जय माता दी
जहां इस दर्द से नंदिनी रोती हुई बहुत तेज चीखने को होती की तभी वो शक्श नंदनी के खुले होठों में दबी उन सिसकियों को अपनी हथेली में भींचते हुए बंद कर देता
" श..... आ रहा हैं वो । कह दीजिए उससे नहीं करेगी आप ये शादी । आप सिर्फ इस ...हैदर.... की हैं " वहीं किसी के जूतों की आवाज को इधर ही आते सुनकर हैदर अपनी हथेली नंदिनी के खुले होठों के ऊपर से हटाते हुए दीवानों की तरह बोलता
" किसकी हैं " वहीं हैदर नंदिनी के बालो को अपनी हथेली में बेदर्दी से मसलते हुए होठों पर डेविल मुस्कुराहट लिए नंदिनी से सवाल करता
" है.....हैदर... " वहीं बहुत बुरी तरह रोती हुई नंदिनी हिचकी लेती हुई डरी सी बेहद मुश्किल से अटक अटक कर बोलती
जहां नंदिनी के होठों से अपना नाम सुनकर हैदर के चेहरे पर आया वो गुस्सा एक पल में गायब हो जाता और इस पल हैदर की आंखों में दीवानगी भर जाती नंदिनी के लिए
" श..... शांत हो जाइए । छिपा लीजिए अपने इन आंसुओं को इससे पहले किसी गैर मर्द की इन पर नजर पड़े " नंदिनी के आंसुओं से गिले उसके गाल , उसकी आंखों को देखते हुए हैदर जुनून और पागलपन से बोलता
जहां जूतों की आवाज़ों को बेहद करीब सुनकर हैदर उसी पल चार कदम पीछे हटता हुआ नंदिनी से दूर हो जाता । तो वहीं नंदिनी अपने गिले दोनों गालों को जल्दी से अपनी दोनों कांपती हुई हथेली से साफ कर सिसकियों को दबाने के लिए कसकर अपने होठों को आपस में भींचते हुई अपनी निगाहे नीचे कर लेती
" भाई.... आप यहां हैं और ये.... आपको ना जाने कहां कहां ढूंढ रही " वहीं दरवाजे पर खड़े अभिजीत को देखते ही हैदर हल्का सा टेढ़ा खड़े होते हुए अभिजीत को देखकर बोलता
पर इतना बोलते ही हैदर के सीने में जलन की आग उठ जाती क्योंकि दरवाजे पर खड़े अभिजीत की नज़रे इस वक्त सिर्फ नज़रे नीचे झुकाए खड़ी नंदिनी पर थी
" भाई ..... " वहीं सीने में उठती जलन लिए हैदर अभिजीत का ध्यान नंदिनी से हटाने के लिए कुछ बोलने को मुंह खोलता ही की
तभी अभिजीत नंदिनी पर निगाहे रखे अपना एक हाथ हैदर की तरफ कर देता । जहां इस हाथ को देखते ही हैदर बोलते बोलते खामोश सा हो जाता । लेकिन बेकाबू गुस्सा हैदर पर हावी हो चुका था
" कुछ कहना हैं आपको " वहीं चेहरा झुकाए खड़ी नंदिनी पर नज़रों को रखे अभिजीत बोलता
जहां पहली बार किसी को उसकी बिना बात कहे समझते देखकर नंदिनी एक पल हैरान सी हो जाती और हां कहना था उसे बहुत कुछ कहना कि वो नहीं कर सकती शादी और उसे अभी हैदर की नजरों से उसकी पहुंच से बहुत दूर होना है
" हम्ममम.... वो.... वो हम.... हम नहीं.... नहीं कर सकते ये शादी " वहीं झुके चेहरे के साथ नंदिनी डर से कुछ कांपती हुई अपने सिर को हल्के हल्के धीमे धीमे ना में हिलाती हुई घबराई सी बोलती
जहां नंदिनी की इस बात को सुनकर हैदर के होठों पर शैतानी मुस्कुराहट आ जाती । तो वहीं नंदिनी इतना बोलते ही उसी पल डरी सी कमरे से बहार जाने के लिए लड़खड़ाई सी आगे बढ़ती हुई अभिजीत के नजदीक से गुजरती हुई कमरे के बहार कदम रखती कि
तभी अभिजीत जाती हुई नंदिनी की हथेली अपने एक हाथ में पूरी तरह भर लेता । जहां अभिजीत के उस बड़े से हाथ में नंदिनी का वो छोटा सा गोरा मुलायम हाथ पूरी तरह से छिप गया था । जहां अभिजीत की छुअन से नंदिनी का रोना , उसका डर पूरा खत्म हो गया । लेकिन इस वक्त उसके पूरे शरीर के रोंगटे खड़े हो चुकी थे
" बाहर जाओ " वहीं अभिजीत कमरे में खड़े हैदर को देखते हुए बोलता
जहां हैदर की निगाहे तो इस पल अभिजीत के हाथ में छिपे नंदिनी के हाथ पर थी । जहां अभिजीत को यूं नंदिनी का हाथ थामे और अब अकेले में उन दोनों की सोचकर हैदर का गुस्से से खून उबल रहा था
पर हैदर एक शब्द भी अभिजीत के सामने बोलने की हिम्मत नहीं करते हुए कमरे से बहार चला जाता । वहीं नंदिनी बेहद शांत सी बिना हिले डुले नज़रे झुकाए वहीं खड़ी थी
" अंदर बैठिए " अभिजीत बोलते हुए नंदिनी का हाथ छोड़कर कमरे में घुस जाता
पर वहीं अभिजीत के हाथ छोड़ते नंदिनी को अपनी उस हथेली में इतनी गर्माहट सी महसूस होती की तभी नंदिनी अपनी उस हथेली को दुपट्टे से ढक लेती । वो नहीं जानती क्या हो रहा उसे ? क्यों आज एक मर्द के सिर्फ छूने से उसके हाथों में गर्माहट सी हो गई । जबकि ना जाने कितने मर्द उसे कई दफा कहां कहां छू भी चुके ओर अपनी हवस भी उतार चुके
" आइए... " वहीं नंदिनी को अभी भी दरवाजे पर खड़े देखकर सोफे पर बैठा अभिजीत इस बार थोड़ी सख्ती से बोलता
जहां अभिजीत की इस सख्त आवाज को सुनते ही घबराई सी नंदिनी उसी पल पलटकर धीरे धीरे कमरे में घुसती हुई अभिजीत के सामने की सोफे कुर्सी पर बैठ जाती । जहां इस वक्त दोनों के बीच एक ट्रैंगल कांच की टेबल रखी थी
वहीं नंदिनी के सोफे पर बैठते ही अभिजीत की नज़रे नंदनी को ऊपर से नीचे तक देखने लगती । जहां नंदिनी ने पेरो में सफेद मोतियों से जड़ी हुई जूती पहनी थी और पीले रंग का घेर वाला अनारकली सूट । जहां नंदिनी ने ऐसे कपड़े पहने थे कि गर्दन से पैरों तक पूरी ही नंदिनी ढकी हुई थी
वहीं अभिजीत की नज़रे इस बार नंदिनी के चेहरे पर थम जाती । जहां छोटी छोटी सी आंखों में काली घने पलके थी । जहां इन घनी पलकों से नंदिनी की झुकी आँखें ऐसे लग रही मानो उसने आँखें ही बंद रखी हो । वहीं नंदिनी के चेहरे पर वो छोटी सी नाक , उसके पलते हल्के हल्के कुछ मोटे लाल होठ
" जब इंकार ही हैं आपकी । तो क्यों आप यहां शादी का प्रस्ताव लेकर आई ? " वहीं होठों पर एक सेकंड नजरों के थमते ही उसी पल अभिजीत अपनी नज़रे ऊपर नंदनी की झुकी पलकों पर करे सवाल करता
जहां अभिजीत की ऐसे सवाल कर हैदर का चेहरा फिर नंदिनी के आंखों के सामने आ जाता । जहां डर से नंदिनी की सांसे कुछ भारी होती हुई उसकी आँखें नम हो जाती
" उम्र क्या हैं आपकी ? " वहीं नंदिनी के जवाब ना देने पर अभिजीत फिर एक सवाल नंदिनी से करता
" सत.... अठारह.... " वहीं घबराई सी नंदिनी अटकती हुई नज़रे नीचे रखे ही सत्रह बोलने से रुकती हुई काकी की बात याद कर अठारह बोलती
" और मैं चौतीस.... जानती भी हो कितना बड़ा हूं तुमसे .... " वहीं नंदिनी की उम्र जानकर अभिजीत कुछ सर्द आवाज में नंदिनी से बोलते हुए आगे बोलता की
अभिजीत की नज़रे नंदिनी के सोफे पर रखे एक हाथ पर जाती । जहां नंदिनी अंगूठे को उंगली पर रख रख कुछ गिनने लग रही थी
" 16 साल... " जहां नंदिनी को ऐसे गिनते देखकर अभिजीत एक सांस छोड़ते हुए बोलता
" जानती हो मैं ये शादी क्यों और किस लिए कर रहा हूं " तभी अभिजीत एक सवाल और नंदिनी से करता
" ..... अप... अपनी बच्ची की देखभाल के लिए .... " वहीं नंदिनी झुके चेहरे के साथ धीमे से हां में सिर हिलाती हुई बोलती हुई रुकती की
" सिर्फ देखभाल नहीं ..... मुझे एक ऐसी लड़की चाहिए जिसकी दिन और रात मेरी बेटी के हिसाब से हो । जिसकी खुद की ना कोई इच्छा हो और ना ही कोई मर्जी और ना ही कोई शोक । जिसकी जिंदगी का हर एक सेकंड सिर्फ मेरी बच्ची के हिसाब से चलेगा.... उस लड़की को अपना परिवार , अपनी खुशियां , अपनी ख्वाहिश सब कुछ छोड़कर मेरे इस घर में आना होगा " तभी अभिजीत हर एक शब्द पर जोर देते हुए बोलता हुआ कुछ पल खामोश हो जाता
जहां अभिजीत की खामोशी जानना चाहती थी कि सामने नजरों को झुकाए बैठी लड़की यहीं रहेगी या चली जाएगी । क्योंकि उसकी बाते साफ थी कि उसे अपनी बेटी के लिए एक नौकरानी , रोबोट चाहिए थी । वो नौकर जो सिर्फ उसकी बच्ची के ही आस पास रहकर 24 घंटे उसकी देखभाल करे
(( क्या नंदिनी चली जाएगी या वो रुकेगी ? कौन हैं ये हैदर और उसका नंदिनी से क्या सम्बन्ध ? ))
जाते जाते समीक्षा और रेटिंग जरूर करते जाना....