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नोक झोक

दोपहर का वक्त,,,

 अक्षत का महल

दोपहर तक रूही ऐसे ही घूमती रही वो किचन मे चली जाती है उसके किचन मे जाने से सारे नौकर घबरा जाते है वो कहते आपको कुछ चाहिए प्लीज आप हमें बता दे

रूही उन सभी नौकरो को रिलैक्स होना का बोलती है और कहती है वो मै बोर हो रही थी इस लिए आज का लंच मे बनाओगी आप सब मेरी मदद कर दे जो जो मै मागु आप मुझे देते जाये इतना बोल वो भी काम मे लग gayi

करीब 2घंटे मे रूही ने बहोत सारा खाना बना लिया tha वो एक नौकर से कहती है जिसका नाम मोहन tha आप हुकूमसा को फ़ोन लगा कर मुझे दीजिये मोहन भी फ़ोन लगा कर रूही को दे देता है 

अक्षत अपने केबिन मे काम कर ही रहा था की उसका फ़ोन रिंग करता है वो फ़ोन पिक करता है दूसरी तरफ से रूही की आवाज आती है वह कहती है ""हुकूमसा खाना तैयार है आप आकर खा सकते हैं और अगर नहीं खाना चाहते वह भी आपकी मर्जी है "" इतना बोल वह तुरंत फोन काट देती है और एक लम्बी सास ले कर काम मे लग जाती है..... अक्षत अजीब तरह से फ़ोन को देखता है

What the hell is this

सीरिसली मुझे ईगनोर किया

अक्षत प्रताप सिंह को वही अक्षत जब बात कर रहा था उसका फोन स्पीकर पर था उसकी और रूही की बात आदित्य ने सुन ली थीं और वो बस मुँह बंद कर अपनी हसीं कण्ट्रोल कर रहा था और ऐसा करने से उसका फेस लगभग लाल हो गया था वही अक्षत के फेस के एक्सप्रेसन भी कुछ समझ मे नहीं अस रहे थे वो बस खड़ा होकर वहां से निकल जाता ह

करीब आधे घंटे में अक्षत महल आता है वह देखता है रूही खाना लगवा रही होती है उसकी नज़र रूही पर ही रुक जाती है वह उसे देखता ही रहता है रूही इस वक्त बेहद सुंदर लग रही थी गुलाबी रंग की पोशाक उस पर बहुत खिल रही थी,, सर पर रखड़ी. और हाथों में भरी हुई चूड़ियां और उसकी पायल की आवाज से डायनिंग एरिया मे शोर कर रही थी 

यह सब देखकर अक्षत को कही ना कही

अच्छा लग रहा था पर वह रिएक्ट ऐसे कर रहा था जैसे उसे कोई फर्क ही नहीं पड़ रहा हो

रूही की नजर जैसे अक्षत पर पड़ती है वह बोलती है हुकुम सा खाना खा लीजिए इतना बोल वह वहां से रूम की तरफ चली जाती है अक्षत जाकर चेयर पर बैठ खाना खाने लगता है उसे खाना बहुत पसंद आता है

वही रूही इस वक्त रूम में बैठी हुई खुद से कहती,

.... अगर आप चाहते हैं की मैं आपके सामने नहीं आऊं तो ठीक है पर मैं अपना फर्ज जरूर निभाऊंगी वह बस ऐसे ही सोचती जा रही थी थोड़ी देर में उसे अक्षत महल से जाता हुआ दिखाई देता है

Aअक्षत अपनी गाड़ी से जा रहा होता है की तभी उसकी नज़र बालकनी मे खड़ी रूही पर पडती है कुछ पल दोनों की आंखे एक दूसरे से टकरा ती है,,,,कुछ पल बाद ही अक्षत अपने ऑफिस चला जाता है रूही भी निचे आकर अपना खाना खा कर गार्डन मे चली जाती है... रूही को गार्डनिंग करना बहोत पसंद है इस लिए वो गार्डन मे आकर सब भूल जाती है रूही गार्डन में पेड़ों को पानी दे रही थी और कुछ नए फूल भी लगा रही थी शाम 6:00 बजे तक वह गार्डन में काम करती रहि फिर जाकर वहां लगे झूले पर बैठ जाती है शाम हो चुकी थी हलकी हलकी हवा चल रही थी हवा में उसके बाल उड़ रहे थे उसने एक पतली सी सोल पहनी हुई थी

वह चांद को देखे जा रही थी तभी अक्षत अपनी गाड़ी से उतरकर अंदर जा ही रहा होता है कि उसकी नजर झूले पर बैठी हुई रूही पर पड़ती है वह धीरे-धीरे उसके पास आकर खड़ा हो जाता है

अक्षत रूही से बोलता है आप यहां क्या कर रही हैं उसके अचानक बोलने पर रूही चौक जाती है वह अचानक झूले से खड़ी हो जाती है इस चक्कर में उसका पैर मुड़ जाता है वो नीचे गिरती उससे पहले ही अक्षत आगे आकर रूही को कमर से पकड़ लेता है कुछ पल दोनों एक दूसरे को देखते रहते हैं अक्षत रूही को सीधा खड़ा करता है और पीछे होने वाला होता है तो एकदम से रूही की हल्की सी चीख निकल जाती है अक्षत की नजर रूही के बालों पर पड़ती है जो उसकी शर्ट की बटन में अटक गए थे रूही जल्दी से अपने बाल अक्षत की शर्ट से निकाल दिया और तुरंत वहां से चली जाती है.....

इस बार रूही के जाने पर अक्षत का मुंह बन जाता है वह चिड़कर खुद से बोलता है हद है रूही ने मुझे यानि अक्षत प्रताप सिंह को इग्नोर किया है जिसकी एक झलक देखने के लिए लोग तरसते हैं मुझे इग्नोर कर दिया एक बार नहीं बल्कि दो बार वैसे यह सही नहीं किया आपने मिसेस रूही अक्षत प्रताप सिंह आपको इसका बदला भी देना पड़ेगा और मै अपना बदला लेकर रहुगा इतना बोल अक्षत वहा से जाने लगता है कि तभी उसका पैर किसी पत्थर से टकराता है वह सीधा नीचे गिरता पर उसने खुद को संभाल लिया था और ये सारा सीन उदय ने देख लिया था उसकी भी हसीं छूट चुकी थी पर वह खुद को कंट्रोल कर लेता है और अक्षत से पूछता है आप ठीक है ना हुकुम सा अक्षत भी नॉर्मल होकर कहता है यस आई एम फाइन बोलकर वो अपना कोलर ठीक कर के वहां से निकल जाता है...

रूही भी रूम में आ चुकी थी और फ्रेश हो जाती है उसने इस वक्त नीली रंग की साड़ी पहनी थी और वो बेड पर बैठ जाती है और वही से एक किताब लेकर पढ़ने लगती है अक्षत डिनर कर स्टडी रूम में अपना काम करने लगता है अक्षत को काम करते करीब रात का 1:00 बज जाता है वह अपने रूम में वापस आता है उसकी नजर बेड पर सोई हुई रूही पर पड़ती है जो बैठे-बैठे ही सो गई थी उसके हाथ में अभी भी किताब थी अक्षत आगे जाकर उसके हाथ से किताब लेकर साइड टेबल पर रखता है और उसे सही ढंग से सुला कर कंबल उड़ा कर खुद भी फ्रेश होने चला जाता है और आकर रूही के बगल में लेट जाता है वह लगातार रूही को देखने लगता है कुछ पल में उसे भी नींद आ जाती है

सुबह करीब 4:00 अक्षत की नींद खुलती है वह देखता है रूही का एक हाथ अक्षत के ऊपर था वह कुछ पल रूही को देखता है फिर उसका हाथ साइड मे रख खुद फ्रेश होकर चला जाता है

अक्षत की आदत के हिसाब से उसने सारा कमरा फैला दिया था

सुबह 5:00 बजे रूही की नीद खुलती है वह देखती है आज भी सारा कमरा फैला हुआ था वो खुद से कहती है होने को तो हुकुम सा है पर रूम बच्चों की तरह फैला कर रख दिया हद है कुछ भी अपनी जगह पर नहीं है वह उठकर रूम ठीक कर दिया फिर फ्रेश होकर मंदिर चली जाती है

आज उसे अक्षत गार्डन में ही दिख जाता है वह आरती कर पूजा की थाल अक्षत के पास ले जाकर उसे आरती और प्रसाद देती है रूही जाने को हुई की तभी अक्षत कहता है आज आप रेडी हो जाए कुलदेवी के मंदिर जाना है

रूही बस जी lठीक है बोल कर चली जाती है

इस बार फिर अक्षत का सारा मूड बुरी तरह खराब हो चुका था वो खुद से कहता है मतलब अब तो हद कर दी यह मुझे इस तरह इग्नोर करके कैसे जा सकती हैं

शादी से पहले बिना कुछ कहे पांच पन्नों का भाषण और एक थप्पड़ फ्री में दिया था और अब मैं खुद कुछ कह रहा हूं मुझे इग्नोर करके जा रही है

 ये सब उदय ने फिर से देख लिया था अक्षत की नजर उदय पर पड़ती है तो उसका रहा बचा मूड भी उदय की हसीं को देखकर खराब हो जाता है थोड़ी देर में रूही लाल रंग के जोड़े में तैयार होकर नीचे आती है उसे देखकर अक्षत मानो होस ही नहीं रहा होता है

 रूही अक्षत के पास जाकर चलने का बोल ती है

अक्षत भी चल देता है कुछ देर बाद दोनों गाड़ी मे थे रूही गाड़ी से बाहर देखे जा रही थी आज वो दूसरी बार जैसलमेर देख रही थी तभी अचानक उनकी गाड़ी रुक जाती है और गोलियों की आवाज आने लगती है

क्या हुआ होगा रूही और अक्षत के साथ कहा से आ रही है गोलियों की आवाज़ जानने के लिए पढ़ते रहिये

रीडर्स अगर आपको कहानी पसंद आ रही है तो please रिव्यु देना ना भूले thank you ☺️☺️

चेतना 😘