रंजीत ने सख्त लहजे में कहा,
"अगर ये खबर ज़रा सी भी बाहर चली गई, तो पूरी बी-टेम ऑर्गेनाइजेशन तुम्हारे खिलाफ खड़ी हो जाएगी। और जब डॉक्टर लोग किसी के पीछे पड़ जाएँ, तो उसका अंजाम तुम बख़ूबी जानते हो..."
आदर्श मुस्कराया, मानो ये सब उसकी प्लानिंग का हिस्सा हो।
"यहाँ की सारी सीसीटीवी फुटेज मैंने आते ही डिलीट करवा दी। और आगे की रिकॉर्डिंग्स सिर्फ मेरी मर्ज़ी से होंगी। इसलिए चिंता मत करो, प्रिंसिपल साहब… फँसूँगा नहीं। और हाँ, आपकी चिंता के लिए शुक्रिया।"
इतना कहकर आदर्श अपने विशाल, सांड जैसे बीस्ट पर बैठ गया और सामने खड़े लोगों को घूरते हुए मुस्कराता रहा।
इस बीच, शौर को वो घूरता रहा — जिसका चेहरा न डर में डूबा था, न किसी घबराहट में।
उसके चेहरे की निडरता ने आदर्श को थोड़ी देर के लिए चौंकाया, लेकिन फिर वो मुस्कराया और हुक्म दिया:
"ख़त्म कर दो इन्हें!"
बॉडीगार्ड्स ने गन लोड की, निशाना साधा…
तभी —
"रुको।"
शब्द गूंजे — आवाज़ शौर की थी। लेकिन कोई ध्यान नहीं देता।
बॉडीगार्ड्स ट्रिगर दबाने ही वाले थे कि…
दरवाजा टूटता है!
सैकड़ों जानवर अंदर घुस आते हैं — कुछ ज़मीन से दौड़ते हुए, कुछ हवा में उड़ते हुए।
छोटे-छोटे परों वाले तेज़ चोंच वाले पक्षी सीधे बॉडीगार्ड्स की आँखों पर अटैक करने लगते हैं।
बॉडीगार्ड्स अंधे हो जाते हैं।
एक बॉडीगार्ड जैसे-तैसे सामने आता है — डॉ. अनन्या, अनिकेत और शौर के ठीक सामने।
उसके हाथ में बंदूक अब भी लोडेड थी।
वो गन उठाता है — शौर की तरफ एम करता है…
लेकिन तभी — एक बिल्ली उस पर झपटती है!
उसके मुंह पर पंजा मारती है, दाँत गड़ाती है — गन चलती है, मगर गोलियाँ ज़मीन में धँस जाती हैं।
सभी बच जाते हैं।
आदर्श अग्रवाल ये सब देखता है।
पर उसके चेहरे पर कोई घबराहट नहीं — सिर्फ एक ठंडी, क्रूर मुस्कान।
"बैकअप प्लान...
मुझे पता था। इतना बड़ा स्कूल है, कोई न कोई इंतज़ाम ज़रूर होगा..."
वो नीचे उतरता है, अपने उस सांड जैसे बीस्ट से।
"पर तुम लोग ये भूल रहे हो — ये जानवर म्यूटेड नहीं हैं। ये बीस्ट्स के सामने कुछ नहीं।"
और तभी — उसका वह विशाल सांड जैसा बीस्ट तेज़ी से दौड़ता है और अपने सिंगों से जानवरों को कुचलना शुरू कर देता है।
कई जानवर तड़पते हुए गिरते हैं, कुछ तो उठ भी नहीं पाते।
बाक़ी जो छोटे-मोटे बीस्ट्स बचे थे, वो भी डर के मारे पीछे हटने लगते हैं।
आदर्श अब खुलकर हँस रहा था।
"ये था तुम्हारा बैकअप प्लान? अब देखो मेरा प्लान कैसे सब पर भारी पड़ता है..."
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बिलकुल! यहाँ वही सीन है जिसमें "ड्रेगो" को "शेर" और "शौर" को "शौर्य" कर दिया गया है:
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"मैंने कहा था न... मुझसे पंगा मत लेना। मैं भले ही पावरफुल नहीं हु , लेकिन मेरे पास भी ऐसे 'मास्टर्स' हैं जो किसी के भी होश उड़ा दें," आदर्श अग्रवाल ने घमंड से भरी आवाज़ में कहा, सबकी ओर नज़रें घुमाते हुए।
वो भैंसा लगातार बेकाबू तबाही मचाए जा रहा था। तभी एक हिरण जैसे दिखने वाला एलियन उसकी ओर बढ़ा — और बस एक झटके में वो भैंसा उसे आसमान में उछाल देता है। हिरण ज़मीन पर इतनी ज़ोर से गिरता है कि उसकी टाँगें चटक जाती हैं। अब तो फ्रड भी कुछ महसूस कर रहा था, मगर चाह कर भी कोई कुछ नहीं कर सकता था। बस नज़ारा देख रहे थे... अपनी आने वाली मौत का।
इसी बीच, आदर्श के सारे बॉडीगार्ड्स भी आज़ाद हो जाते हैं और अपनी जगहों पर खड़े हो जाते हैं। सब एक-दूसरे की तरफ देखने लगते हैं।
"क्या घूर रहे हो? मारो इन्हें!" आदर्श चीखा।
बॉडीगार्ड्स जैसे नींद से जागे और फौरन गनें शौर्य, अनन्या और अनिकेत की तरफ तान दीं।
शौर्य के चेहरे पर डर साफ़ झलक रहा था। "ओह नो... ये प्लान भी फेल हो गया," उसने मन ही मन कहा।
गन की आवाज़ गूंजती है।
शौर्य, अनन्या, अनिकेत, प्रिंसिपल रंजीत — सबने आँखें बंद कर लीं।
पर... कुछ नहीं हुआ।
धीरे-धीरे सबने आँखें खोलीं — और देखा कि उनके सामने एक विशालकाय शेर खड़ा है, जिसने अपनी छाती से गोलियाँ रोकी थीं। वही शेर... लेकिन पहले से भी कहीं ज़्यादा ताकतवर। उसकी मसल्स, उसकी मौजूदगी... डरावनी थी।
शेर के ऊपर एक स्मार्ट लड़का बैठा था।
"ये तो हमारे सीनियर में से एक है!" किसी स्टूडेंट ने चिल्लाकर कहा।
सारे बच्चे उत्साहित हो उठे।
वो लड़का शेर से उतरा और आदर्श की ओर तेज़ कदमों से बढ़ा। उसकी आँखों में गुस्सा भरा था।
"क्या कहा तुमने? कि सबको मार दोगे? सबूत मिटा दोगे? क्यूंकि तुम डॉन हो?" उसने ताली बजाकर हँसते हुए कहा, "जूनियर्स को तंग करने का हक़ सिर्फ़ सीनियर्स का होता है, ये बात पता नहीं तुम्हें?"
"तू भूल रहा है कि मैं कौन हूँ," आदर्श फुंकारा और अपने भैंसे को इशारा किया।
भैंसा झपटता है... मगर वो लड़का वहीं खड़ा रहा। एक हाथ से भैंसे को रोका... और ज़ोरदार पंच!
भैंसा ज़मीन पर धड़ाम से गिरता है... बेहोश।
"किसने कहा कि मेरे पास हुकुम के पत्ते नहीं?" आदर्श बोला।
उसके सारे बॉडीगार्ड्स ने एकसाथ फायर किया। लेकिन शेर फिर सामने आ गया — गोलियाँ उसकी खाल से टकराकर नीचे गिर गईं।
"मैं एक प्रोफेशनल बीमर हूँ," वो लड़का बोला, "और तुम्हारे जैसे कई साम्राज्य तबाह कर चुका हूँ।"
शेर ने एक ज़ोरदार दहाड़ मारी।
बॉडीगार्ड्स डर के मारे भाग गए। आदर्श भी गिरता-पड़ता वहाँ से निकल गया।
"तुम्हारे घमंड का जवाब तुम्हें मिल गया," लड़का बोला, फिर शौर्य और बाकियों की ओर मुड़ा, "सब ठीक हो?"
"हाँ, बेटा... अब तुम दिखे हो बहुत दिनों बाद। बड़े भी हो गए हो," प्रिंसिपल रंजीत मुस्कराए।
"मैं यहाँ इसलिए आया क्योंकि सुना कि किसी ने 15 साल की उम्र में न्यूरो जनरेट किया है।"
"हाँ हाँ... मिलवाता हूँ," रंजीत बोले।
"इसका नाम आदित्य है," रंजीत ने सबसे कहा।
"आदित्य...? अरे, ये तो वही है! सीनियर्स की टॉप 10 टीम का लीडर!" बच्चे आपस में बातें करने लगे।
आदित्य अब शौर्य की ओर बढ़ा। "मैंने तुम्हें उन एनिमल्स को कंट्रोल करते देखा। बहुत इम्प्रेस किया।"
सभी हक्के-बक्के रह गए। इतने सारे एनिमल्स को...?
"तुमने इन्हें सालों से फीड किया, दोस्ती की... और अब ये तुम्हारे अपने हैं," आदित्य ने कहा।
आदित्य ने शौर्य के कंधे पर हाथ रखा और मुस्कराया। फिर अपने शेर की ओर मुड़ा।
शौर्य उस शेर को देख रहा था। उसने मन में कहा: "सुनो शेर इधर आओ.."
शेर मुड़ा। शौर्य के पास आया। बस खड़ा हो गया... फिर हल्का सा लिक कर चला गया।
आदित्य भी मुस्कराया।
"तुम पहले हो जिसने मेरे शेर को इम्प्रेस किया है। जल्द ही मिलेंगे सीनियर लेवल पर... बहुत लोग हैं जो तुमसे मिलना चाहते हैं।"
और फिर आदित्य, अपने शेर के साथ... वहां से चला गया।
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