Chapter 24

जैसे ही झार्नोक ने बिजली दागी, शौर्य ने अपने दोनों हाथ सामने कर लिए, जैसे वही उसे रोक लेगा। लेकिन यह साधारण बिजली नहीं थी—यह एक कोर बीस्ट की चेतावनी थी, उसकी परीक्षा। हवा में जलन थी, ज़मीन की मिट्टी चटकने लगी, और झार्नोक की चीख जंगल के हर पेड़ से टकरा रही थी।

धड़्र्रर्रर्र!!!

बिजली का झटका सीधा शौर्य की छाती से टकराया। उसके बदन में मानो कोई विस्फोट हो गया हो। वह ज़मीन पर गिर पड़ा—साँसें तेज़, पसीने से तरबतर। उसके कानों में सिर्फ एक आवाज़ गूंज रही थी—झार्नोक की:

“अगर तू गिर गया, तो समझ ले… तू कोर बांड के लायक नहीं!”

शौर्य ने आंखें खोलीं। उसकी आँखों के सामने सफेद चमक थी, लेकिन बीच-बीच में धुंधली आकृति दिखाई देती थी—वो था झार्नोक, उड़ता हुआ, अपनी बिजली से चारों ओर आग लगा रहा था।

“हिम्मत हार रहा है?” एक धीमी आवाज़ शौर्य के अंदर से आई।

शौर्य ने आँखें मिचमिचाकर पूछा, “कौन है?”

“मैं… तुम्हारे अंदर की जिद, तुम्हारा जुनून… जो कभी हार मानना नहीं जानता।”

शौर्य अब उठ बैठा। उसके हाथ काँप रहे थे, पर आँखें दृढ़ थीं। झार्नोक फिर से बिजली बटोरने लगा—इस बार और भी भयानक।

“मुझे तुझसे कोई सहानुभूति नहीं चाहिए, इंसान,” झार्नोक गूंजा। “या तो तू मेरे लायक है… या तू जल जाएगा!”

शौर्य ने गहरी साँस ली और अपने दाहिने हाथ को सामने फैलाया। वहाँ कुछ नहीं था… लेकिन अचानक उसकी हथेली के बीच से एक हल्की नीली चमक उठी। एक हल्का प्लाज़्मा-सा आभा जो धीरे-धीरे तेज़ हो रही थी।

“क्या… ये मेरा न्यूरो कोर है?” उसने खुद से कहा।

लेकिन अब समय सोचने का नहीं था। झार्नोक ने अपने पंख फड़फड़ाए और आकाश से सीधे शौर्य पर एक बिजली की तलवार गिराई।

शौर्य ने जैसे ही अपने दोनों हाथ ऊपर किए—नीली चमक एक गोल ढाल में बदल गई। झटका लगा, लेकिन वो गिरा नहीं।

"धड़ाम!!"

ढाल टूट गई… लेकिन शौर्य खड़ा रहा।

“अच्छा... तो तू केवल सहन कर सकता है, पर वार नहीं?” झार्नोक चिल्लाया।

“मैं अब जवाब भी दूँगा,” शौर्य ने कहा।

उसने अपने दोनों हाथ मिलाए और गहरी सांस लेते हुए ज़मीन पर बैठ गया। उसके शरीर से नीली आभा उठने लगी, और उसके चारों ओर हवा स्थिर हो गई। पेड़ झुक गए, पत्तियाँ उड़ने लगीं, और एक तेज़ कंपन शुरू हुआ।

वो कंपन शौर्य की आत्मा से उठ रही थी।

उसने धीरे-धीरे आँखें खोलीं—अब उनमें हल्की नीली चमक थी।

झार्नोक एक पल के लिए ठिठक गया।

“तू... अपनी कोर एनर्जी को बुला रहा है?” उसने पूछा।

शौर्य ने धीरे-धीरे उठते हुए कहा, “हाँ। तुमने ही कहा था, अगर मैं लायक हूँ, तो अपनी शक्ति दिखाओ। अब देखो—मेरे भीतर की बिजली।”

फिर अचानक, शौर्य के शरीर से एक सीधी नीली लहर निकली—जो झार्नोक से टकराई।

"बूम!"

झार्नोक को झटका लगा—वो थोड़ा पीछे हटा।

उसकी आंखों में अब पहली बार हैरानी थी।

“ये... ये कैसी ऊर्जा है?” उसने पूछा।

शौर्य भी हैरान था। ये ताकत उसने पहले कभी नहीं महसूस की थी। वो अब खुद को भारी, पर शक्तिशाली महसूस कर रहा था।

“ये शायद... मेरी कोर और इस मोटे कीड़े की मिली-जुली ऊर्जा है,” शौर्य ने अनुमान लगाया। “इसमें मेरा जुनून भी है, और उसका संयम भी।”

झार्नोक ने एक लंबी सांस ली और धीरे से ज़मीन पर उतरा।

“ठीक है, इंसान। अब मैं तुझे अंतिम परीक्षण दूँगा। अगर तू उसमें पास हुआ—तो मैं हमेशा के लिए तेरे कोर का हिस्सा बन जाऊँगा। लेकिन अगर फेल हुआ… तो मेरा नाम तक याद नहीं रहेगा।”

फिर वह ज़मीन में समा गया। चारों ओर अंधेरा छा गया।

अब शौर्य एक खाली, नीले मैदान में खड़ा था। ऊपर न तारे, न सूरज—सिर्फ अजीब सी शांति।

तभी एक छोटा झार्नोक, लगभग शौर्य जितना ही बड़ा, सामने आया।

“अब हम दोनों के बीच शुद्ध मानसिक युद्ध होगा,” उसने कहा।

“जो भी दूसरे के मन में डर, भ्रम, और असुरक्षा ढूंढ़कर उसे तोड़ देगा—वही जीत जाएगा।”

शौर्य ने सिर हिलाया। उसकी आँखों में कोई झिझक नहीं थी।

छोटा झार्नोक उसकी ओर बढ़ा—और उसने अपनी उंगली शौर्य की छाती पर रख दी।

तुरंत ही शौर्य को दृश्य दिखाई देने लगे—उसके डर, उसकी असफलताएँ, उसकी मां की आंखें, जो हर दिन शौर्य के लौटने का इंतज़ार करती थीं, वो दिन जब उसका पिता युद्ध में नहीं लौटा था, वो रात जब शौर्य ने शौर को बेहोश देखा था…

“क्यों?” शौर्य के अंदर से आवाज़ आई, “तू इन सबका सामना क्यों नहीं करता?”

शौर्य का शरीर कांप रहा था, पर उसका मन मजबूत था।

उसने आंखें खोलीं और सीधे झार्नोक की आंखों में देखा।

"क्योंकि मैं इनसे भाग नहीं रहा... मैं इनके साथ जी रहा हूं। यही मेरी ताकत है। मैं टूटा नहीं... मैं सीधा खड़ा हूं।"

और उसी क्षण, झार्नोक की आंखों में रोशनी भर गई।

“बधाई हो,” उसने मुस्कराते हुए कहा, “अब मैं तेरा कोर बीस्ट हूं।”

शौर्य के चारों ओर एक चक्र बन गया—नीला, चमकदार, और शांत। झार्नोक उसमें समा गया… और शौर्य के शरीर पर एक नया निशान उभर आया—बिजली का प्रतीक चिन्ह, उसकी गर्दन के पास।

सारा अंधेरा गायब हो गया।

वेनस रैप्टर और मोटा कीड़ा वापस उसके पास थे।

“तू... सफल हो गया,” वेनस बोला, “अब तू असली फाइटर बनने की राह पर है।”

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शौर्य ने एक लंबी सांस ली। अब उसके चेहरे पर विश्वास था—और दिल में आग।

“अब अगला कदम... थ्री स्टार सिटी। और उस ज़हर को हराना जिसने शौर की आंखों को निगल लिया है।”