जैद ने खेल के मैदान में हुई घटना के बारे में जब अपने दोस्तों को बताया तो उन्हें उसकी बात पर यकीन नहीं हो रहा था। जैद जो बोल रहा था उसका हकीकत से दूर दूर तक कोई संबंध नजर नहीं आ रहा था, उन सबने आज तक ऐसा कुछ तो सिर्फ मूवीज में देखा था असल जिंदगी में ऐसी चीज सोचना भी मुश्किल था, पर अपनी आंखो से उनके कारनामे देखने के बाद उन्हें जैद की बात पर विश्वास करना ही पड़ा।
लेकिन अब भी किसी को ये बात समझ नहीं आ रही थी की देव के साथ ये सब क्यों हुआ।
जैद की पूरी बात सुनने के बाद अमन थोड़ा सोचने लगा और फिर वो एक गंभीर भाव में बोला "इसका मतलब जो कुछ भी हुआ शायद उसके पीछे उस आदमी का ही हाथ हो। या फिर हो सकता हे कि वो किसी न किसी तरह से इन सब से जुड़ा हुआ है"।
फिर उसने जैद की तरफ देखते हुए कहा "अगर हम उस आदमी के बारे में पता लगाए तो शायद हमे इस सब की वजह पता चल जाए"।
अमन की बात तो बिल्कुल सही थी मगर उसे लगा नहीं था कि उसकी बात एक नया सवाल खड़ा कर देगी। अमन की बात सुनकर वो चारो उसे अजीब सी नजरो से घूरने लगे।
अमन ने जब उनके ऐसे चेहरे देखे तो उसे कुछ समझ नहि आया, फिर निधी ने कहा "हम.., तुम कबसे हमारी टीम में आ गए आज से पहले तो तुमने हम्मे इतनी दिलचस्पी नहीं दिखाई"।
अबरार ने भी उससे सवाल करते हुए कहा " सच बताओ आखिर तुम हमसे क्या चाहते हो क्योंकी कोई ऐसे ही आचनक से तो किसी की मदत के लिए नही आता और वो भी बिना बुलाए"।
अब अमन उनके सवालों से घिरना शुरू हो गया था, लेकिन शायद वो जनता था कि वो क्या कर रहा था फिर उसने सभी के सवालों के जवाब में कहा "मुझे ऐसी अजीब और मिस्टीरियस चीजों के बारे में पता लगाना पसंद है और साथ ही में किसी भी ग्रुप का हिस्सा नहीं हूं और में भी अब अकेला महसूस करने लगा हूं तो मेने सोचा कि शायद तुम लोग मुझे अपने साथ रखलो"।
अमन का जवाब थोड़ा बचकाना आ लग रहा था, अब उसे देखकर ऐसा लग भी नही रहा था की वो झूठ बोल रहा था, इसीलिए सबने खुशी खुशी अपनी टीम में शामिल कर लिया।
इतने में बेल बजने लगी और लंच टाइम खत्म हो गया। अब सब लोगों ने जल्दी से अपना खाना खतम किया और फटा फट अपनी क्लास के लिए रवाना हो गए। अब उनके दूसरे सबसे फेवरेट टीचर की क्लास थी, ये क्लास भी बच्चे कभी भी मिस नहीं करते थे। वो लोग जब क्लास में पहुंचे तो थोड़ी देर बाद ही उनके टीचर क्लास में आ गए। इनका नाम था "रहमान" और इनके बारे में एक खास बात ये थी की इन्होंने और प्रेम सर ने एक साथ ही इस स्कूल में जॉब के लिए अप्लाई किया था और बाद में पता चला कि वो दोनो बहुत अच्छे दोस्त भी थे।
क्लास खत्म होने के बाद ये दोनो अक्सर साथ में ही दिखा करते थे। रहमान सर यहां केमिस्ट्री पढ़ाते थे और वो भी बच्चों के साथ वैसे ही रहते थे जैसे प्रेम सर इसीलिए बच्चे उन्हें भी काफी पसंद किया करते थे।
खेर आखिर में अब रहमान सर ने भी अपना लेक्चर खत्म किया और फिर कुछ और लेक्चर के बाद अब छुट्टी का वक्त हो गया था, अब वो पांचों दोस्त एक बार फिर मिले और आज शाम को कहां मिलना था इस बारे में एक दूरी की राय ली और सभी अपने अपने घर की तरफ निकल गए।
जैसे ही शाम होती हैं ये पांचों अपने अपने घर से तय की गई जगह पर पहुंच जाते है वो जगह इनके शहर के बाजार में मौजूद एक कैफे थी। यहां जाकर ये लोग थोडी देर बैठते हे और चाय कॉफी का ऑर्डर देने के बाद वो जिस चीज के लिए आए थे उसके बारे में चर्चा शुरू कर देते हैं।
सबसे पहले अमन ने कहा "चलो बताओ की वो आदमी आखिर दिखने में कैसा था"।
जैद उसके इस सवाल पर थोड़ा परेशान हो गया क्योंकि उसने बस एक झलक भर ही उसे देखा था तो उसका चेहरा या उसकी कोई पहचान याद रखना मुमकिन नहीं था और उसने अपने चेहरे को ढक भी रखा था।
जब अमन और बाकी सब को कोई जवाब नहीं मिला तो वो समझ गए की उसे ये सब याद नहीं है तो अमन ने फिर कहा "उसके कपड़े तो याद होंगे हिना तुम्हे" लेकिन जैद को उसके कपड़े याद थे।
उसने कहा "उस आदमी ने साधारण से कपड़े पहने थे और उसके कपड़े में कुछ ऐसा खास भी नहीं था जो उसे अलग बनाए"।
फिर एक एक करके सबने उससे कुछ न कुछ पूछना शुरू कर दिया, सब यही कोशिश कर रहे थे कि उन्हें किसी न किसी तरह कोई सुराग मिल जाए। अब देव इन सबसे बोर होने लगा था तो उसने अपनी नजरे बाहर की तरफ घूम ली, पर बाहर तो उसे कोई ओर ही दिख गया, उसने जैद के कंधे को पकड़ा जिससे उसका ध्यान देव की तरफ गया। फिर देव ने बाहर की तरफ देखते हुए ही जैद से कहां " बाहर देख तो कौन खड़ा है "।
जब जैद ओर बाकी सब ने अपनी नजरे बाहर की तरफ घुमाई तो देखा वहां ओर कोई नहीं बल्कि प्रेम सर थे । अबरार ने मुस्कुराते हुए कहा " अरे प्रेम सर यहां क्या कर रहे है, मैने तो सुना था कि वो भीड़ वाली जगहों पर काफी कम जय करते हे"।
फिर देव ने उन सबकी तरफ देखते हुए कहा " शायद किसी काम से आए होंगे हमारा काम हो जाए फिर उनसे मिलते हुए चलेंगे"।
अब वो लोग फोर्स अपनी बात शुरू करने ही वाले थे कि अमन ने फिर बाहर की तरफ देखते हुए उन सब से कहा " दोस्तों प्रेम सर अकेले नहीं हैं, साथ में अपने प्रिय मित्र को भी लिए है "।
जब सबने फिर से अपनी नजरे बाहर की तरफ घुमाई तो उन्होंने ने देखा कि प्रेम सर के साथ अब वहां रहमान सर भी थे। अब जैद भी मुस्कुराते हुए बोला " आज सूरज कहा से निकला है, हमारे दोनों बेस्ट टीचर बाजार में घूम थे हैं वो भी एक साथ" , जैद का इतना कहना ही था कि इतने में वो दोनों कही और जाने के लिए रवाना भी हो गए और वो भी काफी जल्दी में पर उस वक्त उन पांचों को लगा कि उन दोनों को कुछ जरूरी काम होगा इसीलिए उन्होंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया।
अब निधि ने उनके सबसे जरूरी मुद्दे पर बात आगे बढ़ाते हुए कहा "दोस्तों, ये बाजार हमारे स्कूल के सबसे ज्यादा करीब है, वो आदमी आगे स्कूल के पास से कही गया होगा तो वो यहां से तो जरूर गुजरा होगा", निधि की बात सबको सही लग रही बाजार में काफी भीड़ रहती थी अगर कोई ऐसा शख्स जिसे खुद को लोगो से छिपना हो वो ऐसी जगह पर रहना ज्यादा पसंद करेगा।
यहां किसी को भी उस पर शक नहीं होगा और इतने लोगों में किसी को याद भी नहीं रहता कौन आया ओर कौन गया। फिर अमन ने बात आगे बढ़ते हुए कहा " इसका मतलब तुम ये कहां चाहती हो कि हम उसे पूरे बाजार में ढूंढे", निधि ने अमन की तरफ देखा और मजाकिया मुस्कान के साथ कहां " तुम्हारे पास कोई ओर बेहतर रास्ता है" इस पर अब अमन और बाकी किसी के पास भी कोई जवाब नहीं था सब लोग निधि की बात पर सहमत हो गए। अब सब लोग बाजार में अलग अलग निकल गए, देव और जैद दोनो एक साथ थे और अबरार , निधि और अमन एक साथ।
अब सब लोग एक बड़ी गुत्थी को सुलझाने के लिए निकल गए थे।
TO BE CONTINUED........