Chapter 10

दूसरी ओर, एक बड़े से कमरे में एक बूढ़ा आदमी अपने क्लाइंट के साथ मीटिंग कर रहा था। अचानक, एक तेज आवाज़ सुनाई देती है। "प्रिंसिपल, यह कैसी आवाज़ है?" एक टीचर ने सवाल किया। प्रिंसिपल भी लगातार हो रही आवाज़ को सुन रहा था और अपने दिल पर हाथ रखकर कहता है, "मुझे कुछ महसूस हो रहा है।"

"लेकिन सर, आपको क्या महसूस हो रहा है?" एक और टीचर ने पूछा। "हमारे न्यूरो कोर्स बहुत ज्यादा वाइब्रेट कर रहे हैं।"

इस पर प्रिंसिपल ने गंभीरता से कहा, "ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि कोई हमारे स्कूल में न्यूरो कोड जनरेट कर रहा है, वह भी जूनियर सेक्शंस में।"

यह सुनकर सभी टीचर्स शॉक हो गए। एक टीचर बोला, "पर सर, यह कैसे हो सकता है? जूनियर्स में तो 19 साल से कम के बच्चे होते हैं, और जब तक कोई 20 साल का नहीं हो जाता, तब तक वह न्यूरो कोड जनरेट नहीं कर सकता। तो फिर यह कौन कर रहा है?"

"इसका मतलब यह है कि कोई जूनियर सेक्शन में न्यूरो कोड जनरेट कर रहा है। और अगर वह 20 साल से कम है, तो यह हमारे स्कूल के लिए एक बड़ी बात है," प्रिंसिपल ने कहा।

सारे टीचर्स जल्दी से जूनियर सेक्शन की ओर दौड़ने लगे।

वहीं, शौर्य विक्रम को पकड़ कर दीवार से चिपका चुका था। उसका हाथ इतनी मजबूती से लॉक किया गया था कि विक्रम उस स्थिति से बाहर नहीं निकल पा रहा था। शौर्य ने विक्रम के हाथ को जोर से घुमाया, जिससे उसका हाथ टूट गया। "तुमने बहुत बड़ी गलती की है, विक्रम," शौर्य ने कहा, और विक्रम को एक जोरदार मुक्का मारा। विक्रम का चेहरा दीवार से टकरा गया और वह बेहोश हो गया। शौर्य ने अपने हाथों को झाड़ते हुए कहा, "अब तुम लोग समझ पाओगे।"

तभी साक्षी मैम वहां पहुंची और शौर्य को डांटते हुए कहा, "तुमने स्कूल में बदमाशी करने की हिम्मत कैसे की?"

शौर्य हंसते हुए कहा, "टीचर, कम से कम मैं जिंदा तो हूं, आप बस यह कह दीजिए कि हमारे बीच कुछ छोटी-मोटी लड़ाई हुई थी।"

साक्षी मैम इस बात से शॉक्ड हो गईं। इससे पहले कि वह कुछ और कह पातीं, एक आदमी सफेद कोट में वहां आ पहुंचा। "डॉक्टर अनिकेत! इतने बड़े डॉक्टर हमारे स्कूल में?" साक्षी मैम ने चौंकते हुए कहा।

शौर्य ने डॉक्टर अनिकेत को देखकर अपनी आंखें घुमाईं और फिर एक पल में मुड़कर उसे मारने के लिए हाथ उठाया। लेकिन जब उसने देखा कि वह आदमी डॉक्टर अनिकेत है, तो उसने अपनी हरकत रुक दी। डॉक्टर अनिकेत ने शौर्य के दोनों कंधों पर हाथ रखा और कहा, "शौर्य, तुम्हारी बहन ने मुझे यह मैसेज भेजा था।"

डॉक्टर अनिकेत के हाथ से फोन छीनते हुए शौर्य ने उस मैसेज को पढ़ना शुरू किया।

"डॉक्टर अनिकेत, मुझे पता है कि मैं जो करने जा रही हूं वह गलत है, लेकिन जब मैं शौर्य को ढूंढने उसके स्कूल में गई थी, तो मुझे यह पता चला कि शौर्य ताकतवर बनने के लिए जंगल चला गया है। आप अच्छे से जानते हैं कि ताकत बढ़ाने के लिए जंगल में रहना कितना फायदेमंद और खतरनाक हो सकता है। लेकिन शौर्य उन बच्चों में से नहीं है जो वहां रहकर ताकतवर बन सकते हैं। मैं बस यह चाहती हूं कि मेरा भाई सेफ रहे, इसलिए मैं उसे बचाने के लिए जंगल जा रही हूं। मैंने पूरे शहर का चप्पा चप्पा ढूंढ लिया है, लेकिन वह यहां नहीं है, इसका मतलब वह जंगल चला गया है।"

यह मैसेज डॉक्टर अनन्या का था, जो शौर्य की बहन थीं।

डॉक्टर अनिकेत ने कहा, "बहुत बड़ी प्रॉब्लम हो गई है। तुम्हारी बहन जंगल चली गई है, और शाम होने वाली है। अगर मैं किसी को तैयार भी कर लूंगा, तो वह सुबह से पहले जंगल नहीं पहुंच पाएगा।"

इसके बाद, डॉक्टर अनिकेत की नजरें घुमाते ही उन्होंने देखा कि शौर्य दरवाजे से बाहर निकलकर जंगल की ओर भाग रहा था। "नहीं, शौर्य! अगर तुम भी जंगल में चले गए, तो तुम्हारी बहन का..."

लेकिन शौर्य ने डॉक्टर अनिकेत की बात को अनसुना करते हुए सीधे जंगल की ओर रुख कर लिया।

और देखते ही देखते शौर्य जंगल के पास पहुंचता है, फिर एक लंबी सांस लेता है और जंगल के अंदर कदम रखता है। "अनन्या दीदी, मैं सब कुछ जान चुका हूँ। और यह भी कि सारी गलतियाँ मेरी थीं। मैंने आप पर विश्वास नहीं किया, जबकि आप हमेशा मुझसे प्यार करती रही। मैं हमेशा आपसे दूर रहा, लेकिन अब... अब सब कुछ जानने के बाद, अगर कुछ बुरा हुआ तो मैं इसे सहन नहीं कर पाऊँगा।" यह कहते हुए शौर्य जंगल की गहराइयों में दौड़ता है।

जंगल में कदम रखते हुए, शौर्य को किसी भी खतरे का डर नहीं था। वह बिना किसी डर के दौड़ते हुए आगे बढ़ता है, जबकि दूर से जानवरों की आवाजें सुनाई दे रही थीं। शौर्य की चिंता अपनी बहन पर थी, और वह बिना रुके सीधे उस दिशा में बढ़ता जा रहा था, जहाँ से शेर की आवाज आ रही थी।

कुछ ही देर बाद, शौर्य को सामने अपनी बहन अनन्या दिखाई देती है, जो कि एक खतरनाक शेर से लड़ रही थी। अनन्या का एक हाथ घायल था, फिर भी वह तलवार से शेर का सामना कर रही थी। शौर्य को समझ आ गया कि यह शेर "वन स्टार सिटी" का सबसे ताकतवर शेर है, और उसके बिना किसी सहायता के बाहर निकल पाना लगभग असंभव था। लेकिन शौर्य हार मानने वाला नहीं था।

शौर्य ने संकल्प लिया, "जो भी हो, चाहे जान चली जाए, मैं अपनी बहन को बचा के रहूँगा।" शौर्य पूरी ताकत से उस दिशा में दौड़ता है।

अचानक, शेर ने अनन्या पर हमला कर दिया। वह अनन्या के ऊपर कूद पड़ा था और उसे मारने की कोशिश कर रहा था। शौर्य दौड़ते हुए सामने आता है और अपनी तलवार से शेर पर वार करता है। शेर घायल हो जाता है और गुस्से में चिल्लाता है। वह फिर से अनन्या पर हमला करने के लिए बढ़ता है, लेकिन शौर्य ने अपने कंधे पर तलवार लेकर शेर को रोक लिया।

"नहीं, मैं तुम्हें कुछ नहीं होने दूँगा!" शौर्य की आवाज में गुस्सा था।

फिर, जैसे ही शेर ने एक और हमला किया, अनन्या जमीन पर गिरने लगी। उसकी आंखें बंद होने लगीं, और वह शौर्य से कहने लगी, "शौर्य, प्लीज यहाँ से भाग जाओ। मैं तुम्हारे लिए ही आई थी। अगर तुम नहीं बचोगे, तो मेरा जिंदा रहना भी बेकार होगा।"

शौर्य, क्रोधित और घबराया हुआ, "नहीं, मैं तुम्हें कुछ नहीं होने दूँगा!" कहते हुए दौड़ता है। लेकिन टाइगर अनन्या के करीब पहुँच चुका था। शौर्य का दिल जोर से धड़कने लगा, लेकिन अचानक ही उसके हाथ से तेज रोशनी निकलने लगी। वह यह देखकर चौंका कि एक मोटा सा कीड़ा उसके हाथ में था।

कीड़ा तेज़ी से शेर की तरफ बढ़ता है और शेर के सीने में घुसकर उसे खा जाता है। शेर एक दर्दनाक आवाज के साथ चिल्लाता है और धीरे-धीरे उसका शरीर सख्त हो जाता है, जो फिर कंकाल में बदल जाता है।

शौर्य यह सब देखकर दंग रह जाता है। वह कीड़े को देखकर सोचता है, "यह क्या था? और मैंने यह सब कैसे किया?"

लेकिन यह सिर्फ शुरुआत थी। शौर्य को अहसास हुआ कि उसने न्यूरो कोर का निर्माण किया है। अब वह जान चुका था कि वह अपने शक्तिशाली जानवरों को अपने न्यूरो कोर के अंदर रख सकता है और जब चाहे, उन्हें बाहर बुला सकता था।

कुछ समय बाद, शौर्य अपनी बहन को डॉक्टरों के पास ले जाता है। इलाज होने के बाद, शौर्य को पता चलता है कि वह अब कुछ नई शक्तियाँ महसूस कर रहा है। उसने अपने अंदर के न्यूरो कोर को सक्रिय किया और अचानक एक फटाफट रोशनी उसके सामने आई।

शौर्य अपने भीतर की शक्ति से पूरी तरह से जुड़ चुका था, लेकिन उसे यह समझ में नहीं आ रहा था कि उसने इस शक्ति को कैसे पाया। फिर, अचानक एक और अजीब घटना घटित होती है और शौर्य खुद को फिर से उसी जंगल में पाता है, जहाँ से वह बाहर आया था।

शौर्य यह सब देखकर दंग रह जाता है और सोचता है, "मैं फिर से यहाँ कैसे आ गया?"

इतने में एक फ्लैशबैक का दृश्य सामने आता है, जिसमें दिखाया जाता है कि कैसे शौर्य ने उस मोटे कीड़े को बचाया था और कैसे वह कीड़ा उसे पालतू बन गया था।

यह कीड़ा अब शौर्य का साथी बन चुका था,