अध्याय 9: जब प्यार और साज़िश का खेल तेज़ हुआ

मल्होत्रा मेंशन में एक नया तूफ़ान दस्तक दे चुका था। नेहा और सिया, जो करण और आर्यन की गर्लफ्रेंड के रूप में सामने आई थीं, असल में विक्रम की बेटियाँ थीं। उनकी एंट्री शनाया के लिए किसी खतरे से कम नहीं थी, लेकिन सबसे खतरनाक बात यह थी कि किसी को भी इस सच का पता नहीं था।

शनाया को अब यह तय करना था कि वह इस जाल से खुद को और अपने रिश्ते को कैसे बचाए।

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🔥 शनाया पर पहली चाल – जब नेहा ने पहला वार किया

डाइनिंग टेबल पर माहौल अजीब था। नेहा और सिया बड़े आराम से करण और आर्यन के साथ बैठी थीं, जैसे कि वे हमेशा से इस घर का हिस्सा रही हों। शनाया ने नेहा को गौर से देखा—उसकी मुस्कान में कुछ अजीब था, जैसे वह किसी नई साज़िश की शुरुआत करने वाली हो।

> "भाभी, आप तो बहुत शांत स्वभाव की लगती हैं," नेहा ने शनाया की ओर देखते हुए कहा।

> "इतनी जल्दी किसी के स्वभाव को जज नहीं करना चाहिए," शनाया ने हल्के से मुस्कुराते हुए जवाब दिया।

> "ओह! लेकिन मैंने सुना है कि आपने करण और आर्यन दोनों से शादी की है। यह कैसा रिश्ता है?" नेहा ने जानबूझकर आवाज़ ऊँची कर दी, ताकि घर के बाकी लोग भी सुन सकें।

टेबल पर सन्नाटा छा गया। करण और आर्यन ने शनाया की ओर देखा, और शनाया ने ठंडी नजरों से नेहा को घूरा।

> "शादी के रिश्ते को समझने के लिए एक खास नज़रिया चाहिए, नेहा। जो लोग रिश्तों को सिर्फ़ दिखावे के लिए निभाते हैं, वे इसे नहीं समझ सकते," शनाया ने सीधे वार किया।

नेहा के चेहरे पर एक पल के लिए शिकन आई, लेकिन उसने अपनी मुस्कान बनाए रखी।

> "ओह, तो आप कहना चाहती हैं कि मेरा और करण का रिश्ता दिखावा है?"

> "मैंने ऐसा कुछ नहीं कहा," शनाया ने कंधे उचकाए, "लेकिन अगर तुम्हें ऐसा लग रहा है, तो इसका मतलब तुम खुद जानती हो कि तुम्हारा रिश्ता क्या है।"

करण और आर्यन ने एक-दूसरे की ओर देखा। शनाया जानती थी कि यह सिर्फ़ शुरुआत थी—नेहा और सिया अब सीधा वार करने लगी थीं।

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💔 जब आर्यन और शनाया के बीच आई दरार

रात के समय, शनाया अपने कमरे में बैठी थी। वह जानती थी कि विक्रम सिर्फ़ उसे हटाने की कोशिश नहीं कर रहा, बल्कि वो करण और आर्यन को भी उसके खिलाफ़ भड़काने की पूरी कोशिश करेगा।

दरवाजे पर दस्तक हुई। शनाया ने दरवाजा खोला तो सामने आर्यन खड़ा था।

> "क्या हुआ?" शनाया ने पूछा।

आर्यन की आँखों में गुस्सा था।

> "नेहा ने जो कहा, क्या वो सच है?"

> "कौन सा सच?" शनाया ने उसे चौंककर देखा।

> "कि तुम करण को मुझसे ज्यादा पसंद करती हो?"

शनाया को एक झटका सा लगा। नेहा ने अपना काम शुरू कर दिया था।

> "तुम यह सवाल मुझसे पूछ रहे हो?" शनाया ने गहरी साँस लेते हुए कहा। "क्या तुम्हें लगता है कि मैं ऐसी हूँ?"

आर्यन ने उसकी आँखों में देखा, लेकिन उसकी जलन साफ़ थी।

> "मुझे नहीं पता, शनाया। लेकिन अगर यह सच हुआ तो मैं इसे कभी बर्दाश्त नहीं करूँगा!"

शनाया ने ठंडी आवाज़ में कहा, "तुम्हें मुझसे जलन हो रही है, आर्यन?"

आर्यन ने उसकी कलाई पकड़ी और उसे अपनी ओर खींच लिया।

> "अगर जलन का मतलब यह है कि मैं तुम्हें किसी और के साथ नहीं देख सकता, तो हाँ, मुझे जलन हो रही है!"

शनाया ने उसकी पकड़ से खुद को छुड़ाने की कोशिश की, लेकिन आर्यन ने उसे और करीब खींच लिया।

> "लेकिन अगर तुम सोच रहे हो कि मैं तुम्हारे इमोशन्स से खेल रही हूँ, तो तुम गलत सोच रहे हो," शनाया ने गुस्से से कहा।

आर्यन ने एक पल के लिए उसे देखा, फिर उसकी पकड़ ढीली कर दी।

> "यह सब शुरू से गलत था," उसने धीरे से कहा और बाहर चला गया।

शनाया जानती थी कि यह सब विक्रम और उसकी बेटियों की चाल थी।

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💋 जब करण ने अपना हक जताया

शनाया अभी भी आर्यन की बातों के बारे में सोच रही थी जब करण अंदर आया।

> "आर्यन से बहस हो गई?" करण ने पूछा।

> "यह तुमसे मतलब नहीं है, करण," शनाया ने कहा।

करण मुस्कुराया, "तो तुम्हें लगता है कि तुम मुझसे बच सकती हो?"

शनाया ने उसकी ओर देखा।

> "तुम मुझसे क्या चाहते हो, करण?"

करण ने उसकी ओर बढ़ते हुए कहा, "सिर्फ़ एक चीज़—तुम्हारा ध्यान।"

वह उसके और करीब आया और उसके चेहरे के पास झुकते हुए फुसफुसाया, "आर्यन से लड़ाई मत करो। उसे जलन हो रही है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वो तुमसे प्यार नहीं करता।"

शनाया ने गहरी साँस ली, "तो तुम्हें क्या लगता है?"

करण ने हल्की हँसी के साथ कहा, "मुझे लगता है कि यह जलन हमारे रिश्ते को और भी दिलचस्प बना देगी।"

वह शनाया के चेहरे के और करीब आया, लेकिन तभी दरवाजे पर एक दस्तक हुई।

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🔪 जब सच का पर्दा उठने वाला था

शनाया ने दरवाजा खोला तो सामने नेहा खड़ी थी, लेकिन इस बार उसके चेहरे पर शरारत नहीं थी, बल्कि एक अजीब सा संतोष था।

> "शायद अब तुम्हें समझ में आ गया होगा कि यह खेल कितना खतरनाक होने वाला है," नेहा ने धीमे से कहा।

शनाया ने उसकी आँखों में देखा।

> "तुम क्या चाहती हो?"

नेहा ने एक कागज़ का टुकड़ा शनाया की ओर बढ़ाया।

> "यह देखो, और तुम्हें तुम्हारे सारे सवालों के जवाब मिल जाएँगे।"

शनाया ने कागज़ खोला और जो उसने देखा, उससे उसके होश उड़ गए।

विक्रम के प्लान की पहली परत खुल चुकी थी।

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अगला अध्याय: जब शनाया को अपने अतीत की सबसे बड़ी सच्चाई का पता चलेगा!

अब जब नेहा और सिया अपना खेल खेल रही हैं, तो क्या शनाया करण और आर्यन को सच्चाई बताने में सफल होगी? और विक्रम की असली साज़िश क्या है?

अगले अध्याय में जब प्यार, साज़िश और बदले की ज्वाला भड़क उठेगी!