Chapter 3

क्लास खत्म होते ही शौर्य हमेशा की तरह अकेला और उदास कैंटीन की ओर बढ़ा। कैंटीन में वह सीधा अपनी पसंदीदा टेबल की ओर बढ़ा, जो अक्सर खाली रहती थी क्योंकि कोई भी उसके साथ बैठना पसंद नहीं करता था। अगर कोई गलती से वहां बैठ भी जाता, तो बाकी छात्र उसका मजाक उड़ाने लगते। शौर्य चुपचाप अपनी टेबल पर बैठ गया और धीरे-धीरे अपना टिफिन खोलकर खाने लगा। लेकिन आज उसके दिमाग में खाने से ज्यादा एक और बात घूम रही थी—वह प्रोजेक्ट जिसे पूरा करना लगभग असंभव था।

उसका होमवर्क था दुनिया भर के मॉन्स्टर्स और उनके खान-पान पर रिसर्च करना। यह काम इतना कठिन था कि अगर कोई विशेषज्ञ भी इसे करने निकले, तो उसे कम से कम दस दिन लग जाते, और उसे यह सब सिर्फ एक दिन में करना था। शौर्य को लग रहा था कि साक्षी मैम ने जानबूझकर उसे इतना मुश्किल टास्क दिया है। वह बुदबुदाया, *"अब मेरा स्कूल से निकलने का वक्त आ गया है।"*

उसका मन बेचैन था। तभी उसे अपनी बहन अनन्या की याद आई—एक प्रसिद्ध डॉक्टर और साइंटिस्ट। वह सिर्फ इंसानों का ही नहीं, बल्कि मॉन्स्टर्स का भी इलाज करती थी और नए मॉन्स्टर्स की खोज में अहम भूमिका निभाती थी। इस दुनिया में डॉक्टर, मॉन्स्टर ट्रेनर और मॉन्स्टर टेमर जैसे कई पेशे थे, लेकिन सबसे कठिन काम मॉन्स्टर टेमर का था, जो जंगली मॉन्स्टर्स को पालने और समझने का काम करते थे।

शौर्य जानता था कि अगर वह अपनी बहन की मदद ले लेता, तो उसका काम आसान हो जाता और उसे स्कूल से निकाले जाने का खतरा भी खत्म हो जाता। आखिर, अनन्या ही थी जिसकी वजह से वह चार सालों से इस स्कूल में टिका हुआ था। लेकिन समस्या यह थी कि शौर्य अपनी बहन से नफरत करता था, क्योंकि उसे बचपन में किसी ने कह दिया था कि उसके माता-पिता की मौत के लिए अनन्या की माँ जिम्मेदार थी। इस वजह से वह हमेशा अपनी बहन से दूर रहता था, भले ही अनन्या उससे बहुत प्यार करती थी।

शौर्य के मन में द्वंद्व चल रहा था कि तभी किसी ने उसकी टेबल पर जोर से हाथ मारा। उसने सिर उठाकर देखा—अंश और विक्रम सामने खड़े थे।

*"तो तूने आखिर मान ही लिया कि तू इस प्रोफेशन के लायक नहीं है?"* अंश ने तंज कसते हुए कहा।

*"वाह! सब लोग सुन लो, शौर्य ने खुद मान लिया कि वह इस प्रोफेशन के लिए अयोग्य है!"* विक्रम ने तेज आवाज में चिल्लाया।

पूरी कैंटीन ठहाकों से गूंज उठी। हर कोई शौर्य की ओर देख रहा था और हंस रहा था। शौर्य ने चुपचाप अपना टिफिन बंद किया और उठकर जाने लगा, लेकिन अंश और विक्रम उसके सामने आकर खड़े हो गए, उसकी राह रोकते हुए।"

शौर्य की बात सुनते ही अंश और गौरव उसका मजाक उड़ाने लगे, "तो तू अपनी बहन को लेकर आएगा और तेरी सारी प्रॉब्लम ठीक हो जाएगी, है ना?" लेकिन शौर्य ने उनकी बातों को अनसुना कर दिया और वहां से जाने लगा। उसका ऐसा व्यवहार देखकर अंश और विक्रम दोनों के चेहरे पर नाराजगी झलकने लगी।

विक्रम गुस्से में शौर्य के सामने आकर उसके हाथ में मौजूद टिफिन को झटककर नीचे गिरा देता है। "ओह! बच्चे का टिफिन गिर गया! अब क्या खाएगा? कोई बात नहीं, नीचे जो गिरा है, वही खा ले। वैसे भी खाना बर्बाद नहीं करना चाहिए… शायद तेरे मां-बाप ने यही सिखाया होगा… ओह! सॉरी… तेरे तो मां-बाप ही नहीं हैं!" विक्रम ने ज़हर बुझी हंसी के साथ कहा।

यह सुनते ही शौर्य की मुट्ठी कस गई, उसका गुस्सा उबाल पर था। उसने विक्रम पर हमला करने के लिए मुक्का चलाया, लेकिन तभी अचानक एक बड़ी चोंच वाली चिड़िया उड़ती हुई आई और शौर्य के चेहरे पर चोंच मारने लगी। इससे उसका बैलेंस बिगड़ गया, और उसका मुक्का विक्रम को लगने से चूक गया।

विक्रम हंसते हुए बोला, "कमॉन शौर्य, हम मॉन्स्टर टेमर्स हैं! मैंने भले ही कुछ नॉर्मल एनिमल्स टेम किए हैं, लेकिन वो इतना तो कर ही सकते हैं कि तुम जैसे कमजोर इंसान को हरा दें!"

पूरे स्कूल के छात्र यह लड़ाई चुपचाप देख रहे थे। कुछ लोग आपस में चर्चा कर रहे थे, "ये सब ब्लैक गॉड टीम के मेंबर्स हैं, और गौरव इनका लीडर है। गौरव श्रेया को पसंद करता है, लेकिन शौर्य की बदकिस्मती देखो… उसका नाम भी श्रेया से मिलता-जुलता है, इसलिए दोनों को साथ बैठना पड़ता है। इसी वजह से पूरा स्कूल शौर्य से चिढ़ता है।"

गौरव भी शौर्य से नफरत करता था, और यह उसके लिए अच्छी बात नहीं थी। वह पहले ही मॉन्स्टर टेमर बनने में असफल हो रहा था, और अगर उसे गौरव का गुस्सा भी झेलना पड़ा, तो उसकी मुश्किलें और बढ़ जाएंगी।

दूसरी तरफ, शौर्य खुद को संभालने की कोशिश कर रहा था, लेकिन तभी अंश ने उसका हाथ पकड़ लिया और कसकर लॉक कर दिया। "विक्रम, मार इसको! इसे सबक सिखाते हैं!" अंश ने कहा।

विक्रम ने शौर्य के पेट पर जोरदार घूंसे बरसाने शुरू कर दिए। वह कभी उसके पेट पर, तो कभी उसके चेहरे पर वार कर रहा था। शौर्य दर्द से चीख रहा था, लेकिन कुछ कर नहीं पा रहा था। लगभग पाँच मिनट तक मारने के बाद विक्रम थोड़ा शांत हुआ और बोला, "चलो, हो गया काम। छोड़ इसे!"

अंश और विक्रम वहां से जाने लगे, लेकिन तभी शौर्य ने पास में बैठकर लंच कर रहे एक लड़के के झूठे टिफिन को उठाया और सीधा विक्रम के सिर पर दे मारा। विक्रम इस वार के लिए तैयार नहीं था, और जब झूठा खाना उसके ऊपर गिरा, तो उसका गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया।

"विक्रम, आज के लिए बस करो!" अंश ने उसे समझाने की कोशिश की।

लेकिन विक्रम चीख पड़ा, "अगर आज के लिए बस हो गया होता, तो ये अभी तक जमीन पर पड़ा होता! इसमें इतनी हिम्मत है कि ये मुझसे अब भी लड़ना चाहता है?"

गुस्से में विक्रम ने तेजी से आगे बढ़कर शौर्य की पीठ पर जोरदार लात मारी। शौर्य दीवार से टकरा गया, और उसके सिर से खून बहने लगा।

सब लोग यह देखकर सकते में थे। कुछ उसकी मदद करना चाहते थे, लेकिन ब्लैक गॉड टीम के डर से कोई आगे नहीं आया। कुछ लोगों को शौर्य के लिए बुरा लग रहा था, लेकिन वे असहाय थे।

"चलो, टीचर को कम्प्लेन कर देते हैं, वरना शौर्य का खून बहुत ज्यादा बह रहा है!" कुछ छात्र आपस में फुसफुसाए और बाहर निकलने लगे।

लेकिन जैसे ही वे कैंटीन के दरवाजे तक पहुंचे, गौरव वहां आकर खड़ा हो गया और गुस्से से उन्हें घूरने लगा। "क्या तुम सब भी हमारे गुस्से का शिकार होना चाहते हो?"