्माइल थी,,,,,,,और वह आब भी,,,,,,,रूही को कमर से पकड़े हुए ,,,,बेड की तरफ बढ़ रहा था,,,,
और वही रूही मैहर की बात सुन ,,,,,,एक पल के लिए रुक जाती है ,,,,,,और फिर अपनी आंखों में मिहिर के लिए नफरत लिए,,,,,,,,उसके सीने पर दोबारा मुके बरसते हुए , ,,,,,,,गुस्से से अपने दांत पीसते हुए,,,,,,,,,,,मैं किसी गैर मर्द के साथ सोने के लिए तैयार हूं ,,,,,,,,लेकिन तुम्हारे साथ नहीं ,,,,,,,सुना तुमने ,,,,,,अब छोड़ो मुझे
रोहि के मुंह से,,,,,,,यह बात सुन ,,,,,तो जैसे मिहिर के सीने में आग लग गई हो ,,,,,,उसे रोहि पर,,,,इतना गुस्सा आ रहा था,,,,,कि उसका दिल कह रहा था ,,,,,,कि वह अभी रूही को जान से मार दे,,,,,,,, जिससे मिहिर, , , ,अपने गुस्से को कंट्रोल न कर,,,,,वह गुस्से से,,,,,,एक खींच कर चाता,,,,,, रूही के गालों पर,,,,,,दे मारता है ,,,,,,,जिससे रूही सीधा बेड पर जा गिरती है
क्योंकि मेहर को,,,,जिस चीज का डर था,,,,वही चीज ,,,,,रूही ने अपने मुंह से ,,, मिहिर के आगे कहे दिया था ,,,,,,,जिससे मैहर का दबा हुआ गुस्सा ,,,,,और भी बढ़ गया ,,,,,
,,,,,,,और फिर वह,,,, गुस्से से ,,,,, रोहि को,,,, घुरते हुए ,,,, एक झटके में रोहित के ऊपर आ,,,,,गुस्से से अपने दांत पीसते हुए ,,,,,, , क्या कहा तूने ,,,,,,,की तुझे किसी भी गैर मर्द के साथ सोना बर्दाश्त है,,,,,,,,लेकिन ,,,,,,,,,,यह कहते हुए,,,,,,,,मिहिर की आंखें लाल होती जा रही थी, ,,,,,,,,
जिससे मिहिर,,,,कुछ देर शांत हो,,,,,,कुछ सोच,,,,,,,तुझे पैसे चाहिए ना ,,,,,,,,, तू यह सब ,,, ,,,पैसों के लिए कर रही है ना ,,,,,
पैसों के लिए किसी के भी ,,,,,,साथ सोने को तैयार है ना ,,,,,,,तो ठीक है,,,,,,मैं तुझे पैसे दूंगा ,,,,,,लेकिन तु,,,,,उन लड़कों की जगह,,,,,,मुझे हर रात खुश करोगी
यहां कहे मिहिर,,,,,,बगैर देरी कीये,,,,,,, रुही पर टूट पडता है ,,,,और उस कमरे में,,,,,,कुछ देर में ही,,,,रूही की दर्द से कराहने की आवाज सुनाई देती है,,,,
क्योंकि मिहिर हद से ज्यादा ,,,, रुही के साथ,,,,,हर्ष था ,,,,,,वह कोई कसर नहीं छोड़ रहा था ,,,,,,,रोहित को दर्द पहुंचाने में ,,,,,,,या यूं कहें कि ,,,, मिहिर को खुशी मिलने लगी थी ,,,,,,, रुही की,,,,दर्द भरी चीखे ,, और सिसकियां सुनकर,,,,,
लगभग दो घंटे बाद सब कुछ खत्म होता है , , ,,,,तो मिहिर रूही के ऊपर से उठता है,,,,,,उसका तो,,,,बिल्कुल भी मन नहीं था,,,,,,,, रुही को छोड़ने का ,,,,,,,,,
लेकिन कुछ तो था ,,,,,,,जिससे मिहिर,,,,,,रूही के ऊपर से उठ ,,,,,,उसके चेहरे को बड़े गौर से देखने लगता है ,,,,,,,,जिस पर आब भी ,,,, चाद, की सफेद रोशनी पड़ रही थी ,,,,जिससे उसका चेहरा और भी चमकता हुआ दिख रहा था,,,,,, और साथ में उसके चेहरे पर ,,,वह आंसू और दर्द भी,,,,,, जिसे देख ,,,,,,,, मिहिर,,,अपने दिल में ,,,,,एक पल के लिए कुछ महसूस करता है ,,,,,,लेकिन बीते हुए वक्त ,,,,और हालातो को याद कर ,,,,,,,मिहिर दोबारा अपने इमोशंस को दबा ,,,,,,,,अपनी फेस पर डेविल स्माइल लिए,,,,, ,,,,,,,,,नीचे झुक,,,,रुही के होठों पर ,,,,,अपने होठों से दोबारा एक बार चूम,,, उसे बाइट, कर,,,,लेता है,,, और फिर मिहिर ,,,,,रूही के होठों को आपने आगुठे से सहलाते हुए ,,,,,,तुमने सच में ,,,,आज मुझे,,,,खुश कर दिया,,,,, इतना मजा मुझे ,,,,,,किसी के साथ नहीं आया ,,,,,जितना तुम्हारे साथ आया,,,, और फिर मिहिर,,,,, रुही के होठों को छोड़,,,,,रुही की कमर को सहलाते हुए,,,,कुछ तो बात है तुमे,,,,,यह कहते हुए,,, मिहिर रुही की,,,मजाक उड़ा रहा था,,,, ,
और वही रूही अपनी आंखों में आंसू लिए ,,,,,,,अपनी आंखें बंद किए हुए लेटी थी,,,,,,,, और मिहिर की बकवास बातें सुनकर भी कोई रिएक्ट नहीं कर रही थे ,,,,,
की तभी मिहिर,,,,,,अपनी टोन चेंज कर देता है ,,,,,,,और फिर अपने हाथों से,,,,,,रूही के गालों को दबा ,,,,,
यह कभी मत सोचना ,,,,,,कि मुझे तुम्हारी लत लग गई है,,,,,,,कि मुझे तुम्हारी शक्ल ,,,और शरीर से मोहब्बत हो गई है ,,,,,,क्योंकि मुझे आब भी तुमसे नफरत है,,,,तभी तो मैं इस कमरे में रोशनी नहीं की,,,,,,क्योंकि मैं,,,,,ना ही तुम्हारे इस शक्ल को ,,,,, और ना हीं,,,,,,मैं ,,,तुम्हारे इस बोडी को देखना चाहता था,,,,,,,क्योंकि मुझे घिन आती है तुमसे ,,,,,,,,,सुना तुमने ,,,,
इसलिए अपने दिमाग,,,,और दिल में,,,,,,यह कभी मत लाना ,,,,,,कि मुझे ,,,,,,अपने करीब करके,,,,, या आपनी बोडी का इस्तेमाल करके,,,,, तुम मेरे दिल में,,,,, खुद की जगह बना लोगी,,,,
और हां जो मैंने अभी ,,,,,कुछ देर पहले,,,,तुम्हें कहा ,,,,,,,वह सब सिर्फ ,,,,,,,मैं तुम्हें तुम्हारी औकात ,,,,दिखाने के लिए कह रहा था ,,,,,,तो गलती से भी,,, उसे सच मत समझना
जिसे रूही ,,,,अब भी ,,,,,,अपनी आंखें बंद किए हुए ,,,,,,मिहिर के एक-एक शब्दों को सुन रही थी,,,
और वही मिहिर जैसे खुद को दिलासा दे रहा हो, ,,,,,कि कहीं रोहि को ,,,,,यह ना लगे,,,,,,,कि कहीं उसे उसकी लत लग गई है ,,,,,,,क्योंकि सच में मिहिर को ,,,,,रूही की लत लग गई थी ,,,,,,,वह रूही को,,,,,,एक बार छुने के बाद,,,,,मिहिर को,,,,,रूही को ,,,,,बार-बार छुने का,,,,,,मन करता था,,,,,,,,जिसे वहां रूही के सामने जताना नहीं चाहता था,,,,
जिससे मिहिर,,,,,,,अपने दिल की ,,,,,,सारी भड़ास,,, रूही पर निकाल,,,,,, उसके ऊपर से ,,,,,,उठ जाता है ,,,,,,,,और फिर अपने बिखरे हुए कपड़ों को पहन ,,,,,,,, ,,,
वह उस कमरे में बने,,,,,,,एक ड्रवर में से ,,,,,,एक नोटों की गट्टी निकाल,,,,,,,,,रोहि के मुंह पर फेंकते हुए ,,,,,,,,यह लो,,,,,,आज रात मुझे खुश करने का इनाम,,,,,,,यह कह मिहिर,,,,,,,बगैर रूही की तरफ देखे,,,,,,,,वह उस कमरे से निकल जाता है
और वही रूही अब भी,,,,,,,,अपनी आंखें बंद किए हुए ,,,,,,, उसी तरह,,,,,,बेड पर लेटी हुई थी,,,,,,,,क्योंकि अब रुही के सामने ,,,,,,,,कोई भी रास्ता नहीं दिख रहा था ,,,,,,,,उसे तो ऐसा लग रहा था ,,,,,,,,,कि अब उसके सामने का ,,,,,,सभी रास्ता बंद हो चुका है ,,,,,,,,अब वह,,,,किस तरफ जाए
फ्लैशबैकफ्लैशबैक एंड
वह यह सब,,,,सोच ही रही थी,,,,,,,कि तभी रूही की नजर ,,,,बेड पर रखे,,,,उस पैसों पर जाती है,,,,,जो कुछ देर पहले,,,,,कमरे में आते हुए ,,,,,,रुही ने,,,,,गुस्से से ,,, उन नोटों की गट्टी को,,,,बेड पर फेंके थे,,,,
वहां उन पैसों को देख ,,,,,,धीरे धीरे कदमों से ,,,,,,वह बेड के पास पहुंच,,,,,,,,उन पैसों को उठा के देखने लगती है,,,,,,जिसे देख रुही के,, दिमाग में ,,,,,कुछ और ही,,,चलने लगता है,,,,,,
जिसे सोच रुही ,,,,,, उन पैसों को देखते हुए,,,,,,अपने चेहरे पर दर्द भरी मुस्कान लिए,,,,,,,,,,,,रुही,,,,बातें तो तूने बहुत कुछ कही थी,,,,,उसे बर्बाद करने की,,,,लेकिन उसके हाथों ,,,, तू बर्बाद तो हुई ही,,,,,अब तू इन नोटों की गटिया के हाथों भी,,,,बर्बाद हो जाएगी,,,,,
की तभी उसे ,,,,कमरे का दरवाजा खुलता है ,,,,,,जिससे रूही पलट कर देखती है ,,,,,,तो उसे एक चीखने की आवाज सुनाई देती है,,,
आज के लिए बस इतना
तू मेरी प्यारी लीडर्स ,,,,
आज आप सबको एपिसोड कैसा लगा,,,,,आप सब मुझे,,,,,कमेंट करके जरूर बताइएगा ,,,,,और हां शेयर करना मत भूलिएगा,,,,ओके बाय,,,,,एंड गुड नाइट