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WHERE WE ARE

विष अब अल्तमश को खत्म करना चाहता था, पर अब उसे कोई ऐसा मिल गया, जो अल्तमश से भी ज्यादा ताकतवर था।

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वहीं दूसरी तरफ जैद की नज़र बाजार में घूमते प्रेम सर पर पड़ गई, आज तो वो कल से भी ज़्यादा हड़बड़ी में लग रहे थे।

जैद ने कहा अबरार "वो देख वो रहे प्रेम सर"।

अबरार ने उनकी तरफ देखा और जैद से बोला "चल चल जल्दी कर लगता वो किसी को ढूंढ रहे हैं और आज तो मुझे कुछ ज्यादा ही गड़बड़ लग रही हैं जल्दी चल इनका पीछा करते है" इतने में उसने पीछे खड़े देव को पकड़ कर खींचते हुए बोला "अबे चल ना पता नहीं कहां खो जाता है ये भी"।

वहीं दूसरी तरफ अमन और निधि को रहमान सर भी दिख गए। लेकिन वो अकेले नहीं थे उनके साथ कोई ओर भी था।

उन्हें देख कर निधि ने अमन से कहा, "अमन ये रहमान सर के साथ कौन है"।

अमन भी मुस्कुराते हुए बोला "एक बात बता अगर मुझे पता होता तो हम लोगों का यहां क्या काम था, मैं भी नहीं जानता कि ये कौन है देखने तो काफी अजीब लग रहा है"।

निधि बोली "अब क्या करे", "चल पीछा करते है इनका" अमन ने जवाब में कहा।

जैद देव और अबरार तीनों प्रेम सर का पीछा करते हुए बाजार से थोड़ा बाहर की तरफ आ गए थे। थोड़ी देर बाद उन्होंने अपनी रफ्तार बढ़ा दी, देव ने जैद ओर अबरार से कहा"भाई लगता है ये जो ढूंढ रहे थे इन्हें वो मिल गया है, तभी इतनी तेजी से चलते जा रहे है"।

लेकिन जैद ने उसकी बात का कोई जवाब नहीं दिया और उसने भी अपनी रफ्तार बढ़ा दी, अब वहां तनाव बढ़ता जा रहा था जैद को वहां कुछ अजीब सा महसूस हो रहा था और जैसे जैसे वो आगे बढ़ रहे थे उसकी बेचैनी भी बढ़ती जा रही थी।

थोड़ा आगे जाते ही प्रेम सर रुक गए, वो जैसे ही रुके जैद, अबरार और देव तीनों पास ही रखे कुछ सामान के पीछे छुप गए।

प्रेम सर जहां रुके वहां एक आदमी खड़ा था, उन तीनों ने देखा कि उनके सामने जो खड़ा था वो शख्स काफी अजीब सा लग रहा था और साथ ही वो अकेला भी नहीं था, पर जैद को उस आदमी के शरीर से एक अजीब सी ऊर्जा आती महसूस हो रही थी और अब देव का भी बिल्कुल वही हाल था।

ये शख्स और कोई नहीं बल्कि विष था प्रेम कब से इसकी तरफ ही दौड़ा चला आ रहा था। प्रेम ने विष को देखते ही कहा "तुम ही होना जिसने उस परछाई को चारों तरफ फैलाया था"।

विष ने उसे देखते ही उसकी ऊर्जा भाप ली, वो समझ गया कि ये कोई आम इंसान नहीं है और उसे प्रेम से खतरा भी महसूस हो रहा था।

अबरार जैद से बोला "भाई ये कौन है देखने में तो काफी खतरनाक लग रहा है", जैद ने एक उलझन भरी आवाज में उन दोनों से कहां"इस आदमी में कुछ तो गड़बड़ है"।

विष को प्रेम कुछ ठीक नहीं लग रहा था इस लिए उसने सोचा की पहले इसे ही ठिकाने लगा देता हूं इतने में उसने वहां एक पोर्टल बना दिया जिसने प्रेम और उसके साथियों को अंदर खींच लिया।

लेकिन उस पोर्टल ने जैद, देव, अबरार तीनों को भी अन्दर की तरफ खींच लिया। उस पोर्टल के बंद होने से पहले अल्तमश और रहमान और उनके पीछे पीछे निधि और अमन भी वहां पहुंच गए थे। लेकिन वो लोग कुछ करते उससे पहले ही वो दरवाजा बंद हो गया।

निधि और अमन ने अपने तीनों दोस्तों को पोर्टल के अंदर जाते हुए देख लिया था, जिसे देख कर निधि इतनी डर गई कि उसकी चीख निकल गई और उसकी आवाज सुनते ही अल्तमश और रहमान की नजर उन दोनों पर पड़ गई।

रहमान बोला "निधि,अमन तुम लोग यहां क्या कर रहे हो"।

निधि ने घबराते हुए "कहा सर वो तीनों कहा चले गए सर, आप आप उन्हें वापस ले आइए न सर प्लीज"।

रहमान ने उसे चुप कराया और कहा "तुम लोग डरो मत हम उन सब को वापस ले आयेंगे प्रेम उनके साथ ही है उसके रहते उनलोगों को कुछ नहीं हो सकता"।

उसके तुरंत बाद हम देखते है कि विष उन लोगों को एक बंजर इलाके में ले गया था, वहां चारों तरफ खाली मैदान और पत्थर थे और साथ ही दूर दूर तक कोई इंसान नजर नहीं आ रहा था।

उस पोर्टल से वो लोग सीधा जमीन पर आकर गिरे और किस्मत से इन चारों के गिरने की जगह एक ही थी। जैद उठा और जब उसने अपने चारों तरफ देखा तो उसे अपनी आंखों पर यकीन नहीं हो रहा था, क्योंकि एक पल पहले तो वो लोग उन गलियों में थे और अब इस बंजर इलाके में।

अबरार और देव भी जब उठे तो उन्होंने देखा कि प्रेम सर उनके सामने ही खड़े थे। प्रेम सर ने उन तीनों को परेशानी भरी नजरों से देखते हुए पूछा "तुम लोग यहां क्या कर रहे हो और आखिर तुम यहां आए कैसे"।

अबरार अपने कपड़ो पे से मिट्टी झाड़ते हुए बोला "पहले आप बताइए कि यहां हो क्या रहा है आप असल में हो कौन और ये भूतिया मूवी के विलन जैसा दिखने वाला आदमी कौन है"।

देव ने जैद से कहा हम यह कैसे आ गए, तो जैद उस पर बरसते हुए बोला "मेरी नानी का घर लग रहा है तुझे जो मुझसे पूछ रहा है मुझे कैसे पता होगा यार, इनसे पूछ इन्हीं का तो पीछा करते हुए यहां आए हैं हम"।

प्रेम सर ने जब जैद को देखा तो उनको एक राहत सी मिली क्योंकि वो कब से इसे ही तो ढूंढ रहे थे, पर उनकी राहत सिर्फ एक पल की थी क्योंकि उन्हें इसकी हिफाजत करनी थी और वो ही उसे मुसीबत में ले आए।

प्रेम ने उन लोगों को समझाते हुए कहा, "मेरी बात ध्यान से सुनो ये जो आदमी है ये कोई इंसान नहीं है अगर तुम लोग यहां रुके तो तुम्हारी जान भी जा सकती है, इसीलिए मैं चाहता हु की तुम लोग यहां से थोड़ा दूर जाकर छिप जाओ और डरना मत उसे तो में आराम से संभाल लूंगा, तुम लोग यहां से जाओ में बाद में तुम्हें सब समझाता हूं"। उन लोगों को भी लगा कि प्रेम सर सही बोल रहे है इतना तो पता चल ही गया था कि ये कोई आम इंसान तो नहीं है।

प्रेम की बातों से उसका आत्म विश्वास साफ झलक रहा था, इसलिए इन लोगों ने वहां से निकलना ही सही समझा और पास ही में एक बड़े से पत्थर के पीछे जाकर छिप गए।

प्रेम को खुशी थी कि जिसे वो ढूंढ रहे थे वो आखिर कार उन्हें मिल गया। उनके कई बरसो की मेहनत आज सफल हो गई, लेकिन ये खुशी ज्यादा देर के लिए नहीं थी।

"बढ़ा मुस्कुरा रहे हो" , पीछे से एक भारी आवाज में किसी ने कहां, प्रेम ने मूडकर देखा तो विष उसके पीछे खड़ा था।

उसे देखकर प्रेम की हसी निकल गई वो हंसते हुए उससे बोला, "क्या यार एक पोर्टल को काबू नहीं कर पाए मुझे यहां गिरा दिया ओर खुद कहीं और निकल गए, मुझे तो लगा था कोई तगड़ा खिलाड़ी आया होगा तुम तो कच्चे नींबू निकले"।

प्रेम ये सब बाते इसलिए कर रहा था क्यों कि वो विष का ध्यान अपनी तरफ ही रखना चाहता था ताकि बाकियों को कोई खतरा ना हो, और उसकी ये तरकीब काम भी कर रही थी, विष को उसकी ये बात चुभ गई वो खुद का मजाक बनते देख कर आगबबूला होने लगा था।

फिर भी विष ने खुद को शांत किया और बोला "तुझे नहीं लगता तू कुछ ज्यादा बोल रहा है" विष का इतना कहना था कि उसके शरीर से भयानक ऊर्जा निकलने लगी उसकी ताकत इतनी थी कि जमीन तक कांप रही थी और वो सिर्फ उसकी ताकत की एक झलक थी। विष प्रेम को दिखाना चाहता था कि वो आखि़र क्या चीज है मगर प्रेम को उससे कोई भी फरक नहीं पड़ा, उसके चेहरे की मुस्कान जाने का नाम नहीं ले रही थी।

TO BE CONTINUED.......