शनाया अब और इंतज़ार नहीं कर सकती थी। वह इस उलझन से बाहर निकलना चाहती थी कि विक्रम और उसका क्या संबंध है। मल्होत्रा मेंशन में सब उसे शक की नज़रों से देख रहे थे, खासकर आर्यन और करण।
लेकिन अब वह खुद को बेबस महसूस नहीं करना चाहती थी।
उसने तय कर लिया था—अगर उसे जवाब चाहिए, तो उसे अतीत के परदे हटाने होंगे।
---
🔍 जब शनाया ने सच्चाई की तलाश शुरू की
रात के अंधेरे में, जब पूरा घर सो रहा था, शनाया चुपचाप मल्होत्रा लाइब्रेरी की ओर बढ़ी।
वहाँ पुरानी फाइलें और दस्तावेज़ रखे थे, जिनमें शायद विक्रम और मल्होत्रा परिवार की दुश्मनी का कोई सुराग मिल सकता था।
उसने कई फाइलें टटोलनी शुरू कीं। कुछ ही मिनटों बाद, उसे एक पुरानी तस्वीर मिली।
तस्वीर में दो पुरुष खड़े थे—एक विक्रम था, और दूसरा… करण और आर्यन के पिता!
"यह क्या हो सकता है?"
वह जल्दी से फाइल के अंदर रखे दस्तावेज़ पढ़ने लगी।
"विक्रम और मल्होत्रा परिवार के बीच दुश्मनी एक विश्वासघात से शुरू हुई थी। लेकिन यह सिर्फ व्यापारिक दुश्मनी नहीं थी—यह एक व्यक्तिगत बदले की लड़ाई थी!"
> "लेकिन यह सब मुझसे कैसे जुड़ा है?" शनाया ने खुद से सवाल किया।
और तभी उसकी नज़र एक और कागज़ पर पड़ी।
> "शनाया… विक्रम… मल्होत्रा…"
फिर उसे एक नाम दिखा जिसने उसके होश उड़ा दिए।
"शिवानी मल्होत्रा!"
यह नाम… यह तो उसकी माँ का नाम था!
💥 जब अतीत का राज़ खुला
शनाया की साँसें तेज़ हो गईं।
उसने जल्दी-जल्दी पन्ने पलटने शुरू किए और जो उसने पढ़ा, उससे उसकी दुनिया ही उलट गई।
> "शिवानी मल्होत्रा, विक्रम की बहन थी, जिसे मल्होत्रा परिवार ने अपने रास्ते से हटा दिया था!"
> "वह इस घर की बहू बनने वाली थी, लेकिन उससे पहले ही एक षड्यंत्र के तहत उसे मार दिया गया।"
"नहीं… यह सच नहीं हो सकता!"
वह काँप गई।
यानि विक्रम सिर्फ मल्होत्रा परिवार से नहीं, बल्कि उससे भी बदला लेना चाहता था, क्योंकि वह शिवानी की बेटी थी!
---
🔥 जब विक्रम ने अपना अगला दांव चला
दूसरी ओर, विक्रम को खबर मिल चुकी थी कि शनाया सच के करीब पहुँच रही थी।
> "अब वक्त आ गया है कि मैं उसे उसके अतीत से पूरी तरह रूबरू करवाऊँ," विक्रम ने कहा।
उसने अपनी बेटियों—नेहा और सिया को बुलाया।
> "तुम दोनों ने अब तक बहुत अच्छा काम किया है। अब आखिरी चाल चलने का वक्त आ गया है।"
नेहा ने मुस्कुराकर कहा, "क्या हमें अब शनाया को पूरी तरह मल्होत्रा परिवार के खिलाफ करना है?"
विक्रम ने सिर हिलाया, "हाँ, लेकिन उसके पहले, हमें उसे पूरी तरह तोड़ना होगा।"
"अब खेल और दिलचस्प होगा," सिया ने ठंडी हँसी के साथ कहा।
---
💔 जब करण और आर्यन ने शनाया को रंगे हाथों पकड़ा
सुबह हुई। शनाया अभी भी रात में पढ़ी चीज़ों के झटके से उबर नहीं पाई थी।
वह लाइब्रेरी से बाहर आ रही थी, तभी करण और आर्यन ने उसे रोक लिया।
> "रात के इस वक्त तुम यहाँ क्या कर रही थी?" करण ने सख्त लहज़े में पूछा।
> "और ये फाइलें क्यों तुम्हारे हाथ में हैं?" आर्यन की आवाज़ ठंडी थी।
शनाया का दिमाग तेज़ी से दौड़ने लगा।
क्या वह उन्हें सब कुछ बता दे? या फिर…
उसने धीरे से कहा, "मैं कुछ नहीं कह सकती।"
करण की आँखों में संदेह बढ़ गया। "क्यों नहीं कह सकती? क्या तुम हमें अब भी धोखा दे रही हो?"
आर्यन ने उसकी कलाई पकड़ ली, "अगर तुम्हें सच में हम पर भरोसा नहीं, तो हमें भी तुम पर भरोसा क्यों करना चाहिए?"
शनाया ने खुद को छुड़ाने की कोशिश की, "तुम लोग नहीं समझोगे!"
> "तो हमें समझाओ, शनाया!" करण ने गुस्से में कहा।
लेकिन वह चुप रही।
आखिर वो कैसे बताए कि वो खुद भी नहीं जानती थी कि उसका अगला कदम क्या होगा?
---
🔪 जब शनाया को अगला वार मिला
अगले ही पल, वहाँ नेहा और सिया आ गईं।
> "क्या हुआ, भैया? सब ठीक है?" नेहा ने मासूमियत से पूछा।
करण ने गुस्से से कहा, "तुम्हारी भाभी शायद हमसे कुछ छुपा रही है।"
सिया ने नकली चिंता जताई, "भाभी, अगर कोई परेशानी है तो आप हमें बता सकती हैं।"
शनाया को उनकी बातों से कुछ अजीब लगा, लेकिन उसने कुछ नहीं कहा।
लेकिन तभी…
> "मैं बताती हूँ," विक्रम की आवाज़ आई, और सबने पलटकर देखा।
वह वहाँ खड़ा था, उसकी आँखों में वही पुरानी चालाकी थी।
> "शायद अब वक्त आ गया है कि तुम सबको सच्चाई पता चले," उसने एक गहरी मुस्कान के साथ कहा।
और तभी उसने एक तस्वीर सबके सामने उछाल दी।
उस तस्वीर को देखकर शनाया के पैरों तले ज़मीन खिसक गई।
करण और आर्यन ने भी तस्वीर देखी, और उनका चेहरा सख्त हो गया।
> "ये क्या है?" करण ने धीरे से पूछा।
तस्वीर में शनाया और विक्रम साथ खड़े थे—और ऐसा लग रहा था जैसे वे किसी गुप्त मीटिंग में थे!
आर्यन की आँखों में आग जल उठी।
> "तो यह सच था… तुम वाकई हमारी दुश्मन हो!"
---
🔥 अगला अध्याय: जब शनाया को अपने अस्तित्व की सच्चाई पता चलेगी!
अब जब विक्रम ने चाल चल दी है, क्या शनाया खुद को निर्दोष साबित कर पाएगी? और क्या करण और आर्यन को उसकी सच्चाई पता चलेगी?
अगले अध्याय में जब शनाया अपने अतीत की गहराइयों में उतरकर सच का सामना करेगी!