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BECAUSE YOU ARE CHOSEN

इससे पहले अपने पढ़ा कि देव प्रेम ओर विष की लड़ाई में घायल हो गया। उसे बचाने के लिए जैद ने एक अंजान शक्ति को अपना शरीर सौंप दिया, जिसने देव को भी बचाया और साथ ही विष को खत्म कर दिया।

अब आगे_________________________________

जैद एक बार फिर अपने सपनों की दुनिया में लौट आया था जो हर रात उसे दिखाई देती थी,पर इस बार वहां का माहौल पहले से अलग था, उसे कुछ अलग सा महसूस हो रहा था।

हमेशा उसे अपने सामने आग में जलता कोई हम उम्र शख्स दिखाई देता था, जिससे न जाने क्यों उसे एक अजीब सा संबंध एक अलग सा नाता महसूस होता था।

आज भी वो इन्सान वहां मौजूद था मगर, आज वो उसके सामने उसकी आंखों से आँखें मिलाकर खड़ा था, मानो वो उसका वहां इंतजार कर रहा था।

ये सब जैद के लिए काफी नया और अजीब था पर फिर भी उसे ये किसी सपने जैसा नहीं लग रहा था।

वो हर एक चीज महसूस कर पा रहा था, ऐसा लग रहा था मानो वो किसी अलग दुनिया में आ गया हो, जैद ने देखा कि उस इंसान की आंखों के नीचे का चेहरा नकाब से ढका था।

इससे पहले कि वो अपने सामने खड़े उस शख्स से कुछ कह पाता उस इंसान ने खुद ही कहा,

"क्यों अजीब हे ना, कुछ ऐसा देखना जो हकीकत से बिल्कुल अलग हो,जो सामने हो फिर भी उस पर यकीन न हो"।

जैद ने उसकी बात सुनकर एक पल के लिए चारो तरफ देखा और फिर उससे पूछा,

"आखिर हूं कहां में ,कौनसी जगह हे ये।"

उस शख्स ने जवाब में कहा,

" तुम्हारा मन हे ये, या फिर कहूं तुम्हारे मन का एक कोना जो बिल्कुल खाली है, जिसमें अंधेरे और निराशा के सिवा और कुछ भी नहीं है और यही जगह तबसे मेरा घर है जबसे तुम पैदा हुए।"

जैद को ये बाते कुछ ज्यादा समझ नहीं आ रही थी पर फिर भी, जैद ने उस इंसान की लाल खून जैसी आंखों में देखते हुए एक उलझन भरी और हल्की आवाज में कहा,

"आखिर हो कौन तुम और तुम मुझसे क्या सम्बन्ध है और अगर ये मेरा मन हे तो तुम यहां क्यों हो"।

जैद की बात सुनकर उस शख्स ने उसे देखते हुए कहा,

"जानता हु तुम्हारे पास काफी सवाल हे इन सब को लेकर मगर जवाब जानने के लिए तुम्हे पहले जागना होगा"।

उसके इतना कहते ही जैद कि एक झटके के साथ नींद खुल गई, उसकी आँखें तो खुल गई थी मगर उसका शरीर अकड़ सा गया था। उसकी सांसे काफी तेज चल रही थी,वो पूरा पसीने में लथपत घबराया सा लेटा हुआ था।

आंख खुलने के बाद जब उसने होश संभाला तो उसने पाया कि वो अपने कमरे में अपने बिस्तर पर लेटा था और देव भी वहीं उसके पास वाले बेड पर सो रहा था।

अब जैद थोड़ा शांत हो गया था और उसे लगने लगा कि उसके साथ जो कुछ भी हुआ जैसे कि वो फुटबॉल मैच उनके टीचर का पीछा करना, वो लड़ाई, देव का घायल होना, वो सब बस एक बुरा सपना था।

जैद बस ये सब सोच कर खुश हो ही रहा था कि इतनी देर में उसे एक आवाज आई,

"जाग गए तुम",

जब उसने उस आवाज की तरफ नजर घुमाई तो उसके रोंगटे खड़े हो गए वो घबराकर कमरे के एक कोने में खड़ा हो गया, उसे अपनी आंखों पर यकीन नहीं हो रहा था, जागने से पहले वो जिस नकाब पोश इंसान से मिला था, जो हर रात उसके सपनो में आता था, वो अब उसके सामने खड़ा था पर देखकर लग नहीं रहा था कि वो कोई इंसान था क्योंकि जैद उसके आर पार देख पा रहा था। जैद को कुछ भी समझ नहीं आ रहा था, वो कुछ करता उससे पहले ही उसके कमरे का दरवाजा किसी ने जोरदार धक्के के साथ खोला।

दरवाजा खुलते ही कुछ लोग दौड़ते हुए उसके कमरे में दाखिल हुए,ये लोग जैद के दोस्त यानि अबरार,निधि,अमन थे। जैद ने जब उसके दोस्तों को सामने खड़ा देखा तो उसकी जान में जान आई वरना अभी जो उसके साथ हुआ उसके बाद तो जैद को अपने दोस्तों की भी चिंता होने लगी थी।

निधि और अबरार ने जब जैद को होश में देखा तो दोनों की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था उन दोनों ने जैद को नमी भरी आंखो और एक मुस्कान के साथ गले लगा लिया। वो दोनों काफी उदास और डरे हुए से लग रहे थे, उन दोनों के पास आते ही जैद को ये एहसास हो गया था कि उस दिन जो हुआ वो उसकी सोच से भी ज्यादा भयानक था।

जैद ने उन दोनों से कहा,

" फिक्र मत करो में बिल्कुल ठीक हूं"।

फिर उसने दूसरी तरफ अपनी नजर घुमाई और कहा ,

"आखिर ये कौन हे, मुझे क्या हुआ था और यहां हो क्या रहा है"।

निधि और अबरार ने जैद को शांत किया और उसे उसके बिस्तर पर बैठाया, फिर निधि ने कोने में खड़े उस नकाबपोश इंसान की तरफ देखते हुए ओर उसे डांटते हुए कहा,

"ये दो दिन बाद नींद से जागा है और तुमने जागते ही इसे डरा दिया"।

उस नकाबपोश इंसान ने जवाब में कहा,

"माफ करना, मेरा इरादा तुम्हे डराने का नहीं था, पर तुमने मुझे कुछ समझाने का मौका नहीं दिया"।

" थोड़ी देर पहले मेरे सपने में तुम्ही थे ना, तुमने ही मुझे जागने के लिए कहा था, तुम्ही बचपन से मेरे सपनों में आ रहे हो, वो तुम ही होना, जब देव घायल हुआ था तब तुम्हीं ने मुझे उसे बचाने का रास्ता दिखाया था", जैद ने उलझन भरी आवाज में सवाल पूछा।

जैद का सवाल उसके दोस्तों के लिए किसी पहेली की तरह था, अब जैद और उसके सभी दोस्त जवाब का इंतजार कर रहे थे।

" हां, वो में ही था मैं ही तुम्हारे सपनो में आता था, क्योंकि मैं तुम्हारे जन्म से ही तुम्हारे शरीर में तुम्हारे साथ रहता आया हूं"।

उस नकाबपोश इंसान की बाते सबकी समझ से परे जा रही थी, तो इस बार जैद ने उससे कुछ अलग ही पूछ लिया,

" तुमने उस लड़ाई के दौरान जब मुझसे मेरा शरीर ले लिया था, तब तूमने ऐसा क्यों किया था, मेरे बेहोश होने के बाद आखिर वहां हुआ क्या था"।

इस सवाल के जवाब में उस नकाबपोश आदमी ने कुछ नहीं कहा बस वो सीधा जैद की ओर बढ़ने लगा।

जैद उसकी इस हरकत से एक डर की लहर महसूस हुई, उसे ना जाने क्यों लगा कि वो इन्सान उसे ओर उसके दोस्तों को नुकसान पहुंचा सकता था।

" तुम हमसे दूर रहो" , जैद ने अपनी जगह से थोड़ा पीछे हटते हुए और एक कांपती हुई नजर से उसे घूरते हुए कहा।

" शांत हो जाओ, बस एक पल के लिए मुझपर भरोसा करो और तुम्हे तुम्हारे सवाल का जवाब मिल जाएगा" ,उस आदमी ने जैद के पास आते हुआ कहा।

फिर उसने अपना हाथ जैद के कंधे पर रखा, उसके हाथ ने जैसे ही जैद के बदन को छुआ, जैद के शरीर में ऊर्जा की एक लहर दौड़ गई।

उसका सारा शरीर शांत हो गया और उसकी आँखें वो मंजर देखने लगी जो जैद के बेहोश होने के बाद उस बंजर जंग के मैदान में हुआ था।

कैसे जैद के शरीर से वो भयानक ताकत निकल रही थी, उसके शरीर को उस अंजान ऊर्जा ने घेर रखा था, कैसे जैद का शरीर उस नकाबपोश आदमी के शरीर में बदल गया। किस तरह उस आदमी ने विष को एक पल में खाक कर दिया और बिना किसी दिक्कत के देव का घाव भर दिया।

जैद को लगा शायद इस सबके बाद उसके दोस्त उसे वापस ले आए होंगे पर अभी उसकी आंखों के सामने ओर भी कुछ चल रहा था, देव को ठीक करने के बाद उस शख्स ने अपनी शक्ति की मदद से एक कवच बनाया और उसे आसमान की तरफ भेज दिया, वो गोले की तरह दिखने वाला कवच रोशनी की रफ्तार से हवा ओर बादलों को चीरता हुआ सीधा अंतरिक्ष में चला गया और जब उसने चांद जितनी दूरी तय करली तब वो कवच अपना आकर बढ़ाने लगा और धीरे धीरे उसने पूरी पृथ्वी और साथ ही चांद को ढक दिया और गायब हो गया।

इस तरह पृथ्वी पर एक अदृश्य कवच बना फिर उस नकाबपोश शख्स ने जैद के दोस्तों से कुछ कहा और फिर उसने उन सबको एक साथ एक ही समय में पलक झपकते ही अपने अपने घर पहुंचा दिया।

जैद इसके आगे कुछ नहीं देख पाया वो दोबारा होश में आ गया उसने अपने दोस्तों की तरफ देखा और उनसे उस घटना के बारे में पूछा तो उन सबने भी वही बताया जो जैद ने अभी देखा था, इससे जैद को अब उस नकाबपोश इंसान पर थोड़ा विश्वास होने लगा।

फिर जैद ने उस नकाबपोश इंसान से सवाल करते हुए कहा,

" वो आदमी कौन था जो प्रेम और रहमान सर के साथ था, प्रेम और रहमान सर का उससे क्या रिश्ता है और वो लोग आखिर किस चीज के पीछे है"।

जैद उस इंसान के सामने सवालों की लड़ी बांध दी थी पर सिर्फ जैद ही नहीं बाकी लोग यानी निधि, अबरार और अमन भी उसके जवाब का इंतजार कर रहे थे।

अब उस इंसान ने उन्हें सारी बात बताने का फैसला कर लिया और एक गहरी सांस लेते हुए कहा,

" वो आदमी जो तुम्हारे प्रेम और रहमान सर के साथ था जिसकी हर बात को वो लोग हुक्म की तरह पूरा कर रहे थे उसका नाम अल्तमश है, वो प्रेम ओर रहमान का गुरु है, वो लोग इस दुनिया में शान्तिकायम रखने का काम करते है, मेरा यकीन मानो वो अच्छे लोग है और जिस चीज को वो लोग ढूंढ रहे हैं"।

इतना कहकर उस इंसान ने जैद की तरफ इशारा करते हुए कहा,

" वो तुम हो और इतना ही नहीं जिसे ढूंढने विष और उससे पहले कई लोग आए थे वो भी तुम ही हो"।

जैद और उसके दोस्त ये बात सुनकर हैरान रह गए, किसी को भी उसकी बात पर यकीन नहीं हो रहा था, सबके मन में यही चल रहा था कि आखिर जैद का इस सब से क्या लेना देना है वो लोग जैद के पीछे क्यों पड़े थे।

" में, वो लोग मेरे पीछे हैं पर क्यों" ,जैद ने शांत पर गंभीर लहजे में कहा।

उस नकाबपोश इंसान ने सभी के चेहरों की गंभीरता को देखते हुए सीधा जवाब दिया,

" क्योंकि तुम्हारे पास इस ब्रह्मांड की चार महा शक्तियों में से एक शक्ति है, क्योंकि तुम वारिस हो, अनंत ऊर्जा के वारिस, मेरे वारिस "।

उस नकाब पोश शख़्स की बातों ने सबको हैरान कर दिया फिर जैद ने उसकी बात के जवाब में कहा ,

"वारिस, अनंत ऊर्जा और इसका क्या मतलब हुआ कि में तुम्हारा भी वारिस हूं, तुम्हारा मेरे साथ क्या रिश्ता है और ये महा शक्तियां क्या हैं"।

उस नकाबपोश आदमी ने कहा,

" जानता हु तुम्हारे पास काफी सवाल है और में तुम्हे ये यकीन दिलाता हूं कि तुम्हारे हर सवाल का जवाब मेरे पास है,मगर",

फिर वो नकाबपोश आदमी जैद के सामने आकर बैठा और बोला,

" मैं तुम्हे सबकुछ नहीं बता सकता अगर अनंत ऊर्जा के बारे में सबकुछ जानना है तो तुम्हे अल्तमश तक पहुंचना होगा, तुम्हे अल्तमश के गुरुकुल जाना होगा और वहां पहुंचने के लिए तुम्हे अपनी ताकत को जगाना होगा, जिसमें में तुम्हारी मदद करूंगा"।

उसकी बात सुनकर जैद ने एक पल के लिए सोचा और फिर उस शख्स को जवाब देते हुए कहा,

" नहीं कोई जरूरत नहीं है, तुम अपने जवाब अपने पास रखो, में कही नहीं जाऊंगा और मुझे इन सबमें नहीं पड़ना"।

फिर जैद अपनी जगह से उठा और अपने कमरे से बाहर की तरफ जाने लगा तभी उसके पीछे से एक तेज और गंभीर आवाज आई,

" तुम्हे अंदाजा भी नहीं है तुम्हारे पास कितनी खास और शक्तिशाली ताकत है और तुम्हारे ऊपर कितनी बड़ी जिम्मेदारी हैं , तुम्हारा एक गलत फैसला तुम्हारी पूरी दुनिया और पूरी इंसानियत को बर्बाद कर देगा, वो चेन से नहीं बैठेगा मेरा कवच भी उसे ज्यादा वक्त तक नहीं रोक पाएगा"।

जैद ये सब सुनकर भी नहीं रुका और वहां से चला गया, जैद के दोस्तों को तो मानो जैसे कोई फर्क ही नहीं पड़ा वो कबसे वहां बैठे उन दोनों की बाते सुन रहे थे, पर उनमेसे एक ने भी उन दोनों के बीच दखल नहीं दिया।

फिर अबरार आगे आया और उसने नकाब पोश आदमी से कहा ,

" कोशिश कर ली तुमने, हमने कहा था वो नहीं मानेगा, उसे किसी चीज का लालच नहीं है"।

उस नकाब पोश शख़्स ने जिसकी वो लाल नजरे अब तक दरवाजे की तरफ थी, अपना रुख अबरार की तरफ किया और कहा,

" जनता हूं, जबसे वो पैदा हुआ तबसे में उसके साथ हूं, उसे इतने सालों से देखता आया हु, सब पता है मुझे उसके बारे में उसे न ताकत की भूख है और न दौलत की चाह , न उसे किसी पर जोर आजमाना है और न ही किसी से दुश्मनी चाहिए, वो तो बस एक ही चीज ढूंढ रहा है, सुकून जो उसे कभी नहीं मिला"।

उसकी बात सुनकर निधि अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख पाई और अपनी आंखों से बहते आंसू पोंछकर एक शिकायत भरी आवाज में कहा,

" अगर इतना ही जानते हो उसके बारे में तो क्यों उसे इस सबमें फंसा रहे हो, उसे सुकून चाहिए तो उसे सुकून से रहने दो"।

वो नकाब पोश शख़्स जैद के दोस्तों से नजरे भी नहीं मिला पा रहा था, वो जानता था कि इनकी जिंदगी में ये जो फसाद आया था उसकी वजह वो खुद था, पर फिर भी उसने नजर झुका कर उन सबसे कहा ,

" मजबूर हूं में भी, उसे चुना गया है उसकी तकदीर में एक ऐसी ताकत का मालिक बनना लिखा है जिसकी कोई हद ही नहीं है, और आने वाले खतरे का सामना करने के लिए मुझे उसकी जरूरत है, मैं अब एक आत्मा हु और मुझे उसकी और उसके शरीर की जरूरत है"।

अबरार ने इसके आगे कुछ नहीं कहा और सीधा कमरे से बाहर जाने लगा पर जाते जाते उसने नकाबपोश आदमी से कहा ,

" में मनाऊंगा उसे, लेकिन तुम अपना वादा याद रखना"

और फिर वो सीधे जैद के पीछे चला गया।

TO BE CONTINUED.......