सभी किताबें पढ़ने के बाद, अभय इस दुनिया के बारे में बहुत कुछ जान चुका था। और उसे जादू के बारे में जानने के बाद उसमें काफी इंटरेस्ट आने लगा था।
फिर भी उसके चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ दिखी जा सकती थीं। क्योंकि उसे इस बारे में कुछ नहीं पता था कि दूसरी और उसके शरीर के साथ क्या हुआ होगा। उसे इस बात का डर था कि कहीं उसके घरवाले उसका अंतिम संस्कार कर ना दें।
और उसे इस शरीर की असली मालकिन के बारे में भी ज्यादा कुछ नहीं पता था। उसे उसके बारे में बस दो-चार बातें ही पता थीं कि वह एक राजकुमारी है, जिसका नाम आशा है। इसके अलावा, वह इस बारे में और कुछ नहीं जानता था।
तभी उसे नौकरानी की याद आती है, जो उसे इस बारे में सब कुछ बता सकती थी। वैसे ही वह ये सोच रही है कि मेरी याददाश्त जा चुकी है। इसी वजह से वह दोबारा से नौकरानी को बुला लेता है।
अभय को इस बात से हैरानी हो रही थी कि उसके बार-बार बुलाने से नौकरानी बिल्कुल भी परेशान नहीं हुई थी। बल्कि उसके चेहरे पर एक हल्की सी स्माइल थी। अभय बोलता है, "तुम्हें तो इस बारे में पता है कि मेरी यादाश जा चुकी है, तो क्या तुम मुझे मेरे बारे में सब कुछ बता सकती हो?"
जो सुनकर नौकरानी भी इस बात को मान जाती है, और उसे बताना शुरू करती है कि आप इस विराट साम्राज्य की केवल राजकुमारी हैं, जिसका नाम वीर स्थल है। फिर वह राजकुमारी की तारीफ करना शुरू करती है, और बोलती है, "आप बचपन से ही इतनी प्रतिभाशाली थीं कि 5 साल की उम्र में ही आपने अपनी स्पिरिट पावर को अवेक कर लिया था। और इस पूरे राज्य में आपसे ज्यादा प्रतिभाशाली हीलर कोई और नहीं है।"
जिससे अभय के जादूगर बनने के सपने चकनाचूर हो चुके थे। फिर अभय बोलता है, "अच्छा, तुम यह बताओ कि क्या कोई अपने अंदर दो अलग-अलग ऊर्जा को संग्रहित कर सकता है?"
नौकरानी अचानक से राजकुमारी के इस सवाल से थोड़ी हैरान थी, लेकिन वह उत्तर देती है, "ऐसा नामुमकिन है। अगर कोई ऐसा करने की कोशिश करेगा, तो उसकी आत्मा पर काफी ज्यादा जोर पड़ेगा, जिससे वह नष्ट भी हो सकती है।"
यह सुनकर अभय की उम्मीदें चकनाचूर हो चुकी थीं, क्योंकि अभय ने किताबों में पढ़ा था कि इंसान अलग-अलग ताकतों को जगाने के लिए अलग-अलग ऊर्जाओं का इस्तेमाल करता है। और जो लोग माना का इस्तेमाल करते हैं, वह लोग जादूगर कहलाते हैं। और जो लोग स्पिरिट पावर का इस्तेमाल करते हैं, वह सभी हीलर या फिर स्पिरिट समनर बन सकते हैं।
और जो लोग ऑरा को आवेक करते हैं, वह लोग एक योद्धा बन सकते हैं।
लेकिन नौकरानी की बातें सुनने के बाद, अभय अब सदमे में था। क्योंकि अब वह जादू बिल्कुल नहीं सीख सकता था। फिर राजकुमारी के बारे में सब कुछ जानने के बाद, अब वह थोड़ा विश्वास हो चुका था कि वह यहां पर कुछ समय तक टिक सकता है।
उसने हीलिंग मंत्रों वाली एक किताब मँगवाई और अपनी स्पिरिट पावर का उपयोग करने की कोशिश की, लेकिन वह इसमें बिल्कुल असफल रहा। इससे अब अभय को काफी बुरा लग रहा था, क्योंकि वह न तो जादूगर बन सकता था और न ही एक हीलर।
उसे अंदर से अपार स्पिरिट पावर महसूस हो रही थी, लेकिन उसे यह स्वीकारने की तैयारी नहीं थी। अब उसे वह स्वीकारना पड़ गया था कि वह स्पिरिट पावर का इस्तेमाल नहीं कर सकता।
मन को शांति देने के लिए, अब वह बाहर घूमने निकला। तभी उसे रास्ते में एक नौजवान आदमी दिखाई दिया, जो उसकी ओर आ रहा था। अभय की साइड में चल रही नौकरानी ने उसे बताया कि वह आपका मंगेतर है।
नौजवान आदमी की ओर देखते ही, अभय को थोड़ा अजीब लग रहा था। जो राजकुमारी के सामने था। उसका नाम प्रताप था। प्रताप लंबा, चौड़ा और सुंदर काया का व्यक्ति था।
अभय के सामने आकर रूकता है, जो अभी राजकुमारी के शरीर में था। प्रताप उन्हें बोलता है, "राजकुमारी, शुक्र है कि आप हमें यहां पर मिल गईं। हम आपके लिए तोहफे लाए हैं।" कहते हुए, वह अपने पास से एक खंजर निकालता है।
खंजर काफी सुंदर और नोकिला था, लेकिन अभय को समझ में नहीं आ रहा था कि यह पागल आदमी उसे खंजर क्यों दे रहा है। लेकिन अभय भी सीधे समझता है कि उसे इस स्थिति के हिसाब से खंजर लेना चाहिए।
थोड़ी कंफ्यूजन में, वह पूछता है, "तुम मुझे ये मामूली खंजर क्यों दे रहे हो?" राजकुमारी के मुंह से निकले शब्दों को सुनकर, प्रताप थोड़ा हैरान होकर कहता है, "क्या आपने ही इसे मुझसे तोहफे में नहीं मांगा था?"
और आप इसे 'मामूली' खंजर कैसे कह सकती हैं? यह एक विशेष खंजर है जो सीधे आपकी आत्मा के साथ कॉन्ट्रैक्ट बनाता है, और जब भी चाहें, आप इसे बुला सकते हैं अपने पास। इसमें खुद की चेतना भी है, जो अपने मालिक की रक्षा के लिए स्वत: ही कार्रवाई करती है।
"यह हमारी तरफ से आपके लिए जन्मदिन का तोहफा है," कहते हुए प्रताप अपने चेहरे पर मुस्कान के साथ आशा के चेहरे की ओर देखता है। फिर प्रताप बोलता है, "क्या आप इसके साथ कॉन्ट्रैक्ट बनाना चाहेंगी?"
इसे पाने के लिए हमने दिन-रात कड़ी मेहनत की। अभय को कॉन्ट्रैक्ट बनाने के बारे में कुछ ज्यादा नहीं पता था। जो सुनकर उसके साइड में खड़ी नौकरानी उसके कान में बोलती है। आपको बस इस खंजर के सामने अपना नाम दोहराना होगा और बोलना होगा कि आप इस खंजर को अपनी आत्मा से जोड़ना चाहती हैं।
अभय थोड़ा घबराया हुआ था। तभी नौकरानी बोलती है, "राजकुमारी, आपको इसके साथ कॉन्ट्रैक्ट कर लेना चाहिए। वैसे भी यह खंजर कोई आम खंजर नहीं है, बल्कि एक लीजेंडरी हथियार है।"
और यह आपकी जान बचाने के लिए कभी भी किसी भी जगह पर आपके पास आ सकता है, चाहे आप किसी और दुनिया में भी हो। जो सुनकर अभय हिचकिचायाते हुआ बोलता है, "मैं अभय, मेरा मतलब आशा, यानी राजकुमारी आशा, इस खंजर को अपनी आत्मा से जोड़ना चाहता हूं।"
प्रताप राजकुमारी के इस तरह के व्यवहार से काफी हैरान था, लेकिन वह इस बारे में कुछ कहना नहीं चाहता था। थोड़ी देर तक इंतजार करने के बाद भी कुछ नहीं होता, जो देखकर अभय अपने आसपास देखने लगता है।
प्रताप भी इस चीज को देखकर थोड़ा हैरान था और बोलता है, "लगता है कुछ खराबी हो चुकी है। चिंता मत कीजिए, मैं इस खराबी को ठीक करवा कर ही रहूंगा।"
लेकिन अभय बोलता है, "तुम चिंता मत करो, मैं इसे वैसे भी अपने पास रख लेता हूं।"
अब समझ चुका था कि यह खंजर सीधा किसी की आत्मा से संबंध बनाता है, लेकिन इसके लिए उसे आत्मा का सही नाम लेना जरूरी है और अभय अपना नाम ले ना लेकर बल्कि राजकुमारी का नाम ले रहा था। इसलिए वह इस खंजर से कॉन्ट्रैक्ट बिल्कुल नहीं बन पा रहा था।
कुछ बहाने बनाकर अभय उसे खंजर को अपने पास रख लेता है। वैसे भी नौकरानी के मुंह से इस खंजर के बारे में तारीख सुनने के बाद वह इसे अब अपने हाथ से जाने नहीं देना चाहता था।
अभय ने ढेर सारे इसी तरह के गेम खेले थे, जिसमें लीजेंडरी हथियार का मिलना मुश्किल नहीं था, लगभग नामुमकिन होता था। और उसे तो यह इतनी आसानी से मिल रहा था। तो वह इसे अपने हाथ से इतनी आसानी से कैसे जाने देता?
फिर अभय वहां से निकल जाता है और वहीं दूसरी ओर प्रताप को राजकुमारी का व्यवहार बदला बदला हुए लग रहा था। पर वह इस बारे में ज्यादा नहीं सोचता और सीधे राजा से मिलने चला जाता है।
अभय भी अपने आसपास के नजारे देखकर काफी हैरान हो रहा था, क्योंकि हर जगह पर जादू और चमत्कारी चीजों का उसे सामना हो रहा था। अब वह देख रहा था कि एक सैनिक अपनी तलवार से कुछ लाल रंग की तरंगे निकाल रहा था।
उसके हमले से पेड़ के कई टुकड़े हो चुके थे। राजकुमारी को अपने सामने देखकर सैनिक बोलता है, "राजकुमारी की जय हो," यह कहकर वह राजकुमारी के सामने झुक जाता है।
मामूली से सैनिक की इतनी ताकत देखकर अभय काफी हैरान था, क्योंकि वह एक छोटे से सैनिक होने के बावजूद इतनी खतरनाक शक्तियाँ रखता था। इसे देखकर अभय अपने आप को कमजोर महसूस कर रहा था, लेकिन उसे खंजर से कुछ उम्मीद थी।
शायद ये उसकी थोड़ी ताकत बढ़ा सकती थी और उसे यहाँ पर थोड़ा सुरक्षित महसूस करने में मदद कर सकती थी। इसलिए अभय के लिए खंजर के साथ उससे कॉन्ट्रैक्ट करना भी जरूरी था। अब इस बारे में भी वह थोड़ा घबराया हुआ था कि क्या वह खंजर से कॉन्ट्रैक्ट बना पाएगा या नहीं, क्योंकि उसकी आत्मा इस दुनिया की बिल्कुल नहीं है।