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EVERYTHING IS CHANGED

इससे पहल आपने पढ़ा था कि उस नकाब पोश इंसान ने जैद को उसकी ताकत के बारे और आने वाले खतरे के बारे में बताया और साथ ही उसने बताया कि वो चाहता है कि जैद उस खतरे से निपटे। पर जैद ने उसकी बात मानने से इनकार कर दिया, वो किसी भी तरह की नई मुसीबत नहीं चाहता था और वो अपने कमरे से चला गया और उसके पीछे पीछे अबरार भी उसे मानने के लिए निकल गया।

अब आगे______________________________

जैद उस नकाब पोश इंसान से बहस करने के बाद अंधेरी रात में अकेला बाहर सड़क पर घूम रहा था, उसकी नजरे जमीन कि तरफ झुकी हुई थी, बार बार वही बाते उसके कानो में गूंजी रही थी।

" मुझे चुना गया है, में अनंत ऊर्जा का वारिस हु, में उस नकाब पोश का वारिस हूं",

बस वो इन्हीं सब के बारे में सोचते हुए चलते जा रहा था। फिर जब वो ये सब सोचते सोचते थक गया तब उसने अपना मन ठीक करने के लिए चलते चलते नजरे उठाई और अपने आस पास के माहौल को देखने लगा।

थोड़ी देर बाद जैद को लगा कि आज सड़क पर ज्यादा लोग नजर नहीं आ रहे थे, रोजाना के मुकाबले वहां काफी ज्यादा शान्ति थी।

ये इलाका जैद के घर के पास ही था इसलिए वो अक्सर यहां से गुजरा करता था, रात को चाय की दुकानों पर काफी भीड़ रहती थी, पास ही में बच्चे रोजाना खेला करते थे, पर आज वहां पहले जैसा कुछ भी नजर नहीं आ रहा था।

जैद इस सबके बारे में सोच ही रहा था कि इतने में उसके पीछे से आवाज आई,

" क्यों, काफी सन्नाटा है ना आज",

जैद ने जब पीछे मुड़कर देखा तो वहां अबरार खड़ा था उसके चेहरे पर हल्की मुस्कान थी पर वो मुस्कान इतनी फीकी थी और उस चेहरे के पीछे छिपी निराशा साफ झलक रही थी।

जैद उसकी बात सुनकर रुक गया अबरार जैद के पास आया और बोला ,

" पिछले दो दिनों में ऐसा बहुत कुछ हुआ है जिसने सारी दुनिया के हालत बदल दिए है अब कुछ भी पहले जैसा नहीं रहा"।

जैद अबरार की बात सुनकर फिर उदास हो गया, फिर अबरार ने कहा,

" चल थोड़ा घूम कर आते है",

फिर वो दोनों एक साथ चलते हुए बाते करने लगे। उन दोनों के बीच अब खामोशी छा गई थी पर आखिर में जैद ने एक चिंता भरे भाव के साथ अबरार से पूछा ,

"आखिर ऐसा क्या हुआ इन दो दिनों में की सबकुछ इतना बदल गया और यह कोई हमारी उम्र का दिखाई क्यों नहीं दे रहा"।

अबरार ने जैद की तरफ देखते हुए कहा,

" हमारी उम्र के बच्चे, दिखेंगे भी कैसे अस्पताल में जो है सब ",

फिर अबरार ने अपना फोन निकाला और उसमें एक वीडियो चलाते हुए कहा

" इसे देख तुझे सब समझ आ जाएगा "।

जैद ने अबरार के हाथ से वो फोन लिया पर ना जाने क्यों उसके शरीर में बेचैनी बढ़ रही थी, उसने कांपते हुए हाथों से वो फोन लिया।

उस फोन में एक न्यूज चैनल की वीडियो चल रही थी जिसमें एक महिला एंकर कह रही थी,

" पिछले दो दिनों में पूरी दुनिया में लाखों की तादात में 16 से 18 साल के बच्चे अचानक बेहोश हो रहे हैं और अब तक उनमे से किसी को भी होश नहीं आया है, डॉक्टर्स का कहना है कि उन्हें इनकी इस हालत की वजह समझ नहीं आ रही है और न ही उन्हें इस बीमारी के बारे कुछ पता है, कोई भी ये नहीं बता पा रहा है कि उन्हें होश कब तक आएगा"।

तभी अबरार ने एक भारी और भावुक आवाज में कहा ,

" उन्हें होश में लाना इनके बस की बात नहीं है, वो चाहे जितनी भी कोशिश करले पर वो इन्हें कभी ठीक नहीं कर पाएंगे"।

अबरार की बात जैसे ही जैद के कानो में गूंजी एक दम से उसने अपना आपा खो दिया और उसके हाथ सीधे अबरार के गिरेबान तक जा पहुंचे।

जैद की आंखें गुस्से से दहक रही थी, उसके शरीर में नई ताकत आ गई थी, उसका गुस्सा ऐसा था मानो जो सामने आया वो जलकर खाक हो जाएगा।

ऐसे हालातों में अक्सर बात बिगड़ जाया करती हैं पर वहां इसका उल्टा हुआ, अबरार बस जैद को देखकर मुस्कुराते हुए बोला,

" क्या बात है आज सचमे तूने किसी पर पहले हाथ उठाया, इतने सालों में पहली बार तेरी आंखों में इतना गुस्सा देखा है, और जहां तक मुझे लगता है तुझे इस गुस्से की वजह भी पता होगी"।

जैद को अबरार के सवालों ने घेर लिया, उसके पास अबरार को देने के लिए कोई जवाब नहीं था उसने अबरार के गिरेबान से अपना हाथ हटाया और पास ही की एक दीवार से पीठ टिकाकर बैठ गया।

अबरार उसकी हालत अच्छे से समझ पा रहा था उसे पता था कि जैद मन ही मन खुद को इस सबके लिए कसूरवार समझता था, उस नकाब पोश इंसान के मुताबिक यह जो भी हो रहा था उसके पीछे एक ही चीज थी, जैद की ताकत।

अब अबरार भी जैद के पास जाकर बैठ गया वो नहीं चाहता था कि जैद पर किसी भी तरह की मुसीबत आए पर आज वो मजबूर था।

इस बार जैद ने उससे बिना अपनी नजर उठाए कहा,

" मेरी वजह से कितनी जाने खतरे में पड़ गई है, सोच जब ये सब देखकर हमें इतनी तकलीफ हो रही है तो इन बच्चों के मां-बाप का क्या हल हो रहा होगा जिन्होंने बचपन से उन बच्चों को पाला था, जिन्होंने उनका ख्याल रखा, उन्हें छोटे से बड़ा किया, जिन्होंने उन बच्चों के लिए ना जाने कितने ही सपने देखे होंगे, क्या गुजर रही होगी उन लोगों पर वो सभी लोग मुझे कभी माफ नहीं करेंगे, कभी नहीं"।

इतना कहकर जैद शांत हो गया और चुपचाप अपना सिर झुकाकर बैठ गया, लेकिन अबरार सिर्फ उसकी बात सुन रहा था जैद ने इतना कुछ कहा लेकिन वो सिर्फ खामोश होकर उसके पास बैठा रहा पर जब जैद चुप हो गया तब अबरार ने अपनी खामोशी खत्म की और उससे कहा,

" तुझे याद है एक बार मैंने और देव ने मजाक मजाक में एक लड़के को बहुत तंग किया इतना ज्यादा तंग किया कि हमें पता ही नहीं चला कि कब मजाक अपनी हद से बाहर निकल गया और हमने उसे चोट पहुंचा दी और वहा से भाग गए"।

आगे जैद ने बात बढ़ाते हुए कहा ,

" और फिर तुमलोग भागकर मेरे पास आए और सीधा मेरे कमरे में आकर छुप गए, तुम लोगों ने जिसे चोट पहुंचाई थी वो उम्र में तुमसे काफी छोटा था और ना तुम लोगों ने उस लड़के से माफी मांगी और न ही उसकी मदद की बस वह से भाग गए"।

अबरार ये सुनकर थोड़ा मुस्कुराने लगा और बोला ,

" वो पहली बार था जब तेरी आंखों में हमने गुस्सा देखा था, फिर भी उस वक्त तूने हम दोनों मैं से किसी से कुछ भी नहीं कहा, बस तू वहां से चला गया। बाद में मुझे निधि से ये पता चला कि तू उस बच्चे के घर गया था और ये जानते हुए भी वहां जाने के बाद तुझे क्या क्या सुनना पड़ेगा फिर भी तूने वहां जाकर हमारी तरफ से माफी मांगी और उन्हें जो कुछ हुआ उसे बचपने मै हुई गलती समझ कर भूल जाने के लिए मनाया।"

आगे जैद ने कहा,

" उस दिन वो आंटी बड़े गुस्से में थी मुझे तो लगा आज तो मैं भी पीटूंगा"।

अबरार ने एक गहरी सांस ली और अपनी बात का मतलब समझाते हुए जैद से कहा,

" पर उस दिन तूने हमे एक बहुत जरूरी बात सिखाई, तूने हमे सिखाया अगर तुमसे गलती हुई है और जाने अनजाने में तुमने अगर किसी को तकलीफ पहुंचाई है, तो ये जरूरी है कि तुम अपनी गलती की जिम्मेदारी लो और उसे सुधारो "।

इसके आगे अबरार कुछ कहता उससे पहले ही जैद की ठंडी आंखे अबरार की तरफ घूम गई, अबरार की अब कुछ भी बोलने की हिम्मत नहीं हो रही थी, पर जैद ने उसकी बात का जवाब देते हुए कहा ,

" मैं अच्छे से जानता हूं कि तू मुझसे क्या कहना चाहता है और मैं ये बता दूं कि आज भी मैं अपने उसूलों से नहीं भटका, उन बच्चों को बचाने के लिए मुझे जो भी करना पड़े में करूंगा"।

अब अबरार अपनी जगह से उठा और वही पास ही में मौजूद एक गली की तरफ देखते हुए कहा ,

" वैसे उन्हें तो तू बचा लेगा पर यहां कुछ ओर भी मुसीबतें है"।

अबरार का इतना कहना ही था उस गली में एक बड़ा धमाका हो गया जैद ने जब इस धमाके की आवाज सुनी तो वो भी अपनी जगह से खड़ा हो गया और वो दोनों सीधा उस धमाके की जगह की ओर दौड़े। पर वहां जाकर जैद ने जो देखा उसकी कल्पना तो उसने अपनी जिंदगी में भी नहीं की होगी।

TO BE CONTINUED.........