अध्याय 13: जब शनाया को खुद से नफरत होने लगी

शनाया की आँखों के सामने अंधेरा छाने लगा।

विक्रम ने जिस तस्वीर को सबके सामने उछाला था, वह सिर्फ एक तस्वीर नहीं थी—वह एक जाल थी, जिसे शनाया को पूरी तरह से फँसाने के लिए बिछाया गया था।

करण और आर्यन के चेहरे पर अविश्वास और गुस्से का तूफान था।

> "हमने तुम पर भरोसा किया, और तुम?" करण की आवाज़ में एक कड़वाहट थी, जो शनाया को अंदर तक चीर गई।

> "क्या तुम सच में हमारी दुश्मन हो, शनाया?" आर्यन की आवाज़ में दर्द था, लेकिन उसकी आँखों में कठोरता थी।

> "बोलो, शनाया!"

शनाया ने कुछ कहना चाहा, लेकिन शब्द गले में ही अटक गए।

क्या वह उन्हें बताए कि यह सब एक साजिश थी?

क्या वे उसकी बात पर विश्वास करेंगे?

या फिर… क्या अब सब खत्म हो चुका था?

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🔥 जब शनाया ने खुद को सबसे अलग कर लिया

शनाया ने करण और आर्यन की आँखों में झाँका, लेकिन वहाँ अब वह नर्माहट नहीं थी जो उसने पहले देखी थी।

अब वहाँ सिर्फ़ शक था।

> "तुम लोग जो भी सोच रहे हो, वह सच नहीं है," उसने खुद को शांत रखते हुए कहा।

लेकिन करण ने कदम पीछे किया, जैसे उसकी बातों पर यकीन करना भी उसे गवारा न था।

> "और हमें कैसे यकीन हो कि तुम झूठ नहीं बोल रही?" आर्यन ने पूछा।

> "तुम्हें यकीन करना ही होगा!" शनाया ने दर्दभरी आवाज़ में कहा।

लेकिन जवाब में सिर्फ़ चुप्पी मिली।

उस चुप्पी ने शनाया को पूरी तरह तोड़ दिया।

उसे समझ आ गया कि अब यहाँ उसके लिए कोई जगह नहीं बची थी।

वह चुपचाप मुड़ी और वहाँ से चली गई।

लेकिन उसके जाते ही, विक्रम की मुस्कान गहरी हो गई।

> "अब देखो, शनाया, तुम्हारी अपनी ही सच्चाई तुम्हें किस अंधेरे में ले जाएगी," उसने धीमे से कहा।

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💔 जब शनाया ने खुद से नफ़रत करना शुरू कर दिया

शनाया ने खुद को अपने कमरे में बंद कर लिया।

उसने खुद को शीशे में देखा।

> "कौन हूँ मैं? क्या मैं सच में उनकी दुश्मन हूँ?"

लेकिन नहीं।

वह जानती थी कि वह निर्दोष थी।

पर सच्चाई यह भी थी कि वह विक्रम की बहन की बेटी थी—एक ऐसी हकीकत जिससे वह भाग नहीं सकती थी।

क्या मल्होत्रा परिवार उसे कभी अपना पाएगा?

क्या आर्यन और करण उसे फिर से वैसे ही देख पाएंगे जैसे पहले देखते थे?

"नहीं।"

उसने खुद को जवाब दिया।

अब उसके पास सिर्फ दो रास्ते थे—या तो वह अपने अतीत को भूल जाए, या फिर उसका सामना करे।

और उसने फैसला कर लिया था।

वह अपने अस्तित्व की लड़ाई खुद लड़ेगी।

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🔪 जब विक्रम ने आखिरी चाल चली

दूसरी ओर, विक्रम ने अपनी बेटियों—नेहा और सिया—को फिर से बुलाया।

> "अब वक्त आ गया है कि हम शनाया को पूरी तरह से अलग-थलग कर दें," उसने कहा।

> "अगर वह हमारी नहीं हो सकती, तो हम उसे पूरी तरह बर्बाद कर देंगे।"

सिया ने हल्की हँसी के साथ कहा, "तो अब आखिरी वार करने का समय आ गया है?"

विक्रम ने सिर हिलाया।

"अब यह कहानी एक ऐसे मोड़ पर पहुँचेगी, जहाँ से वापस लौटना नामुमकिन होगा।"

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🔥 अगला अध्याय: जब शनाया अपनी किस्मत खुद लिखेगी!

अब जब सब उसे छोड़ चुके हैं, क्या शनाया अपनी सच्चाई साबित कर पाएगी? और क्या करण और आर्यन कभी जान पाएंगे कि उन्होंने कितनी बड़ी गलती कर दी है?

अगले अध्याय में जब शनाया अपने सबसे बड़े फैसले के साथ लौटेगी!