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FIRST ENCOUNTER

विष प्रेम को अपनी ताकत से ड्रेन चाहता था पर प्रेम विष सामने उसका मजाक उड़ा रहा था।

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अब प्रेम ने एक कदम आगे बढ़ाते हुए कहा "अब मेरी बारी" आचनक से प्रेम के शरीर से तेज रोशनी आने लगी, आस पास के इलाके में काफी तेज दबाव महसूस होने लगा, उस रोशनी में किसी तेज धार दार तलवार जैसी ताकत थी। प्रेम अब अपने असली रूप में आ रहा था, अब वो रोशनी एक ऊर्जा में बदलने लगी थी जिसे विष के साथी बरदाश्त नहीं कर पा रहे थे।

फिर आचनक से सारी ताकत वापस से प्रेम के शरीर में सिमट गई और एक पल के बाद एक बड़े धमाके के साथ बाहर निकली, धमाका इतना तेज था कि जैद, अबरार और देव तीनों की आँखें उसके दबाव से बंद हो गई और जब उन्होंने आँखें खोली तो देखा कि प्रेम अब कुछ और ही बन चुके है।

देखने में लग रहा था जैसे सुनहरी आग की लपटों ने उन्हें घेर लिया हो। उनके आस पास सुनहरी तलवारे घूम रही थी और उसके साथ ही उनके कपड़े भी बदल चुके थे जिनमें वो काफी कूल नजर आ रहे थे।

इतना सब होने के बाद अब नुमाइश का वक्त खत्म हो चुका था, अब यहां एक भयानक लड़ाई की शुरूआत होने वाली थी जिसकी पहल विष ने कर भी दी पलक झपकते ही विष के साथी प्रेम पर बरस पड़े उन सब ने अपने हथियारों से एक साथ कई हमले किए, उनके हमले आम बिल्कुल नहीं थे ।

विष के सभी साथियों के पास भी परछाई की ताकत थी, वो लोग जब चाहे ओर जितने चाहे परछाई के हथियार बना सकते थे जो कि दिखने में वो तलवार और भालो जैसे ही थे पर उनके वार करते ही ऐसी तेज ऊर्जा की लहरें बन रही थी जिन्होंने अपने रस्ते में आने वाली चट्टानों तक को चीर दिया।

लेकिन प्रेम पर उनका कोई असर नहीं हो रहा था उसकी बिजली सी तेज तलवारे किसी भी हमले को उस तक पहुंचने से पहले ही काट दें रही थी, उसे अपनी उंगली तक हिलाने की जरूरत नहीं थीं।

उसकी इस चाल को देखते ही विष प्रेम की असली पहचान जान गया। विष ने प्रेम को देखते हुए कहा " क्या तुम ही हो जिसे शस्त्र सम्राट कहते हे, जिसके पास किसी भी हाथियार को बनाने की ओर किसी भी हथियार को काबू करने की शक्ति है"।

विष की बात सुनकर प्रेम एक पल के लिए मुस्कुराया और विष को देखते हुए एक अभिमान भरी आवाज में कहा " बड़ी जल्दी पहचान गए, शायद मेरे हाथिर मेरी पहचान का सबूत बन रहे है"।

विष ने उसकी तलवारों को गोर से देखते हुए पाने मन में कहा " ये इसके खास हथियार है, कहते है शस्त्र सम्राट की खास तलवारे पहाड़ को भी मिट्टी में मिला सकती है और अभी तक हमने उसकी ताकत को कोई अंदाजा नहीं है" ।

इसके बाद विष ने धीमी आवाज में कहा "चलो कोई तो ऐसा मिला जो आज मुझे अच्छी टक्कर देगा"।

प्रेम ने अब पलट वार कर दिया था अब उसकी तलवारे सभी हमलों को चीरती हुई उनके सीने में जा धंसी विष के सारे आदमी एक झटके में मारे गए।

चारों तरफ एक पल के लिए सन्नाटा छा गया, मानो एक पल के लिए सब खत्म हो गया हो, पर असली लड़ाई अब शुरू होने वाली थी, जिसकी शुरुआत विष ने की उसका पहला वार ही काफी ताकतवर था।

अचानक उसकी परछाई का आकार बदल गया और उसमें से काली ऊर्जा से भरी जंजीरें निकलने लगीं जो बिना रुके प्रेम पर वार किए जा रही थी, लेकिन प्रेम की तलवारे भी काफी तेज और ताकतवर थी वो उसके हर वार को नाकाम कर रही थी, पर इसका मतलब ये नहीं था कि विष के वार बेकार थे, इन दोनों की ताकत लगभग बराबर सी लग रही थी।

आचनक इन दोनों ने अपने हथियार कुछ पीछे की तरफ खींच लिए प्रेम ने बिना वक्त गवाए एक बड़े पैमाने में विशाल तीरों को प्रकट किया और बिना वक्त गवाए उन्हें बिजली की रफ्तार से विष पर दाग दिए। वो ऐसा ताकतवर वार था जिससे खुद को बचाना बहुत ही मुश्किल था।

वो तीर विष की तरफ किसी भयंकर तूफान की तरह बढ़ रहे थे पर विष ने खुद को संभाल लिया उसने अपने चारों तरफ काले सायों की ढाल बना ली जिससे टकराते ही वो तीर और वो ढाल दोनों गायब हो गए मगर जैसे ही विष के आंखों के सामने से साए का अंधेरा हटा वैसे ही उसने एक तलवार को अपनी गर्दन के पास आते देखा जो प्रेम के हाथ में थी।

जैसे ही विष ने अपना कवच बनाया था वैसे ही प्रेम ने अपनी सबसे शक्ति शाली तलवार निकाली जो उसके खास हथियारों में से एक थी और पलक झपकते ही विष के पास जाकर वार कर दिया।

विष भी उतना ही तेज था वो उसके वार से बच गया और उसने अपनी परछाई से एक खास तलवार निकाल ली जिसकी ताकत प्रेम की तलवार जितनी ही थी।

दोनों के बीच अब आमने सामने की टक्कर हो रही थी दोनों की तलवारे आपस में टकरा रही थीं और उनके आपस में टकराने से इतने तेज झटके निकल रहे थे कि आस पास की जमीन कांप रही थी सारी चट्टानें और पत्थर मिट्टी में बदल गए थे जैद, अमन और देव का अपने पैरों पर खड़ा रहना मुश्किल हो गया था।

दोनों में कड़ी टक्कर चल रही थी और दोनों में से कोई भी पीछे नहीं हट रहा था।

लेकिन विष ने तभी एक चाल चली उसने देखा, प्रेम का पूरा ध्यान अपनी तलवार पर था और वो बस अपनी तलवार से उसे चीर देना चाहता था, तो उसने अपने आप को अचानक से पीछे खींच लिया और अपनी शक्ति को एक जगह केंद्रित कर एक काली ऊर्जा से भरा एक गोला तैयार किया और बिना किसी देरी के एक झटके में उसे प्रेम की तरफ फेंक दिया प्रेम ने अपनी पूरी ताकत लगा कर अपनी तलवार से उस पर वार किया पर वो उस गोले को सिर्फ रोक पाया था मिटा नहीं पाया वो गोला उसे पीछे की तरफ धकेल ने लगा।

प्रेम को अब थोड़ी मुश्किल महसूस हो रही थी पर उसने अपनी तलवार को ऐसे घुमाया कि की वो गोला दूसरी तरफ चला गया और यही उसकी एक बड़ी गलती थी।

वो गोला सीधा उसी तरफ गया जहां जैद, अबरार और देव छुपे थे , उस गोले को अपनी ओर आता देख वो तीनों इतना घबरा गए कि उनके पैर कांपने लगे उसकी रफ्तार इतनी थी कि उन्हें भागने तक का मौका नहीं मिला।

प्रेम ने भी ये देख लिया था पर इससे पहले कि वो कुछ कर पाता दो कुछ गोला चट्टान को चीरते हुए सीधा देव को जा लगा।

देव बुरी तरह से घायल हो गया, अगर कुछ किया नहीं जाता तो उसकी जान जा सकती थी, वो अपनी आँखें तक नहीं खोल पा रहा था, उसके शरीर खून बह रहा था।

देव को देख कर अबरार और जैद अपने होश खोने लगे उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि अब वो लोग क्या करे आखिर देव को कैसे बचाए।

प्रेम उनकी मदद करने के लिए आगे बढ़ा ही था कि विष ने फिर से उसकी तरफ एक और गोले से वार कर दिया। प्रेम ने इस बार भी उससे बच गया वो दोनों एक दूसरे को पीछे धकेलने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा रहे थे।

वहीं दूसरी तरफ अल्तमश प्रेम की ऊर्जा को हर तरफ ढूंढ रहा था, उसकी आँखें बंद थी और वो काफी ध्यान लगा रहा था।

अमन और निधि भी उसके और रहमान के साथ ही थे। आचनक अल्तमश ने अपनी आँखें खोली और रहमान को देखते हुए कहा वो लोग मिल गए, हमें जल्दी जाना होगा वो सब बड़ी मुसीबत में है। इतना कह कर उसने वैसा ही एक पोर्टल बनाया जैसा विष ने बनाया था।

TO BE CONTINUED........