वह तो हमेशा उसकी केयर करती थी। जैसी मर्ज़ी हो, वह थोड़ी घमंडी थी, लेकिन दिल की बहुत ही अच्छी। उसे अफ़सोस हो रहा था कि उसने पहले क्यों नहीं उसके दिल को देखा। शायद वह पहले से समझ जाता, तो इतनी बड़ी गलती न करता जिससे वह हॉस्पिटल में आने के बाद से जानवी के सामने नहीं जाता था।
अगली सुबह, दादी और अंश को छोड़कर सब डाइनिंग टेबल पर नाश्ता कर रहे थे कि तभी वहाँ पर पुलिस आ जाती है।
जिसे देख अंश के पिता पुलिस वाले से कहते हैं, "अरे अस्पताल, आप यहाँ? वो भी इस टाइम? क्या हुआ? ज़रूरी काम पड़ गया था आपको जो इस वक्त यहाँ आना पड़ा?"
"आई एम सॉरी आप सब को डिस्टर्ब करने के लिए, तो मैं माफ़ी माँगता हूँ। क्योंकि मैं यहाँ आपके बेटे को अरेस्ट करने आया हूँ।"
अंश जो कमरे से बाहर आ रहा था, इंस्पेक्टर के पास जाता है। "किस जुर्म में?"
"आई एम सॉरी सर, लेकिन आपको हमारे साथ पुलिस स्टेशन जाना होगा। क्योंकि आपके खिलाफ़ कम्प्लेंट की गई है। आपने किसी लड़की का मर्डर किया है।"
यह सुनकर अंश और घरवालों के होश उड़ जाते हैं और शॉक भरी नज़रों से सभी घरवाले अंश की तरफ़ देखने लगते हैं। अंश अपने घरवालों को खुद की तरफ़ देखते देख इंस्पेक्टर की तरफ़ देखते हुए कहता है, "क्या सबूत है कि मैंने किसी लड़की का खून किया है?"
"क्योंकि सर, जिस लड़की का खून हुआ है, उसे आखिरी बार कल रात आपकी कार में देखा गया है।"
कि तभी इंस्पेक्टर की बात सुन उसे याद आने लगता है कि कल रात उसने एक लड़की की मदद की थी। जिसे याद कर इंस्पेक्टर की तरफ़ देखते हुए कहता है, "लेकिन उसे तो मैंने खुद उसके घर तक..."
कि तब तक पुलिस अंश से कहती है, "आई एम सॉरी सर, बट आपको हमारे साथ पुलिस स्टेशन जाना होगा।" यह कह इंस्पेक्टर अंश को अपने साथ पुलिस स्टेशन ले जाने लगते हैं।
और वहीं दूसरी तरफ़, अंश की माँ अपना सर पकड़ सोफ़े पर बैठते हुए कहती है, "एक मुसीबत जाती नहीं है कि दूसरी मुसीबत आ जाती है। अब मैं अपने बेटे को कैसे बचाऊँ?"
कि तभी जानवी कहती है, "आंटी, प्लीज़ रिलैक्स, सब ठीक होगा। अंश ने ऐसा कुछ नहीं किया होगा।" और फिर जानवी अंश के पिता की तरफ़ देखते हुए कहती है, "अंकल, हमें पुलिस स्टेशन जाकर देखना होगा।"
यह कह जानवी अंश के पिता के साथ पुलिस स्टेशन चली जाती है। पुलिस स्टेशन में इंस्पेक्टर अंश को जेल के अंदर डाल देता है कि तभी अंश के पिता और जानवी पुलिस स्टेशन पहुँचते हैं। और अंश के पिता अंश के पास जाते हैं, और जानवी पुलिस इंस्पेक्टर के पास जाती है। "किस जुर्म में आप अंश को अरेस्ट कर सकते हैं? क्या आपके पास कोई सबूत है कि वह खून अंश ने ही किया है?"
"मिसेज़ रॉय, आई एम सो सॉरी, लेकिन हमारे पास बिना किसी सबूत के अंश रॉय को... क्या हम किसी को अरेस्ट नहीं कर सकते? तो हमारे पास बेफ़िज़ूल का टाइम नहीं है जो हम आप पर वेस्ट कर सकें। तो प्लीज़ आप अपनी लोयर से जाकर इस बारे में बात कीजिए।"
जानवी की अपेक्षित बात सुन वह भी अंश से मिलने चली जाती है। जो अपने पिता से बात कर रहा था। जानवी को खुद की तरफ़ आता देख कहता है, "जानवी, तुम तो यकीन करो, मैं किसी का खून नहीं कर सकता।"
"रिलैक्स अंश, मुझे पता है तुम किसी का खून नहीं कर सकते। मैं यही पूछने आई थी, क्या तुम मुझे सब कुछ डिटेल में बता सकते हो?"
फिर अंश अपने पिता और जानवी को कल रात के बारे में सब कुछ बताने लगता है। जिसे सुन जानवी कहती है, "तुम्हारे कहने के हिसाब से वह लड़की शायद ज़िंदा है।"
और थोड़ी देर और उससे बात कर जानवी और उसके पिता पुलिस स्टेशन से निकल जाते हैं। और फिर अंश के लिए एक अच्छा लॉयर हायर करते हैं। उसके बाद घर चले जाते हैं। घर जाकर देखते हैं तो वहाँ कोई नहीं था। जिसे देख जानवी अपनी मेड से पूछती है तो वह बताती है कि दोनों दादी की अचानक अंश के अरेस्ट की बात सुन उनकी तबीयत खराब हो गई थी। मैम साहब उन्हें हॉस्पिटल लेकर गई हैं। जिसे सुन जानवी और अंश के पिता हॉस्पिटल की तरफ़ निकल जाते हैं।
हॉस्पिटल जाकर देखती है तो दोनों दादी इमरजेंसी रूम में सिर्फ़ थीं। जिसे देख जानवी को बहुत बुरा फील होता है। कि तभी अंश की माँ रोते हुए उसके पिता के पास कहती है, "देखो क्या से क्या हो गया। हमारा बेटा जेल में और माँ जी हॉस्पिटल में।"
और जानवी को यह सब देख बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा था। अंश के माँ-बाप को रोता देख जानवी उनके पास जाती है। "आंटी, प्लीज़ आप रोइए मत। दादी भी बहुत जल्द ठीक होंगी और अंश भी सही-सलामत घर आएगा। यह मेरा वादा है आपसे।"
यह कहते हुए जानवी अंश की माँ को हौसला देती है, लेकिन उसे खुद भी नहीं पता कि वह अंश को बचाएगी कैसे, क्योंकि वह यहाँ के लिए अनजान थी। अगर यह उसका शहर होता तो वह कब का अंश को जेल से निकाल चुकी होती। लेकिन वह इस शहर में न किसी को जानती थी और न ही कोई उसके साथ था।
वह लॉयर से मिल अंश की बेगुनाही का सबूत ढूँढने लगती है। एक दिन बीत चुका था लेकिन उसके हाथ कोई सबूत नहीं आता जिससे जानवी को बहुत गुस्सा आ रहा था। और फिर वह लॉयर से कहती है, "हमें वहाँ से स्टार्ट करना होगा जहाँ से यह कहानी शुरू हुई थी।"
"तुम्हारा मतलब क्या है कहने का?"
"यही सर कि हमें उस जगह जाना होगा जहाँ वह लड़की अंश से मिली थी।"
लगभग 5 दिन बाद आज अंश को सज़ा मिलने वाली थी। सब कोर्ट में पहुँच चुके थे, सिवाय जानवी के। और यहाँ अंश का लॉयर सब अंश के हित में सबूत पेश कर रहा था, लेकिन फिर भी अंश की बेगुनाही का कोई खास पुख्ता सबूत नहीं था।
फिर लॉयर खुद से ही कहता है, "जानवी कब आएगी सबूत लेकर? वक़्त निकलता जा रहा है।"
और तभी जज अपना फैसला सुनाने लगते हैं। जज जैसे अपना फैसला सुनाने लगता है कि तभी जानवी वहाँ हाज़िर हो जाती है। जानवी को वहाँ देख सबकी आँखों में चमक आ जाती है क्योंकि उन्हें यकीन था कि जानवी उनके बेटे को ज़रूर बचा लेगी।
और जानवी करती भी वैसे ही। जानवी किसी लड़की का हाथ पकड़े कोर्ट के अंदर चली आ रही थी और जानवी उस लड़की को आगे करते हुए कहती है, "सर, यह लड़की ज़िंदा है।"
और कुछ देर में उस लड़की से पूछताछ की जाती है जिससे पता चलता है कि यह सब लड़की का ही प्लान था, पहले अंश को फँसाना और फिर खुद मरने का नाटक करना। उसे जज 5 साल की सज़ा सुना देते हैं और अंश को बेगुनाह करार कर अंश को रिहा कर देते हैं।
और सब खुशी-खुशी घर पहुँच जाते हैं। अंश की माँ अंश के लिए आरती उतारती है और उसकी दादी भी अब हॉस्पिटल से घर आ चुकी थीं। और पहले से उनकी तबीयत भी काफ़ी हद तक ठीक हो गई थी। आज सबके चेहरे पर एक खुशी की लहर थी जिसे देख जानवी को भी होठों पर स्माइल आ जाती है।
और इधर अंश की नज़र तो जानवी पर जाती है जो स्माइल करते हुए उनके घरवालों को ही देख रही थी। जिसे देख अंश अपने मन में कहता है, "मुझे पता है यह सब तुमने किया। अगर तुम टाइम पर नहीं आती तो मैं इस वक़्त अभी भी जेल में होता। तुम सच में जानवी बेस्ट हो।" और फिर अपने क़दम जानवी की तरफ़ बढ़ा देता है। और इधर जानवी अंश को अपनी तरफ़ आता देख वह अपने क़दम दादी की तरफ़ बढ़ाते हुए कहती है, "चलो दादी, मैं आपको आपके कमरे में छोड़ आती हूँ।" और कमरे में चली जाती है।
आज के लिए बस इतना ही। देखते हैं कि अंश अब अपने गिल्ट में क्या करेगा? क्या जानवी कभी अंश को माफ़ करेगी? कब तक जानवी अंश को बचाती रहेगी? ओके बाय गुड नाईट स्वीट ड्रीम्स।