Chapter 7: “सपनों की तैयारी और रिश्तों की परख”

फेस्ट की शाम ने जैसे पूरे कॉलेज में एक उत्सव सा माहौल भर दिया था।

पोस्टर की तारीफें, टीचर्स की मुस्कान और स्टूडेंट्स की तालियों ने आरव और प्रिया के काम को मुकम्मल बना दिया था।

स्टेज से उतरते हुए जब प्रिया ने कहा था – “Don’t break my trust, Aarav,”

और आरव ने गंभीरता से जवाब दिया था –

“अबकी बार मैं खुद को भी धोखा नहीं दूँगा।”

वो एक वादा था — समय से, जीवन से, और खुद से।

कॉलेज से घर तक – अकेले में सोचते हुए

रास्ते में बाइक से जाते हुए आरव हवा में बहते हुए उन शब्दों को दोहरा रहा था।

“Trust… ये चीज़ इतनी fragile होती है, और उतनी ही powerful।”

पिछली ज़िंदगी में वह कई बार रिश्तों में उलझा —

उसने सच्चाई को नजरअंदाज़ किया, अपनी माँ की हालत पर ध्यान नहीं दिया, और…

प्राची जैसी लड़की के साथ एक ऐसा रिश्ता बनाया, जो अंत में सिर्फ दर्द बनकर रह गया।

लेकिन अब —

वो हर कदम सोच समझकर रख रहा है।

वो जानता था कि अभी उसके पास लैपटॉप नहीं है।

Groww App से ज्यादा technical analysis नहीं हो पा रहा था।

लेकिन वो जानता था — एक दिन जब वो laptop खरीदेगा, तब उसकी असली तैयारी शुरू होगी।

अगली सुबह – कॉलेज लाइब्रेरी

प्रिया आज कुछ ज्यादा ही शांत थी।

“क्या हुआ?” आरव ने धीरे से पूछा।

“बस… कुछ पुरानी बातें याद आ गईं,” उसने कहा।

आरव समझ सकता था —

हर किसी के अतीत में कोई न कोई ऐसा पन्ना होता है जो बार-बार खुलता है… बिना पूछे।

“चलो,” उसने हँसते हुए कहा, “आज थोड़ा आर्टिकल्स रिसर्च करते हैं। फेस्ट तो हो गया, अब अगला टारगेट?”

प्रिया थोड़ी चौंकी — “टारगेट?”

“हाँ — Personal Growth Fest!”

आरव की आँखों में चमक थी।

“ओहो… अब तो motivational speaker बन गए हो तुम,” प्रिया मुस्कुराई।

“नहीं… बस इतना समझ गया हूँ — अगर खुद पर invest किया जाए, तो returns जिंदगी भर मिलते हैं।”

क्लासरूम – बिज़नेस स्टडीज की क्लास

सर एक नए assignment का एलान करते हैं —

"Start-up Idea Submission"

हर स्टूडेंट को एक basic business plan तैयार करना है।

आरव की आँखें चमक उठती हैं —

यही वो पल था, जहाँ उसे अपने भविष्य के आइडिया की नींव रखनी थी।

“मैं एक ऐसा मॉडल बनाना चाहता हूँ जो purifier system को affordable बनाए… rural areas के लिए,”

उसने मन ही मन सोचा — Cleanit Purifier की याद जैसे दिमाग में उभर आई।

प्रिया पास में बैठी थी —

उसने नोट किया कि आरव कुछ और ही सोच रहा है।

“तुम्हें इस assignment में ज़रूर टॉप करना चाहिए,” प्रिया ने कहा।

“इस बार नंबर नहीं… impact चाहिए,” आरव ने गंभीरता से जवाब दिया।

घर – रात का समय

माँ ने रोटी पर घी लगाते हुए पूछा —

“बेटा, तूने आज कुछ बात नहीं की… सब ठीक है ना?”

आरव ने सिर हिलाकर हाँ कहा, लेकिन उसकी आँखें फिर भी कुछ छिपा रही थीं।

“माँ… अगर मुझे laptop चाहिए हो… पढ़ाई और काम के लिए… तो?”

माँ मुस्कराई —

“तू कहे, तो अपनी चूड़ियाँ बेच दूँ क्या?”

आरव हँस पड़ा — “नहीं माँ… मैं इंतज़ार करूँगा, बस दुआ कर।”

माँ ने उसके सर पर हाथ रखा —

“दुआ हमेशा तेरे साथ है। बस तू खुद को कभी कमजोर मत समझना।”

अगले दिन – कॉलेज कैंटीन

आरव और प्रिया कुछ नोट्स बना रहे थे —

प्रिया ने देखा कि आरव कुछ extra pages पर investment terms लिख रहा है।

“Mutual Funds, SIP, Technical Indicators?”

प्रिया ने पूछा।

“सीख रहा हूँ… कोई shortcut नहीं है life में। जितना समझोगे, उतना ही आगे बढ़ोगे।”

“और feelings का क्या?”

प्रिया ने हल्के अंदाज़ में पूछा।

“Feelings भी invest होती हैं… लेकिन सही इंसान में,”

आरव ने मुस्कुराते हुए कहा।

प्रिया थोड़ी देर चुप रही — फिर बोली,

“तुम्हारी बातें अब बहुत गहरी हो गई हैं आरव… लेकिन दिल में सच्चाई है।”

लाइब्रेरी – प्रिया का एक सवाल

अचानक प्रिया ने पूछा,

“अगर तुम्हें किसी को past में जाकर बचाने का मौका मिले… तो तुम किसे चुनोगे?”

आरव ठहर गया।

उसकी माँ…

वो बीमारियाँ…

वो financial pressure…

वो दिन जब वो अकेली रोती थी।

उसकी आँखें भीग गईं, लेकिन उसने जवाब नहीं दिया।

बस एक शब्द कहा —

“जिसे सबसे ज्यादा deserve करता हो… एक और मौका।”

प्रिया ने उसकी तरफ देखा —

उसे लगा, इस लड़के के अंदर कोई बहुत बड़ा रहस्य छुपा है…

पर वो उसे मजबूर नहीं करेगी।

क्योंकि वो जानती थी —

सच्चे रिश्ते ज़बरदस्ती नहीं, भरोसे से बनते हैं।

रात – आरव का नया नोटबुक एंट्री

"Future Strategy – Part 3"

Start-up idea को practical बनाना

Emotional distractions से बचना

Laptop के लिए EMI प्लान देखना

माँ की दवाई और savings के लिए SIP शुरू करना

और… प्रिया के साथ bond को respect और time देना

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