Chapter 5: “पुराने ज़ख़्म और नए इरादे”

कॉलेज का अगला हफ़्ता शुरुआत से ही हलचल भरा था। फेस्ट आने वाला था और स्टूडेंट्स हर ओर भागदौड़ में लगे हुए थे।

आरव अपनी क्लास की दीवार के पास टिककर खड़ा था — हाथ में मोबाइल, जिसमें Groww ऐप खुला था।

हाँ, मोबाइल।

वो Redmi Note 7 Pro था — उस वक़्त का mid-range phone।

उसने ये मोबाइल पुराने सामान बेचकर और थोड़ी सी सेविंग्स जोड़कर खरीदा था।

टाइम ट्रैवल के बाद जब उसने खुद को अपने पुराने गांव के कमरे में पाया, तो उसने सबसे पहले अलमारी में रखी पुरानी चीजें खंगालीं।

मां ने बहुत सी पुरानी किताबें, पुराने सिक्के और कुछ पुरानी पर महंगी चीजें संभालकर रखी थीं।

उसने वो सब OLX और Quickr जैसी websites पर लिस्ट किया।

गांव में एक दोस्त था — शुभम, जिसे टेक्नोलॉजी की समझ थी।

उसी की मदद से आरव ने वो सामान ऑनलाइन बेचकर लगभग ₹9,000 जमा किए —

जिसमें से ₹7,500 में उसने मोबाइल खरीदा, और बाक़ी ₹1,500 से उसने डेटा प्लान और थोड़े खर्चों के लिए बचत की।

मोबाइल मिलते ही उसका पहला काम था — एक स्टॉक ट्रेडिंग ऐप में ID बनाना।

उसने Groww ऐप में अपना अकाउंट बनाया और धीरे-धीरे basic investing सीखना शुरू किया।

“Smart invest करना शुरू करूं, तो भविष्य बदल सकता है,” उसने सोचा था।

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“Reliance 2020 में dip लेगा... फिर 2021 में boom करेगा... अगर अभी थोड़ा इन्वेस्ट कर लूं, तो कुछ बड़ा किया जा सकता है।”

उसने मोबाइल में ये देखते हुए सोचा।

तभी पीछे से एक आवाज़ आई —

“Invest कर रहे हो या किसी की लाइफ में डूबे हुए हो?”

आरव ने पीछे देखा — प्रिया।

“तुम हमेशा टाइम पर पहुंच जाती हो, जैसे मेरी लाइफ की narrator हो,” आरव ने मुस्कुराते हुए कहा।

प्रिया मुस्कुरा कर बोली,

“हो भी सकती हूँ... लेकिन तब तुम boring मत होना।”

“अरे बाबा, अभी तो मैं खुद को interesting बनाने की कोशिश में हूँ।”

प्रिया उसके बगल में आकर खड़ी हो गई,

“चलो फिर, आज कैंटीन मेरी तरफ़ से... treat है!”

“Treat? किस खुशी में?”

“मैंने कल Maths का surprise test पास कर लिया। Believe me, वो किसी भी जीत से कम नहीं!”

आरव हँसते हुए उसके साथ चल पड़ा।

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Canteen — दो chai और samosa।

“तो आरव बाबू, ये बताओ... तुम इतने serious क्यों रहते हो?”

प्रिया ने chai का एक sip लेते हुए पूछा।

“सीरियस नहीं... बस थोड़ा aware हूँ।”

“अच्छा... और ये awareness तुमको कहां से मिला?”

आरव ने कुछ पल की खामोशी के बाद कहा,

“बस... जब तुम सब कुछ खोते हो, तो जो बचता है वो सिर्फ सीख होती है।”

प्रिया थोड़ा चुप हो गई,

“कभी कभी तुम्हारी बातें बहुत heavy लगती हैं... लेकिन दिल को छू जाती हैं।”

इसी बीच कैंटीन के गेट से साक्षी अंदर आई — उसी टेबल के पास आकर खड़ी हो गई।

“Hi Aarav... क्या मैं बैठ सकती हूँ?”

आरव ने एक पल के लिए प्रिया की तरफ़ देखा —

फिर बोला,

“Sure, लेकिन हम थोड़ी देर में निकलने ही वाले हैं।”

साक्षी बैठ गई — थोड़ी hesitation के साथ।

सन्नाटा।

“तुम काफी बदल गए हो आरव,” साक्षी ने कहा।

“बदलना ज़रूरी था,” आरव का जवाब छोटा, लेकिन तीखा था।

“मैंने तुम्हारे साथ गलत किया था... I accept that,” साक्षी की आवाज़ में guilt था।

आरव ने सिर हिलाया,

“अच्छा किया जो accept कर लिया। Past को accept करना भी maturity होती है।”

प्रिया ने थोड़ा इशारा किया —

“चलो आरव, लेट हो रहा है।”

आरव उठ खड़ा हुआ,

“साक्षी... take care. अब मैं वही Aarav नहीं रहा।”

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कॉलेज ग्राउंड — शाम का समय

प्रिया और आरव बेंच पर बैठे हुए थे।

प्रिया के हाथ में एक sketch book थी — वो कुछ बना रही थी।

“क्या बना रही हो?” आरव ने पूछा।

“कुछ नहीं... तुम्हारी शक्ल, लेकिन superhero version।”

“मतलब मेरा Iron Man type version?”

“नहीं... ज़्यादा Philosopher-type, जिस पर cape नहीं... सिर्फ books होती हैं!”

दोनों हँस पड़े।

“वैसे प्रिया...” आरव थोड़ी देर चुप रहा, फिर बोला,

“तुम्हारे साथ वक्त अच्छा बीतता है। तुम मुझे उस version की याद दिलाती हो जो अब भी थोड़ा बचा है मेरे अंदर।”

प्रिया उसकी आँखों में देखती रही —

“मैं नहीं चाहती कि वो version खत्म हो... तुम बदलो, grow करो, पर अपने अंदर की softness मत खोना।”

आरव ने उसकी बात दिल से महसूस की।

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रात — अपने कमरे में आरव

मोबाइल में Groww ऐप खुला था —

उसने उसी ऐप में पहली बार ₹500 इन्वेस्ट किया था —

एक छोटी सी शुरुआत, लेकिन बड़ी सोच के साथ।

“पहली ईंट रख दी है... अब देखना है कि इमारत कैसी खड़ी होती है।”

और फिर उसने मोबाइल में ही Google Keep में एक नया नोट लिखा:

“Future Plan 2020–2021”

मां की हेल्थ का ध्यान

जरूरत के सामान की future shortage का stock

Emotionally stable रहना

Priya को कभी खोने मत देना

Past को guide की तरह use करना, direction की तरह नहीं

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अगले दिन — क्लास में अनाउंसमेंट

“Art & Culture Fest आने वाला है! Volunteers चाहिए!”

प्रिया ने तुरंत हाथ उठा दिया।

और बिना कुछ कहे...

आरव ने भी हाथ उठा दिया।

प्रिया की तरफ़ देखा और मुस्कुराया —

“अब boring नहीं रहूंगा।”

प्रिया ने जवाब में कहा —

“Challenge accepted!”