हम तुम्हारी शादी करना चाहते हैं।
अगर तुम्हें कोई पसंद है तो बेटा तुम हमें बता सकती हो । उसके दादाजी ने पूछा।
नहीं मेरी लाइफ में कोई नहीं है । उसने साफ मना कर दिया।
तो तुम्हारे लिए लड़का जो पसंद करेंगे ।
उससे तुम मिलना पसंद करोगी।
मिलन क्या है ।आप मेरे लिए जो डिसीजन लेगे वह बिल्कुल सही होगा ।
आप मेरे लिए लिए अकेले फैसला कर सकते हैं।
मुझे पता है आप दोनों मुझे देखकर जीते हो।
मेरे लिए कोई गलत फैसला कैसे कर सकते हो ।
जीती रहो बेटी।
तुम्हें जिंदगी में हर खुशी मिले ।उसके दादा ने उसे गले लगा लिया ।
उसके बाद उसके दादा ने अपने छोटे बेटे मतलब सीरत के चाचा को दिल्ली फोन लगा लिया ।
अरुण मुझे तुमसे बात करनी थी ।
मैं सोच रहा था कि मुझे निलेश सीरत के लिए पसंद है।
तो हम लोग दिल्ली आ रहे हैं ।नीलेश के साथ सीरत के रिश्ते की बात चलने के लिए ।
तभी फोन उसकी पत्नी पकड़ लेती है ।
बाबूजी मैं भी आपसे यह बात करने वाली थी।
मुझे रीना के लिए निलेश बहुत पसंद है ।
हम तो कब से आपका इंतजार कर रहे थे।
आप आओ तो राम जी दास सिंघानिया से बात करो रिश्ते के लिए और मुझे लगता है निलेश भी रीना को पसंद करता है। रीमा ने कहा।
मगर मैंने तो सिरत के लिए निलेश को पसंद किया था। दादाजी कहने लगे।
सीरत बड़ी है उधर अर्जुन बड़ा है ।
आप अर्जुन से सीरत का रिश्ता करो
और रीना का निलेश से ।
दोनों बहने एक ही घर में चली जाऊंगी ।
अब रीना छोटी है उसका रिश्ता तो अर्जुन से हो नहीं सकता ।
उसके बाद दादा जी और दादी जी एक दिन के लिए अकेले दिल्ली आए थे। सीरत उसे टाइम अपनी फ्रेंड्स के साथ अपनी सहेली की शादी पर गई हुई थी।
रविकांत शर्मा रामजी दास से अर्जुन और निलेश दोनों की शादी की बात करते हैं ।यह सुनकर रामजी दास खुश हो जाते हैं ।
थोड़ी ना नुकर के बाद अर्जुन भी शादी के लिए मानना पड़ता है।
तो वो लोग सगाई का दिन फिक्स करने के बाद वापस मोहाली जाते हैं । तभी सीरत को पता चलता है कि उसकी शादी अर्जुन सिंघानिया से फिक्स हो चुकी है और मुझे सुनकर उसकी तो जान निकल जाती है ।
मुझे क्या जरूरत थी।और वह चाह कर भी आप दादा-दादी को मना नहीं कर सकती। क्योंकि हां तो उसने खुद ही कहा था !तो इस तरह से बेचारी हमारी सीरत फंस चुकी थी ।
रौनी उसके चाचा का बेटा था जो के 10th क्लास में पढ़ता था और उसकी और सीरत की खूब बनती थी ।अब दोनों को डर लग रहा था कि सुबह उन दोनों को कहीं डांट ना पड़े।
सीरत भी सोने की कोशिश करती है। उधर रौनी भी सोने के लिए चला जाता है। सुबह उसका स्कूल था ।
अगले दिन रौनी और सीरत दोनों जल्दी उठे थे।क्योंकि सीरत को तो नींद ही नहीं आई थी कि सिगरेट वाली बात अगर दादाजी को पता चली तो क्या होगा। और बेचारा रौनी भी चैन से नहीं सोया था। उसे तो सभी से डांट पढ़ने वाली थी।
ठीक है मैं स्कूल जा रहा हूं । उसकी गाड़ी गेट से बाहर खड़ी थी ।
सीरत भी उसे छोड़ने गेट तक चली गई ।वो रौनी को बाय कह रही थी।
अर्जुन सिंघानिया गाड़ी से वहां से गुजर रहा था ।उसने गाड़ी रोक ली।
वह गाड़ी से उतरकर उन दोनों के पास चला था ।उन दोनों का ध्यान बिल्कुल भी इस बात पर नहीं था कि अर्जुन उसके पीछे आ चुका है।
ठीक है रौनी हो सकता है हम लोग शाम तक चले जाएं।
जब तक तुम स्कूल से आओ हम चले जाएं।
नहीं दीदी अभी तो आप रहो ना ।
नहीं मुझे जाना है। सीरत ने कहा।
पहले मुझे तुम लोग यह बताओ तुम दोनों रात सिगरेट क्यों पी रहे थे।
अर्जुन उन दोनों के पीछे खड़ा था ।उसने कहा ।
दोनों उसे देखकर घबरा गए थे।
मुझे तो दीदी ने कहा था सिगरेट लाने के लिए ।
मैं पीता नहीं हूं ।रौनी कहने लगा।
और तुम क्यों पी रही थी । अर्जुन ने सीरत से पूछा।
बस ऐसे ही सगाई की खुशी में। उसके मुंह से निकला ।उसने वह कह दिया।
ऐसी खुशी बर्दाश्त नहीं हो सकती जो ऐसे माननी पड़े ।
समझी। उसने सीरत को आंखें दिखाते हुए कहा।
मुझे लेट हो रहा है ।मैं जाऊं भैया ।रौनी ने कहा ।
हां जाओ। वह ड्राइवर के साथ स्कूल की तरफ चला गया।
मगर सीरत फंस गई थी।
मुझे भी तुमसे बात करनी थी। अर्जुन ने सीरत से कहा ।
तभी अर्जुन का कॉल आ गया और वह फोन पर बात करने लगा। सीरे के लिए यही सही टाइम था। वो धीरे से वहां से पीछे हुई और फिर वहां से चली थी। जब अर्जुन का फोन खत्म हुआ तो उसने देखा सीरत तो वहां पर नहीं थी ।
यह लड़की भी हूं बिल्कुल इंपॉसिबल है। कहता हुआ वह अपनी गाड़ी की तरफ चला गया था।
आज तो मैं बच गई मगर उसके साथ में कैसे रहूंगी ।सीरत के दिमाग में बहुत सी बातें घूम रही थी।।
सगाई के अगले दिन दोनों परिवार इकट्ठा बैठे थे शादी की डेट फिक्स हो रही थी तो फैसला किया गया कि ज्यादा ठंड से पहले शादी कर दी जाए तो 13 दिसंबर को पंडित जी ने दोनों भाई और बहनों की शादी एक साथ एक ही दिन होनी थी।
उधर जब माया को अर्जुन की शादी के बारे में पता चला तो उसने बखेड़ा खड़ा कर दिया था ।वह अर्जुन को मिलने के लिए ऑफिस में आ चुकी थी ।
तुम जहां क्यों आई हो मैंने तुम्हें जहां आने से मना किया है ना ।
तुम तो कहते थे केवल सगाई है शादी नहीं होगी।
तो शादी की डेट क्यों फिक्स हुई है।
मैंने तुमसे कहा है ना कि शादी नहीं हो रही।
फिक्र मत करो जो मैंने कहा है वही होगा।
एक बार याद रखो अगर यह शादी हो गई तो मैं तुझे उस बच्ची से कभी मिलने नहीं दूंगी।
तुम जिंदगी में उनका चेहरा देखने के लिए भी तरसोगे
और तुम्हें पता है इस बात का कि मैं कभी झूठ नहीं बोलती ।
कहती हुई वह ऑफिस से चली गई और अर्जुन ऑफिस में परेशान बैठा हुआ था ।माया को लेकर बहुत परेशान था। वह किसी भी तरह उसकी बात नहीं मान रही थी।