जय श्री कृष्णा जी
" आइए रिद्धांश.... " घर के अंदर आते शक्श को देखकर धनुष जी उसे अपने पास पुकारते
जहां धनुष जी की आवाज पर रिद्धांश उनकी तरफ कदम बढ़ा देता । पर तभी चलते हुए रिद्धांश की नज़रे ऊपर होती हुई फर्स्ट फ्लोर पर खड़ी श्रुति के होठों पर चली जाती
जहां लॉली पॉप को चुस्ती हुई श्रुति के पतले होठ काफी लाल होते हुए उसके होठों पर स्लाइवा आ रहा था । जहां अपने होठों के स्लाइवा को लीक करती हुई श्रुति लगातार होठों को गोल कर लोप पॉप को चूस रही थी
" पहले आप थोड़ा आराम कर लीजिए रिद्धांश । फिर हम बात करेंगे " वहीं रिद्धांश को देखकर धनुष जी उससे प्यार से बोलते
जहां धनुष जी की बात सुनकर रिद्धांश धीरे से हां में सिर हिला देत । जहां इस पल रोती हुई देविका की आंखों में रिद्धांश के लिए बहुत गुस्सा भर जाता । तो वहीं दादा जी की निगाहों में बेहद नफरत भरी होती रिद्धांश के लिए
" रामू..... जाओ रिद्धांश को मेरे पास वाला कमरा दो " तभी धनुष जी एक नौकर का आवाज लगाता हुआ बोलता
जहां इस आवाज को सुनकर वो नौकर आंखों में हल्का सा गुस्सा लिए रिद्धांश को घूर कर अपने साथ चलने का इशारा करता
जहां सब की आंखों में भरी खुद के लिए नफरत देखकर रिद्धांश समझ जाता कि किसी को भी उसका यहां आना पसंद नहीं आया । सिर्फ धनुष जी को छोड़कर । पर रिद्धांश कुछ ना बोलते हुए कंधे पर टांगे काले बैग को एक हाथ में पकड़ते हुए उस नौकर के पीछे चल देता
" सच बताइएगा..... आपका चक... चक्कर उस औरत से कब.... कब से चल रहा था " तभी देविका जी रोती हुई दिल में होती बेहद तकलीफ से हिम्मत लेती हुई धनुष जी से पूछती
जहां अपनी पत्नी के इस सवाल को सुनकर धनुष जी एक पल खामोश हो जाते । क्योंकि देविका जी का ये सवाल बिल्कुल जायज़ था क्योंकि अगर श्रुति सत्रह साल की थी और इनकी शादी को सिर्फ बीस साल हुए थे
तो वहीं रिद्धांश तीस साल का था । इसका मतलब साफ था कि देविका से शादी से पहले ही वो एक औरत के साथ बहुत गहरे रिश्ते में जुड़ा हुआ था
पर धनुष जी कुछ ना बोलते हुए घर से बहार चले जाते । पर अपने पति की चुप्पी देखकर देविका जी अंदर ही अंदर टूट सी जाती । क्योंकि वो अपने पति की खामोश समझ चुकी थी। वो समझ चुकी थी कि उसके आने से कई साल पहले से उसका पति किसी ओर औरत के साथ संबंध में था
दोपहर के वक्त श्रुति इस वक्त कमरे में बिस्तर पर उल्टी लेटी हुई एक कॉपी खोलकर उसमें अपने स्कूल का काम कर रही थी कि तभी गुस्से में देविका जी श्रुति के कमरे में आती और बिना कुछ श्रुति से बोले बस अलमारी खोलकर उसमें से श्रुति के सब कपड़े निकालने लगती
" मोम.... मोम क्या कर रही हैं आप ये ? " वहीं अपने कपड़ो को अलमारी से जमीन पर फेंकते देखकर श्रुति हैरानी से बोलती हुई बिस्तर से उठती हुई अपने मां के पास जाती
" आप और मैं अभी आपके नाना के जा रहे । नहीं रहेंगे हम यहां " वहीं गुस्से से बोलती हुई देविका जी अलमारी से सारे कपड़े निकालकर जमीन पर फेंक देती
जहां मां की इस बात को सुनकर श्रुति तो समझ ही नहीं पाती क्या बोले वो ? तो वहीं देविका जी गुस्से में अलमारी के पास कोने में रखे सूटकेस को बेड पर रख जमीन पर बिखरे श्रुति के कपड़ो को उस बैग में ठूंसती जाती
" हमारी पोती कहीं नहीं जाएगी बहु " तभी एक भारी आवाज आती
जहां इस आवाज को सुनते देविका जी बैग में कपड़ो को रखने से रुकती हुई पीछे मुड़कर दरवाजे पर नज़रे कर लेती । जहां छड़ी को जमीन पर टिकाए गुरूर के साथ हर्षवर जी खड़े थे
और दादा जी को देखते ही श्रुति मायूसी से अपने दादा के पास जाती हुई उनके सीने पर सिर रख कर खड़ी हो जाती
" ये सब कुछ और मेरा सब कुछ सिर्फ मेरी पोती श्रुति का हैं ।कहीं नहीं जाएगी मेरी पोती " वहीं श्रुति के सिर को प्यार से सहलाते हुए दादा जी बोलते
" तो आप चाहते हैं कि श्रुति अपने सौतेले भाई के साथ इस घर में रहे " तभी देविका जी गुस्से से दादा जी से बोलती
जहां सौतेला भाई सुनते ही श्रुति की आंखों के सामने रिद्धांश का चेहरा आता हुआ उसका सख्त सीना और कठोर शरीर आ जाता
" वो ना तो श्रुति का सौतेला भाई हैं और ना ही इस घर का दूसरा वारिश । इस घर की सिर्फ एक लोती मालकिन सिर्फ मेरी पोती श्रुति हैं और रही उस लड़के की तो जल्दी ही हम उसे उसकी ऐसी औकात दिखाएंगे कि कभी फिर इस घर में आने की भी नहीं सोचेगा " वहीं रिद्धांश की सोचते हुए दादा जी बेहद गुस्से से दांत पिस्ते हुए बोलते
जहां अपने ससुर के गुस्से को देखकर देविका जी के जख्मी दिल को ठंडक सी मिलती । क्योंकि वो जानती हैं कि अब जरूर उनके ससुर कुछ ऐसा करेंगे कि रिद्धांश पछता जायेगा कि क्यों आया वो इस घर ?
वहीं श्रुति की नज़रे टुकुर टुकुर अपने दादा के चेहरे पर टिकती हुई वो समझने लगती दादा जी के गुस्से से भरे चेहरे को देखकर कि आखिर क्या करेंगे उसके दादा रिद्धांश के साथ ?
(( क्या करेंगे दादा जी रिद्धांश के साथ ? क्या श्रुति जो रिद्धांश में खो रही क्या ये सही हैं ? और क्या होगा जब श्रुति ऑब्सेस्ड हो जाएगी अपने ही सौतेले भाई के लिए ? ))
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