Chapter 11: अनकहे एहसास और नई शुरुआत

कॉलेज का माहौल अब पूरी तरह से बदल चुका था। कॉलेज फेस्ट के बाद क्लास में एक नई रौनक आ गई थी। आरव की मेहनत, उसके विनम्र स्वभाव और मदद करने की आदत ने न सिर्फ फेस्ट में उसका नाम रोशन किया था, बल्कि कुछ दिलों में भी उसकी एक खास जगह बना दी थी।

कॉमर्स फर्स्ट ईयर की क्लास में तीन नए चेहरे नज़र आने लगे थे—भव्या शर्मा, मीरा गुप्ता और मेघा मिश्रा। ये तीनों अब तक क्लास में नहीं आती थीं, बल्कि प्राइवेट कोचिंग से पढ़ाई कर रही थीं। लेकिन फेस्ट के दिन आरव को देखकर और उसकी मेहनत से प्रभावित होकर उन्होंने तय किया कि अब वो रेगुलर क्लास में अटेंड करेंगी।

तीनों लड़कियाँ प्रिया की अच्छी दोस्त थीं, लेकिन प्रिया ने कभी आरव का नाम खास तौर पर उनके सामने नहीं लिया था। शायद इसलिए जब उन्होंने फेस्ट में प्रिया को आरव के साथ देखा, तो उन्हें बस यही लगा कि वो दोनों अच्छे दोस्त हैं।

क्लास में अब माहौल और भी दिलचस्प हो चला था। संजना मिश्रा, जो कि मेघा मिश्रा की माँ और कॉमर्स ब्रांच की हेड ऑफ डिपार्टमेंट थीं, उन्होंने एक दिन क्लास में घोषणा की:

"बिजनेस स्टडीज़ में एक ग्रुप प्रेजेंटेशन होना है। हर ग्रुप में चार सदस्य होंगे, और हर ग्रुप को एक नया बिजनेस आइडिया तैयार करके उसका प्रेजेंटेशन देना है।"

फिर उन्होंने आगे कहा, "मैंने ग्रुप्स पहले से बना दिए हैं। खास तौर पर कुछ स्टूडेंट्स को साथ इसलिए रखा गया है ताकि वो एक-दूसरे से सीख सकें।"

आरव के ग्रुप में जिन तीन लड़कियों के नाम पढ़े गए, वो थे — भव्या शर्मा, मीरा गुप्ता और मेघा मिश्रा।

आरव थोड़ा चौंका, लेकिन उसने विरोध नहीं किया। वहीँ दूसरी तरफ, प्रिया को किसी और ग्रुप में रखा गया था। उसने हल्की सी नज़रों से आरव की ओर देखा, लेकिन फिर मुस्कराकर अपने ग्रुप की तरफ बढ़ गई।

लंच ब्रेक में भव्या, मीरा और मेघा ने पहली बार आरव से खुलकर बात की।

"हाय आरव, I hope तुम्हें कोई प्रॉब्लम नहीं है हम लोग के साथ ग्रुप करने में," भव्या ने कहा।

आरव मुस्कराया, "नहीं-नहीं, बिल्कुल भी नहीं। Actually, मैं खुश हूँ कि आप सब मेरे ग्रुप में हो। आइडियाज शेयर करेंगे और मिलकर कुछ अच्छा बनाएंगे।"

मीरा ने कहा, "हम लोगों ने भी कुछ बिजनेस आइडियाज सोचे हैं, लेकिन हमें तुम्हारी मदद चाहिए कि कैसे प्रेजेंट करें।"

आरव ने कहा, "कोई चिंता मत करो। आज के बाद हम रोज़ एक घंटे के लिए लाइब्रेरी में मिलेंगे और काम करेंगे।"

मेघा ने सिर हिलाया, "Done. वैसे भी संजना मैम ने कहा था कि हमें तुमसे पढ़ाई सीखनी है।"

तीनों ने हल्के से हँसते हुए एक-दूसरे को देखा, और आरव थोड़ा सा शरमा गया।

वहीं दूर से प्रिया सब कुछ देख रही थी। उसके चेहरे पर एक अजीब सी मुस्कान थी—जिसमें हलकी सी जलन, लेकिन ज्यादा गर्व छिपा हुआ था।

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अगले दिन की क्लास:

संजना मैम ने प्रेजेंटेशन के लिए टॉपिक डिसाइड करवाया: "Rural E-Commerce Expansion in Chhattisgarh"

आरव ने अपनी नोटबुक खोली और बोला, "हम एक ऐसा मॉडल बना सकते हैं जिसमें गाँवों में भी ऑनलाइन शॉपिंग की सुविधा हो, जिसमें लोकल सप्लायर्स, लोकल ट्रांसपोर्ट और लोकल मजदूरों को शामिल किया जाए।"

भव्या ने तुरंत कहा, "ये तो बहुत ही practical और impactful idea है। मैं अपने पापा से इस बारे में कुछ डेटा ला सकती हूँ।"

मीरा ने कहा, "और मैं इसके legal aspect पर कुछ रिसर्च करूँगी।"

मेघा बोली, "मैं इस मॉडल का पूरा financial structure बना सकती हूँ।"

आरव मुस्कराया, "तो फिर हमारा प्रेजेंटेशन टॉप क्लास होगा।"

तीनों लड़कियों ने पहली बार आरव के साथ बैठकर गंभीरता से पढ़ाई की। और उस एक घंटे में, न सिर्फ बिजनेस आइडिया बना, बल्कि एक अनकहा रिश्ता भी आकार लेने लगा था।

(जारी है...)

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