Chapter 12: Stage पर चार सितारे

कॉलेज का बड़ा दिन आ चुका था। पूरे कॉमर्स डिपार्टमेंट में एक अलग ही जोश था। आज फर्स्ट ईयर के छात्रों का बिज़नेस प्रेजेंटेशन था। क्लासरूम को सजाया गया था और सभी स्टूडेंट्स को फॉर्मल ड्रेस में आने को कहा गया था। लड़कों ने शर्ट-पैंट और ब्लेज़र पहना था, वहीं लड़कियां रंग-बिरंगी साड़ियों में किसी पर्व की तरह सज चुकी थीं।

आरव ने हल्के नीले रंग की शर्ट, नेवी ब्लू पैंट और उस पर मैचिंग टाई पहनी थी। उसके बाल हल्के से सेट किए हुए थे, चेहरा निखरा हुआ था और आँखों में आत्मविश्वास की चमक थी। उसे देख कर ऐसा लग रहा था जैसे वो किसी फिल्म का हीरो हो। बाकी लड़के उसके सामने फीके और सामान्य लग रहे थे।

भव्या ने गुलाबी साड़ी पहनी थी जिसमें उसकी नाज़ुक सी मुस्कान और भी प्यारी लग रही थी। मीरा ने नीली सिल्क साड़ी पहन रखी थी जो उसकी तेज़ और समझदार शख़्सियत को उभार रही थी, वहीं मेघा ने हल्के पीले रंग की साड़ी में सादगी और खूबसूरती का मेल दिखाया। तीनों लड़कियां स्टेज के किनारे खड़ी थी और बार-बार आरव की तरफ देख कर मुस्कुरा रही थीं।

क्लास में मौजूद हर लड़का उन्हें साथ देखकर जल रहा था, कोई बुदबुदा रहा था — "यार ये आरव के साथ ही क्यों?" किसी ने मज़ाक में कहा, "इस बंदे के तो दिन फिर गए।" लेकिन आरव के चेहरे पर बस शांति और ध्यान था। उसके लिए ये इवेंट खुद को प्रूव करने का मौका था, न कि दिखावा।

प्रिया ने भी हल्की हरे रंग की सुंदर साड़ी पहनी थी। वो आज बहुत सुंदर लग रही थी, लेकिन जब उसकी नजर आरव पर पड़ी जो तीनों लड़कियों के साथ तैयार खड़ा था, उसके दिल में एक अजीब सी चुभन हुई। पर वो एक परिपक्व लड़की थी, उसने अपने चेहरे पर वो भावना ज़ाहिर नहीं होने दी। बस हल्की मुस्कान में सब कुछ छुपा लिया।

HOD संजना मिश्रा क्लास में आयीं, वो भी आज ट्रेडिशनल साड़ी में थीं और उनकी उपस्थिति ही पूरे माहौल को और अधिक सम्मानजनक बना रही थी। उन्हें इस बात का अंदाज़ा नहीं था कि जितनी लड़कियां क्लास में आरव से प्रभावित हैं, उतना शायद ही किसी और से रही हों। उनके लिए आज सिर्फ स्टूडेंट्स का परफॉर्मेंस मायने रखता था।

सबसे पहले प्रिया के ग्रुप का नंबर आया। प्रिया ने बढ़िया तरीके से प्रेजेंटेशन दिया। उसका ग्रुप भी अच्छा था लेकिन उसका ध्यान बार-बार आरव की तरफ चला जाता। वो सब कुछ ठीक कर रही थी, मगर आरव की तरफ खिंचाव उसे विचलित कर रहा था।

इसके बाद नंबर था आरव के ग्रुप का। जब आरव, भव्या, मीरा और मेघा स्टेज पर चढ़े, तो क्लास में जैसे सन्नाटा सा छा गया। चारों एकदम प्रोफेशनल दिख रहे थे। भव्या ने मार्केटिंग का हिस्सा लिया, मीरा ने लीगल और फाइनेंशियल से जुड़े पॉइंट्स बोले, मेघा ने अकाउंटिंग और टैक्सेशन का हिस्सा समझाया और अंत में आरव ने पूरा प्रेजेंटेशन का सार, उसका बिज़नेस मॉडल और उसका भविष्य कैसे स्केलेबल हो सकता है — उस पर इतनी सरल और प्रभावी भाषा में बात की कि सब दंग रह गए।

पूरे क्लास ने तालियाँ बजाईं। HOD ने भी मुस्कुराते हुए कहा, “Excellent work! This is what I expect from commerce minds.”

प्रिया ने तालियों के बीच मुस्कुराकर देखा, मगर उसके दिल में हल्की जलन बाकी थी, जो शायद अब बढ़ने वाली थी। तीनों लड़कियों ने स्टेज से उतरते वक़्त आरव को देखकर हल्की सी मुस्कान दी, और आरव ने विनम्रता से सिर झुका कर ‘थैंक यू’ कहा।

क्लास की नजरों में आरव अब सिर्फ़ एक स्टूडेंट नहीं, एक चार्मिंग, टैलेंटेड और प्रेजेंटेबल इंसान बन चुका था। और ये बस शुरुआत थी...