अबरार ने जब पीछे मुड़ कर देखा तो वह प्रेम सर के साथ जैद भी खड़ा था, जब उसने जैद को वह देखा तो उसकी जान में जान आ गई वो दोनों दौड़ते हुए प्रेम सर के पास पहुंचे। अबरार जैद से बोला "भाई अब तू ही हमे बचा सकता हैं, हमारी टीम में एक खिलाड़ी कम है और अगर खिलाड़ी पूरे नहीं हुए तो हमारी टीम बिना खेले ही हार जाएगी अब तू ही हमे बचा सकता है, तू हमारा आखिरी खिलाड़ी बन जा", जैद को इस सब से कोई दिक्कत नहीं थी इसलिए उसने खुशी खुशी है कह दी। लेकिन दैव थोड़ा प्रेशान लग रहा था वो जनता था कि जैद फुटबॉल में उतना अच्छा नहीं था लेकिन फिर भी उसके पास और कोई रास्ता भी नहीं था,पर उसकी पेरशानी की वजह कुछ और भी थी जो की वो किसी को बता नहीं सकता था।
जैद भी अब तैयार होकर मैदान में पहुंच गया और फिर सभी लोगो ने अपनी अपनी जगह ले ली। अबरार उनका मैन स्ट्राइकर था, देव के साथ में था और जैद डिफेंस में एक और खिलाड़ी अमन के साथ था। अमन एक अच्छा लड़का था, लेकिन वो लोगो से ज्यादा घुलता मिलता नहीं था पर उसे स्पोर्ट का बहुत शोक था। अमन जैद को देखते हुए बोला "क्या तुम्हे खेलना आता है" जैद को इस सवाल से थोड़ी हिच की चाहट हुई मगर उसने खुद को संभालते हुए कहा "हां में थोड़ा बहोत खेल लेता हूं अबरार, में और देव अक्सर साथ खेलते है तो में भी थोड़ा सिख गया"।
अमन उसका जवाब सुन कर बोला "पर आज हमे ठीक ठाक से थोड़ा बडकर खेलना होगा,सामने वाली टीम का कैप्टेन अबरार जितना ही अच्छा खिलाड़ी अगर वो उन्हें चकमा देता है तो उसे रोकना हमारी जिम्मेदारी है अगर जरा सी भी चूक हुई तो हमे मैच से हाथ धोना पड़ेगा"। जैद उसकी ऐसी बाते सुनकर मुस्कुराते हुए बोला "ठंड रखो यार ये बस एक फ्रेंडली मैच है कोई जिंदगी और मौत का खेल नहीं, जैद की बात सुनकर अमन का चेहरा शर्म से झुक गया" उसे लगा की शायद वो सच में इसे कुछ ज्यादा ही सिरियसली ले रहा है।
मगर उसकी बातो से जैद ये समझ गया की अमन एक अच्छा लड़का है मगर वो चीजों के बारे में कुछ ज्यादा ही गंभीर है।
अब खेल शुरू करने का समय हो चुका था। रेफ्री की सिटी के साथ गेम शुरू हुआ और गेम की शुरूआत में ही गेंद सीधा अबरार के पास थी वो और देव एक अच्छे ताल मैल के साथ सीधा गोल की तरफ बढ़ने लगे उनकी रफ्तार कमाल की थी, मगर सामने वाले लोग भी कम नहीं थे हर्षित हवा की रफ्तार से दौड़ता हुआ देव के करीब आया उस वक्त बोल देव के पास थी और इससे पहले की देव कुछ समझ पाता हर्षित उसे चकमा देकर बोल उससे चुरा ले गया, अबरार भी उसे देख नहीं पाया लेकिन इन लोगो ने भी हार नहीं मानी थी।
देव और अबरार और उनके साथ के सभी खिलाड़ी सीधा अपने गोल्फ कोर्स की तरफ दौड़े लेकिन हर्षित काफी तेज था वो उनके सभी खिलाड़ियों को पार करता हुआ सीधा डिफेंडर की तरफ बढ़ने लगा, अब सब जैद और अमन पर था अमन ने जैद को आगे जाने का इशारा किया जैद भी तुरंत हर्षित को रोकने के लिए आगे आ गया पर हर्षित उसे भी चकमा दे कर निकल गया पर जैसे ही वो उसके पास से निकला तभी अमन ने उसके पैरो से बोल छीन ली, हर्षित को पता भी नही चला कि कब वो जैद आड़ से निकला ओर उसे चकमा दे दिया, पर अमन सिर्फ उससे बोल ही छीन पाया था क्योंकी बहुत से दूसरे खिलाड़ियों ने उसे घेर लिया अब उसके पास निकलने का कोई और रास्ता नहीं था इसलिए उसने बोल सीधा मैदान के बाहर की तरफ पहुंचा दी।
अब सबको वापस से अपनी अपनी जगह जाना था गेम एक बार फिर शुरू हुआ और इस बार किसी ने भी किसी तरह की ढील नही बरती लेकिन मुकाबला काफी टक्कर का था कभी बोल इस तरफ तो कभी उस तरफ पर अभी तक दोनों टीमों मै से किसी ने भी कोई अंक प्राप्त नही किए थे।
अब गेम के आखरी 10 मिनट्स बच्चे थे, इन 10 मिनट्स में जो भी टीम गोल करती वो जीत जाती। सभी लोग अब काफी जोश में लग रहे थे। लेकिन ने जब जैद की तरफ देखा तो उसे कुछ ठीक नहीं लगा अमन को उसे देखकर काफी अजीब लग रहा था और वहीं दूसरी तरफ देव का भी यही हाल था। जैद काफी ठंडा पड़ गया था, जैसे उसका शरीर यहां हो और दिमाग कहीं ओर वही देव तो बिलकुल जम ही गया था, अबरार भी उसे लेकर चिंता में था पर अभी यह सब सोचने के लिए उनके पास समय नहीं था।
तभी फिर एक बार सिटी बजी और गेम फिर से शुरू हुआ सभी लोग बोल लेकर इधर उधर दौड़ने लगे। उनमें काफी कड़ा मुकाबला चल रहा था अबरार और उसकी टीम के प्लेयर्स बोल एक दूसरे को पास करते हुए आगे बढ़ रहे थे। लेकिन देव और जैद अब भी अपनी जगह से नही हिले उन्हें देखकर लग रहा था जैसे कोई पत्थर की मूर्तियां हो, पर अब बाजी फिर पलट गई बोल फिर से हर्षित के पास थी और अबरार और उनकी टीम के कई अच्छे खिलाड़ियों को दूसरी टीम के खिलाड़ियों ने घेर लिया था, वो उन्हें आगे ही नहीं बढ़ने दे रहे थे।
अब बचे थे तो सिर्फ देव अमन और जैद जो उसे रोक सकते थे, पर हर्षित देव के सामने से निकल गया और देव सिर्फ खड़ा रह गया। अब अमन को भी थोड़ा डर लग रहा था क्योंकि जैद इतनी देर से उसे कवर दे रहा था, पर अब वो भी हिलने का नाम नहीं ले रहा है। हर्षित ने भी मौके का फायदा उठाया और सीधा जैद की तरफ बढ़ने लगा अमन भी उसी की तरफ दौड़ पड़ा मगर अब देर हो चुकी थी।
इतने में अबरार इस सब से काफी उलझन में फंस गया, उसकी आखरी उम्मीद जैद ओर अमन ही थे।उसने जैद को तेज आवाज से पुकार "जैद......" जिसे सुनते ही ना सिर्फ जैद बल्कि देव भी पूरी तरह हिल गया, दोनों के शरीर में जैसे बिजली दौड़ पड़ी हो। उन दोनों ने जब नजर उठाई तो देखा कि हर्षित सीधा जैद की तरफ बढ़ रहा था। हर्षित काफी खुश हो गया उसे लगा कि अब वो लोग बस जीत ही गए, मगर तभी कोई बिजली की रफ्तार से हर्षित के सामने से गुजरा, उसकी रफ्तार इतनी थी कि ना सिर्फ हर्षित चौंक गया बल्कि वो लड़खड़ा कर सीथा मुंह के बल जमीन पर जा गिरा ये समझ नहीं आया कि उसके साथ अभी अभी क्या हुआ, उसने नजर उठा कर देखा तो उसके सामने देव खड़ा था "ये कहा से आया" हर्षित अपने मन में यही बढ़ बड़ा रहा था।
TO BE CONTINUED......